एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड का आईपीओ लाने जा रही है। कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) प्रसन्न कुमार मोटुपल्ली ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि लिग्नाइट से लेकर पावर प्रोडक्शन तक का कारोबार करने वाली कंपनी अगले वित्त वर्ष (2025-26) की पहली तिमाही तक आईपीओ लॉन्च करने की योजना बना रही है। मोटुपल्ली ने कहा कि पब्लिक सेक्टर की कंपनी का प्लान 2030 तक अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी को मौजूदा 1.4 गीगावाट से बढ़ाकर 6 गीगावाट करने की है।
मोटुपल्ली ने कहा कि आईपीओ के माध्यम से जुटाई गई राशि का उपयोग क्लीन एनर्जी एक्सपेंशन प्लान में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी इस उद्देश्य के लिए विदेशी कंपनियों और बैंकों से सॉफ्ट लोन की व्यवस्था करने की भी योजना बना रही है। एनएलसी इंडिया कोयला मंत्रालय के तहत एक नवरत्न कंपनी है। इसका मुख्य बिजनेस खनन और बिजली उत्पादन है।
अक्टूबर तक सरकार से मंजूरी मिलने की उम्मीद
उन्होंने कहा, “आज की तारीख में NLCIL की मौजूदा संपत्तियां उस कंपनी (एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड) को ट्रांसफर की जानी हैं। उस संपत्ति के ट्रांसफर के लिए भारत सरकार से कुछ छूट की जरूरत है। इसलिए यह प्रक्रिया जारी है। इसलिए, हमें उम्मीद है कि अक्टूबर तक सरकार से मंजूरी मिल जाएगी। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी लिस्ट (आईपीओ) हो जाएगी।”
उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर की इस कंपनी ने न्यू ग्रीन एनर्जी एसेट्स के लिए एक अन्य सब्सिडियरी कंपनी NLC इंडिया ग्रीन एनर्जी लिमिटेड का गठन किया है।
NCL India की 2030 तक बिजली क्षमता को बढ़ाकर 17 गीगावाट करने की योजना
मोटुपल्ली ने कहा कि देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कनवेंशनल थर्मल और रिन्यूएबल पावर जनरेशन के बीच उचित संतुलन की जरूरत होगी। यही वजह है कि कार्बन न्यूट्रल कंपनी एनसीएल इंडिया लिमिटेड थर्मल और रिन्यूएबल एनर्जी स्पेस दोनों क्षेत्रों में क्षमता बढ़ा रही है। एनएलसी इंडिया 6 गीगावाट की कंपनी है जिसमें 1.4 गीगावाट रिन्यूएबल कैपिसिटी और 4.6 गीगावाट थर्मल कैपिसिटी शामिल है। एक गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी जोड़ने वाली देश की पहली कंपनी एनएलसी इंडिया ने 2030 तक अपनी बिजली क्षमता को बढ़ाकर 17 गीगावाट करने की योजना बनाई है।