Shadowfax IPO: लॉजिस्टिक्स सर्विस प्रोवाइडर शैडोफैक्स अपना आईपीओ लाना चाहती है। इसके लिए कंपनी कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास अगले सप्ताह कॉन्फिडेंशियल रूट से ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जमा कर सकती है। कॉन्फिडेंशियल रूट कंपनियों को लिस्टिंग पर अंतिम फैसले पर पहुंचने तक गोपनीयता की सुविधा देता है। अगर जरूरी हो तो वे बाद में बाजार की स्थितियों के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किए बिना ड्राफ्ट को वापस भी ले सकती हैं।
कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग कंपनियों को सेंसिटिव बिजनेस डिटेल्स या फाइनेंशियल मेट्रिक्स और रिस्क्स को गोपनीय रखने की इजाजत देती है, खासकर कॉम्पिटीटर्स से। दूसरी ओर स्टैंडर्ड DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) फाइलिंग के बाद एक पब्लिक डॉक्युमेंट बन जाता है।
आईपीओ में नए शेयर भी जारी किए जाएंगे और मौजूदा शेयरहोल्डर्स की ओर से ऑफर फॉर सेल भी रहेगा। कंपनी को अपनी वैल्यूएशन 8500 करोड़ रुपये के आसपास रहने की उम्मीद है। कंपनी में अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म TPG, फ्लिपकार्ट, एट रोड्स वेंचर्स, मिरे एसेट वेंचर्स और नोकिया ग्रोथ फंडस जैसे दिग्गजों का पैसा लगा हुआ है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शैडोफैक्स के आईपीओ का साइज 2000 से 2500 करोड़ रुपये के बीच रह सकता है।
कहां होगा IPO के पैसों का इस्तेमाल
पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि Shadowfax आईपीओ में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों का इस्तेमाल क्षमता बढ़ाने, ग्रोथ के लिए और कंपनी के नेटवर्क बिजनेस में और इनवेस्टमेंट के लिए किया जाएगा। शैडोफैक्स ने इस साल फरवरी में लगभग 6000 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन पर फंड जुटाया था। शैडोफैक्स को साल 2015 में IIT दिल्ली के स्टूडेंट रह चुके अभिषेक बंसल, वैभव खंडेलवाल, प्रहर्ष चंद्रा और गौरव जैथलिया ने शुरू किया था।
कंपनी का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क 2200 से ज्यादा शहरों और 14300 से ज्यादा पिन कोड्स को कवर करता है। शैडोफैक्स के रेवेन्यू में सबसे ज्यादा योगदान ई-कॉमर्स सेगमेंट का है। कंपनी के कुल बिजनेस का लगभग 75 प्रतिशत ई-कॉमर्स से है। बाकी का बिजनेस क्विक कॉमर्स और हाइपरलोकल डिलीवरी से आता है।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।