Indogulf Cropsciences IPO: ₹200 करोड़ के आईपीओ में पैसे लगाएं? ग्रे मार्केट और एक्सपर्ट से मिले ये संकेत

Indogulf Cropsciences IPO: इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेज फसलों से जुड़े केमिकल्स से बनाती है। अब इसकी स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग की तैयारी है। आज इसका ₹200 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। पैसे लगाने से पहले चेक करें आईपीओ और कंपनी की कारोबारी सेहत से जुड़ी पूरी डिटेल्स और जानिए कि एक्सपर्ट का इस इश्यू को लेकर क्या रुझान है?

अपडेटेड Jul 03, 2025 पर 9:25 AM
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Indogulf Cropsciences IPO: इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेज के ₹200.00 करोड़ के आईपीओ में ₹105-₹11 के प्राइस बैंड और 135 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकते हैं।

Indogulf Cropsciences IPO: फसलों से जुड़े प्रोडक्ट्स बनाने वाली इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेज का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है। आईपीओ खुलने से पहले 5 एंकर निवेशकों- एबेकस डाइवर्सिफाइड अल्फा फंड, विने ग्रोथ फंड, स्वयोम इंडिया अल्फा फंड, सनराइज इंवेस्टमेंट ट्रस्ट-सनराइज इंवेस्टमेंट अपॉर्च्यूनिटीज फंड और राजस्थान ग्लोबल सिक्योरिटीज से इसने ₹58.20 करोड़ जुटा लिए हैं। अब आज जब ₹200 करोड़ का यह आईपीओ खुला तो फिलहाल (खबर लिखे जाने के समय) यह 6% ही भर पाया है। यहां आईपीओ से जुड़ी, कंपनी की कारोबारी सेहत से जुड़ी डिटेल्स दी रही है और एक्सपर्ट का रुझान भी दिया जा रहा है।

Indogulf Cropsciences IPO की डिटेल्स

इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेज के ₹200.00 करोड़ के आईपीओ में ₹105-₹11 के प्राइस बैंड और 135 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकते हैं। यह इश्यू आज 26 जून को खुला है और 30 जून को बंद होगा। इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित है जबकि 15% नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 35% खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 1 जुलाई को फाइनल होगा। फिर बीएसई और एनएसई पर 3 जुलाई को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार बिगशेयर सर्विसेज है।


इस आईपीओ के तहत ₹160.00 करोड़ के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा ₹10 की फेस वैल्यू वाले 36,03,603 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹65.00 करोड़ वर्किंग कैपिटल की जरूरतों, ₹34.12 करोड़ कर्ज चुकाने और ₹14.00 करोड़ हरियाणा के सोनीपत जिले के बरवसनी में इन-हाउस ड्राई फ्लोएबल (DF) प्लांट के सेटअप और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।

Indogulf Cropsciences के बारे में

वर्ष 1993 में बनी इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेज फसलों से जुड़े केमिकल्स से बनाती है। यह प्लांट न्यूट्रिएंट्स और बॉयोलॉजिकल्स बनातीहै। कंपनी ने वर्ष 2019 में 96.5% शुद्धता के साथ स्पाइरोमेसिफेन टेक्निकल बनाया। यह देश में 97% शुद्धता के साथ प्याराजोसुलफुरोन एथिल (Pyrazosulfuron Ethyl) टेक्निकल बनाने वाली देश की पहली स्वदेशी कंपनियों में शुमार है। इसके चार मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज हैं जिसमें से दो जम्मू एंड कश्मीर के सांबा और दो हरियाणा में हैं। कंपनी का सेल्स नेटवर्क देश के 22 राज्यों और 3 यूनियन टेरिटरीज में है। इसके 169 बिजनेस पार्टनर्स और 5,772 डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं और साथ ही देश के बाहर 34 देशों में इसके 129 पार्टनर्स हैं।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे ₹26.36 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर ₹22.42 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 में ₹28.23 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 4% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹555.79 करोड़ पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो अप्रैल-दिसंबर 2024 में इसे ₹21.68 करोड़ का शुद्ध मुनाफा और ₹466.31 करोड़ का रेवेन्यू हासिल हुआ था।

Indogulf Cropsciences IPO: पैसे लगाएं या नहीं?

ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी का मानना है कि मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी, आरएंडडी पर फोकस, मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन और सेल्स नेटवर्क, और डाईवर्सिफाइड प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को देखते हुए लॉन्ग टर्म में कंपनी की ग्रोथ अच्छी दिख रही है। चूंकि यह इंडस्ट्री साइक्लिकल हैं और सरकारी पहल पर अधिक निर्भर है, कंज्यूमर की पसंद ऑर्गेनिक प्रोडक्शन पर शिफ्ट हो रही है और इश्यू फुल्ली-प्राइस्ड है तो ब्रोकरेज का मानना है कि यह लॉन्ग टर्म में ग्रोथ अच्छी दिख रही है। पिछले कुछ वर्षों मे कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद इसका रेवेन्यू और मुनाफा लगभग स्थायी रहा। इन सब बातों को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म ने इस इश्यू को 'सब्सक्राइब' रेटिंग दी है। अब ग्रे मार्केट में बात करें तो इसके शेयर आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से ₹11 यानी 10% की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल के आधार पर ही निवेश का फैसला लेना चाहिए।

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