गुरुप्रीति सिदाना

बजट 2021 की उल्टी गिनती शुरु हो गई है। सबकी नजरें इस  बात पर लगी हुई हैं कि सरकार पूरी दुनिया में फैली महामारी के बीच इकोनॉमी और देश के समक्ष खड़ी तमाम चुनौतियों से निपटने के लिए क्या करती है।

गौरतलब  है कि COVID-19 महामारी के पहले भी इंडियन इकोनॉमी बहुत अच्छी स्थिति में  नहीं थी। इकोनॉमी के समक्ष खपत में गिरावट,एनबीएफसी संकट और रुलर डिमांड में कमजोरी जैसे चुनौतियां थी। हालांकि जैसे ही इन समस्याओं से उबरने के हल्के संकेत दिखने लगे वैसे ही कोरोना महामारी का झटका लग गया जिसको देखते हुए सरकार ने कठोर लॉकडाउन की घोषणा कर दी। यह देश के लिए अभूतपूर्व अनुभव रहा। इससे ना केवल पूरी इकोनॉमी ठहर सी गई बल्कि लाखों लोगों को अपनी रोजी-रोटी से हाथ धोना पड़ा।

कोरोना के चलते लागू लॉकडाउन के चलते भारत की जीडीपी में पहली तिमाही में 23.9 फीसदी का संकुचन देखने को मिला जो उभरती और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सबसे खराब था। नुकसान को रोकने के लिए COVID केस में हल्की गिरावट आते ही दुनिया भर की सरकारों और भारत ने भी लॉकडाउन में नरमी देने और इकोनॉमिक गतिविधियां शुरु करने की नीति अपनाई।

इसके साथ ही सरकार ने इस आर्थिक  संकट से निपटने के लिए प्रो -एक्टिव रणनीति अपनाई औऱ इकोनॉमी को फिर से ट्रैक पर लाने के  लिए  20 ट्रिलियन रुपये के पैकेज का एलान किया। इस पैकेज के तहत  आम लोगों को नकदी उपलब्ध करवाने से लेकर, कारोबारियों को लिक्विडिटी और क्रेडिट सपोर्ट उपलब्ध कराने पर फोकस किया गया।

इन सब कोशिशों और लॉकडाउन में नरमी, पेंटअप डिमांड और त्यौहारी सीजन की मांग के चलते हमें इकोनॉमी में अच्छी रिकवरी देखने को मिली लेकिन यह रिकवरी कितनी  टिकाऊ रहती है यह भी एक सवाल बना हुआ है। हमारा विश्वास है कि वित्तीय मुश्किलों के बावजूद बजट में सरकार का फोकस इकोनॉमी को फिर से  ट्रैक पर लाने के लिए तमाम तरह के डिमांड बूस्टर लाने पर होगा।

ग्रोथ के अभी भी समान्य स्तर से नीचे होने  की स्थिति में इस बात की उम्मीद है कि आगामी बजट में सरकार का फोकस Infrastructure, Rural,और  Healthcare जैसे सेक्टरों में खर्च बढ़ाने पर होगा। इससे सेमी स्किल्ड  वर्करों के लिए रोजगार के मौके पैदा होंगे। इसके साथ ही MSMEs सेक्टर द्वारा बनाए गई वस्तुओं और उनके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के लिए मांग बढ़ेगी और ओवरऑल खपत में बढ़त देखने को मिलेगी।

इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत पर फोकस के चलते उम्मीद है कि इस बजट में MSMEs सेक्टर में ढ़ांचागत सुधार, कौशल विकास और एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए तमाम कदम उठाए जा सकते है।

टैक्स में राहत की बहुत कम उम्मीद

हर बार की तरह इस बार भी लोग बजट में टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत की उम्मीद लगा कर बैठे हैं। लोगों को  indirect और direct टैक्सों में राहत की उम्मीद है लेकिन यह बात ध्यान रखने की है कि भारत सरकार कोविड महामारी और कम कर वसूली के चलते पहले ही वित्तीय मुश्किल के दौर से गुजर रही है जिसको ध्यान में रखते हुए इस बात की उम्मीद है कि बजट 2021 में टैक्स के मोर्चे पर  कोई बड़ी राहत नहीं मिलेगी। हालांकि हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स ब्रेक में कुछ राहत सैलरीड क्लास के लिए अच्छी खबर होगी।

आगे बढ़ सकता है विनिवेश का लक्ष्य

वित्त वर्ष 2021 के लिए सरकार के विनिवेश के लक्ष्य को कोरोना महामारी के चलते बड़ा झटका लगा। इस साल सरकार विनिवेश के जरिए केवल 22,000 करोड़ रुपये जुटा पाई जबकि 2.1  लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया था। हमें उम्मीद है कि सरकार वित्त वर्ष 2022 के लिए अपने इस विनिवेश लक्ष्य को आगे बढ़ा सकती है। विनिवेश से मिले पैसे से सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों की फाइनेंसिंग में सहायता मिलेगी। सरकार के विनिवेश प्लान में Air India, BPCL, Container Corporation, Shipping Corporation का निजीकरण और  LIC के IPO की लिस्टिंग शामिल हो सकती है।

fiscal deficit की चिंता को दरकिनार करने की जरुरत

सरकार के fiscal deficit के लक्ष्य को कोरोना महामारी के चलते बड़ा झटका लगा है. कोरोना की वजह से टैक्स कलेक्शन को भारी झटका लगा है। हालांकि हालिया इकोनॉमिक रिकवरी के चलते टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी हुई है इसके बावजूद इस बात की संभावना है कि इस वित्त वर्ष में 3.5 फीसदी के अनुमान के मुकाबले 7 फीसदी से ज्यादा का deficit देखने को मिल सकता है। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2022 के लिए सरकार का फोकस इकोनॉमी में सुधार और खर्च बढ़ाने की वित्तीय नीति पर होगा।

शेयर बाजार के नजरिए से देखें तो  निवेशक और कारोबारी बजट से काफी उम्मीद बांधे बैठे है लेकिन बजट से मिली कोई निराशा बाजार में मुनाफावसूली को प्रेरित कर सकती है।

हमारा मानना है कि बजट में सरकार का फोकस ग्रोथ पर होगा। बजट में Make in India, इंफ्रास्ट्रक्चर, दबाव से गुजर रहे सेक्टरों, डिजिटलाइजेशन, जॉब क्रिएशन और इकोनॉमी को फिर से ग्रोथ के रास्ते पर लाने पर फोकस होगा।

गुरुप्रीति सिदाना Religare Broking Ltd में Chief Operating Officer हैं। 


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