22 दिसंबर की तेज गिरावट का बाद लगातार तीसरे गिन गुरुवार को भारतीय शेयर बाजारों में शानदार तेजी देखने को मिली और BSE का सेंसेक्स 47,000 की दहलीज पर पहुंच गया। इस सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन सेंसेक्स 529.36 अंकों की बढ़त के साथ 46,973.54 अंकों पर बंद हुआ। वहीं, NSE का निफ्टी भी 148.15 अंकों की तेजी के साथ 13,749.25 अंकों पर बंद हुआ। शुक्रवार यानी 25 दिसंबर को क्रिसमस के उपलक्ष्य में शेयर बाजारों में छुट्टी है। वर्ष 2018 के बाद इस हप्ते सेंसेक्स में सबसे अधिक तेजी देखने को मिली है। 22 दिसंबर को सेंसेक्स गिरकर 45,163 अंकों पर पहुंचने के बाद फिर से पटरी पर लौट आया और आज 3 बजे 47,000 के आंकड़े को पार कर गया। यानी इन तीन दिनों में सेंसेक्स में 1810 अंकों से अधिक की तेजी आई है। यह 2018 के बाद की सबसे तेज बढ़त है।
आज के कारोबार में आईटी, मीडिया और रियल्टी के स्टॉक्स को छोड़कर सभी मुनाफे में रहे। आज 117 कंपनियों के शेयरों ने अपने 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर को हासिल कर लिया। वहीं, आधा दर्जन कंपनियों के ही शेयर अपने 52-सप्ताह के न्यूनतम स्तर तक फिसल गए। Nifty पर 6.75% की तेजी के साथ टाटा मोटर्स आज का टॉर गेनर रहा। वहीं, 1.36% की गिरावट के साथ इंफोसिस आज का सबसे बड़ा लूजर रहा। वहीं, BSE पर 3.04% के तेजा के साथ एक्सिस बैंक (Axis Bank) टॉप गेनर रहा और 1.32% की गिरावट के साथ यहां भी Infosys ही टॉर लूजर रहा। वहीं, सबसे अधिक एक्टिव आज NSE पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर रहे और BSE पर HDFC बैंक के शेयर रहे।
टॉप गेनर और टॉप लूजर
आज Sensex में शामिल कंपनियों में एक्सिस बैंक का शेयर सबसे अधिक करीब तीन प्रतिशत चढ़ गया। सन फार्मा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक और भारती एयरटेल के शेयर भी लाभ में रहे। वहीं दूसरी ओर इन्फोसिस, इंडसइंड बैंक, एचसीएल टेक, नेस्ले इंडिया और टेक महिंद्रा के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। वहीं, Nifty में शामिल कंपनियों में टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, सन फार्मा, रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी के सेयर सबसे ज्यादा फायदे में रहे। जबकि, इन्फोसिस, नेस्ले इंडिया, विप्रो, UPL, और ग्रासिम के सेयर सबसे ज्यादा नुकसान में रहे।
बाजार के रुख पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
रिलायंस सिक्योरिटीज के प्रमुख रणनीतिकार विनोद मोदी ने कहा, फाइनेंस कंपनियों के शेयरों के समर्थन से शेयर बाजारों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि ब्रेक्जिट ट्रेड डील की संभावना से एशियाई बाजार लाभ के साथ बंद हुए। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिलने से फैली बेचैनी भी थोड़ी कम हुई है और कुछ यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन के लिए दरवाजे फिर से खोल दिए हैं। इससे भी भारत सहित एसियाई देशों के शेयर बाजार को समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि भारत में FPI का इनफ्लो कमजोर डॉलर के कारण बना रहेगाष इससे बाजार में और तेजी आने की उम्मीद है।
वहीं, UTI सिंगापुर के प्रवीण जगवानी ने कहा कि भारतीय स्टॉक्स में काफी तेजी आने की उम्मीद है और देश अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले अधिक तेजी से ग्रोथ करेगा। वहीं, हेज फंड True Beacon के निखिल कामत ने कहा कि कोविड का नया दौर दुनिया को फिर अपनी चपेट में ले सकता है, इसलिए निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए।
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