24 जुलाई 2010
सीएनबीसी आवाज़
सरकार ने स्वायत्तता (ऑटोनॉमी) को लेकर नियामकों का विवाद सुलझा लिया है। सरकार ने नियामकों के एतराज को खत्म करने के लिए एक फॉर्मूला निकाला है जिससे सभी नियामक भी सहमत हैं।
गुरूवार को वित्त सचिव की नियामकों के साथ हुई बैठक में फैसला लिया गया कि हायब्रिड उत्पाद के लिए बनायी जा रही कमिटी में चेयरमैन का पद वित्त मंत्री का ही होगा जबकि वाइस चेयरमैन का जिम्मा आरबीआई गवर्नर को सौंपा जाएगा।
कमिटी में आरबीआई गवर्नर, वित्त सचिव, सेबी, आईआरडीए, पीएफआरडीए, नियामक के तौर पर शामिल होंगे। नए फार्मूले के तहत सभी नियामकों को सम्मान देने के लिए उन्हें विशेष अधिकार दिए जाएंगे।
नए नियमों के तहत किसी भी तरह का विवाद होने पर कमिटी सिर्फ एक नियामक के कहने पर कार्रवाई नहीं करेगी बल्कि दो या दो से ज्यादा नियामकों की शिकायत पर ही कार्रवाई की जाएगी।
नए नियमों का मसौदा पास करने के लिए संसद के मॉनसून सत्र में बिल पेश किया जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले यूलिप के दिशानिर्देश तय करने को लेकर चल रही सेबी और आईआरडीए की तकरार काफी बढ़ गई थी और दिशानिर्देश तय करने को लेकर ये लड़ाई अदालत तक पहुंच गई थी।