Stock Markets Falls: ग्लोबल ट्रेड वार की आशंकाओं के बीच भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार 4 मार्च को भी गिरावट जारी। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 95.87 अंक या 0.13 फीसदी गिरकर 72,990.07 अंक पर आ गया। वहीं निफ्टी 38अंको से भी अधिक टूटकर 22,080 के स्तर पर बंद हुआ। यह लगातार 10वां दिन है, जब निफ्टी गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुआ। डोनाल्ड ट्रंप ने आज से कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। जवाब में कनाडा ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 25% का जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इससे निवेशकों की चिंताएं बढ़ गई हैं। Nifty 50 और BSE Sensex अपने रिकॉर्ड हाई से 16% से अधिक नीचे आ चुके हैं।
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 3 मुख्य वजहें
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार का कहना है कि "ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी इस समय ग्लोबल इकोनॉमी के लिए अनिश्चितता पैदा कर रही है। उनकी टैरिफ नीति पर पलटवरा जरूर होगा, लेकिन जब तक यह जारी रहती है, तब तक ग्लोबल ट्रेड और आर्थिक ग्रोथ पर नकारात्मक असर पड़ता रहेगा। भारत भी इससे अछूता नहीं रहेगा।"
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अमेरिका में बढ़ती महंगाई फेडरल रिजर्व को ब्याज दरें ऊंची बनाए रखने के लिए मजबूर कर सकती है, जिससे अमेरिकी बाजार में करेक्शन या गिरावट आ सकती है। यह भारत जैसे इमर्जिंग मार्केट्स पर और दबाव डालेगी।
2. भारतीय IT सेक्टर पर असर
अमेरिकी की इकोनॉमी से जुड़े कमजोर आंकड़ों के चलते मेरिकी टेक कंपनियों में बीती रात बड़ी गिरावट आई थी। इसका असर आज भारतीय IT शेयरों पर देखने को मिल रहा है। Nifty IT इंडेक्स शुरुआती कारोबार में 1.92% गिर गया, जिससे यह सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाला सेक्टर बन गया।
भारतीय IT कंपनियां अमेरिकी बाजार पर बहुत अधिक निर्भर हैं, और वहां की आर्थिक मंदी इन कंपनियों की सेवाओं की मांग पर असर डाल सकती है। निवेशकों को डर है कि टैरिफ और व्यापार तनाव के कारण भारतीय IT कंपनियों को मिलने वाले आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट्स में गिरावट आ सकती है। इससे TCS, Infosys और Wipro जैसी कंपनियों पर दबाव बढ़ सकता है।
3. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालना जारी है। अक्टूबर से अब तक वे 26 अरब डॉलर से अधिक की पूंजी भारतीय बाजार से निकाल चुके हैं। सिर्फ सोमवार को ही FIIs ने भारतीय शेयरों में से 4,788 करोड़ रुपये की बिकवाली की। यह बिकवाली शेयर बाजार में गिरावट की एक बड़ी वजह बनी हुई है।
ग्लोबल अनिश्चितताओं के चलते निवेशक अब अमेरिकी बॉन्ड और सोने जैसी सुरक्षित संपत्तियों में निवेश करना पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा 'भारत में बेचो, चीन में खरीदो' की रणनीति का भी असर देखा जा रहा है। विदेशी निवेशकों को भारत के मुकाबले चीन का इक्विटी मार्केट अधिक सस्ता लग रहा है।
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