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निफ्टी@20,000: मार्च के बाद शुरू हुई तेजी में 50 में से 49 शेयरों ने निभाई अहम भूमिका

शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला मार्च 2023 के बाद यानी नए फाइनेंशियल ईयर में शुरू हुआ। 16,950 के लेवल तक गिरने के बाद निफ्टी 50 में बढ़ोतरी का दौर शुरू हुआ। इसके बाद से अब तक निफ्टी 50 में 18 पर्सेंट की बढ़ोतरी हो चुकी है। बढ़त वाले टॉप 5 शेयरों में अदाणी एंटरप्राइजेज, टाटा मोटर्स, अदाणी पोर्ट्स , एनटीपीसी और सिप्ला रहे

अपडेटेड Sep 11, 2023 पर 8:20 PM
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इस तेजी में ऑटोमोबाइल स्टॉक्स की अहम भूमिका रही है।

निफ्टी 50 (Nifty 50) आखिरकार 11 सितंबर को 20,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया। निफ्टी सूचकांक ने 20,008.15 का रिकॉर्ड बनाया, जिसमें लार्ज कैप शेयरों का बड़ा योगदान रहा। शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला मार्च 2023 के बाद यानी नए फाइनेंशियल ईयर में शुरू हुआ। 16,950 के लेवल तक गिरने के बाद निफ्टी 50 में बढ़ोतरी का दौर शुरू हुआ। इसके बाद से अब तक निफ्टी 50 में 18 पर्सेंट की बढ़ोतरी हो चुकी है।

निफ्टी 50 सूचकांक के कुल 50 शेयरों में से 49 का इस तेजी में योगदान रहा। सिर्फ एक कंपनी के शेयर में गिरावट रही। बढ़त वाले टॉप 5 शेयरों में अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises), टाटा मोटर्स (Tata Motors), अदाणी पोर्ट्स (Adani Ports), एनटीपीसी (NTPC) और सिप्ला (Cipla) रहे।

इन टॉप 5 शेयरों के साथ महिंद्रा को मिला दिया जाए, तो इन 6 स्टॉक्स में मार्च के बाद 40 पर्सेंट से भी ज्यादा बढ़त देखने को मिल चुकी है। इसके अलावा, इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank), एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस ( HDFC Life Insurance), हीरो मोटोकॉर्प (Hero MotoCorp),लार्सन एंड टुब्रो (Larsen & Toubro) और कोल इंडिया (Coal India) समेत 26 स्टॉक्स में 18 से 40 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई और इन शेयरों का प्रदर्शन सूचकांक से बेहतर रहा।


बाकी 18 स्टॉक्स की परफॉर्मेंस निफ्टी 50 के मुकाबले कमतर रही। एकमात्र शेयर यूपीएल (UPL) में गिरावट रही। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के दौरान, इस एग्रोकेमिकल स्टॉक में 13 पर्सेंट से भी ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। आंकड़ों का बारीक विश्लेषण करने से पता चलता है कि इस तेजी में ऑटोमोबाइल स्टॉक्स की अहम भूमिका रही है। पैसेंजर व्हीकल और टू-व्हीलर कंपनियों के स्टॉक्स की परफॉर्मेंस सूचकांक से बेहतर रही है। निफ्टी ऑटो इंडेक्स का प्रदर्शन, निफ्टी 50 से भी बेहतर रहा है।

फॉरेन ब्रोकिंग फर्म जेफरीज (Jefferies) के मुताबिक, 'मार्जिन और मांग में बेहतरी के अलावा, कई कंपनियों के लिए बेहतर प्रॉडक्ट साइकल होने की वजह से ऑटो कंपनियों के शेयरों में तेजी का रुझान है। लिहाजा, निफ्टी ऑटो इंडेक्स की परफॉर्मेंस निफ्टी 50 से बेहतर रही है।' कुछ आईटी कंपनियों की परफॉर्मेंस भी सूचकांक से बेहतर रही है। निवेशकों ने एचसीएल टेक (HCL Tech), टेक महिंद्रा (Tech Mahindra), विप्रो (Wipro) और एलटीआईमाइंडट्री (LTIMindtree) में गिरावट के दौर में जमकर निवेश किया है।

दूसरी तरफ, एनालिस्ट्स के पसंदीदा शेयरों- एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) के शेयरों की परफॉर्मेंस निफ्टी 50 के मुकाबले कमजोर रही है। हालांकि, से सभी स्टॉक्स ग्रीन जोन में रहे हैं।

निफ्टी 50 के सिर्फ एक स्टॉक में रही गिरावट

निफ्टी 50 सूचकांक में यूपीए एकमात्र स्टॉक है, जिसमें मार्च के बाद आई तेजी में भी गिरावट देखने को मिली है। कर्ज घटाने से जुड़े टारगेट को लेकर कंपनी के पास कोई स्पष्ट प्लान नहीं है। जून के मुताबिक, कंपनी के पास तकरीबन 26,200 करोड़ का कर्ज था। कंपनी ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए ग्रोथ गाइडेंस को 4-8 पर्सेंट से घटाकर 1-5 पर्सेंट कर दिया है।

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