ह्यूंडई इंडिया को 2030 तक या इससे पहले अपना दूसरा सबसे बड़ा मार्केट बनाना चाहती है। इसके लिए कंपनी ने लोकलाइजेशन पर फोकस बढ़ाया है। कंपनी कई प्रोडक्ट्स लॉन्च करना चाहती है। साथ ही एक्सपोर्ट्स के साथ ही रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिहाज से इंडिया पर उसका ज्यादा जोर होगा। ह्युंडई मोटर कंपनी (एचएमसी) के सीईओ जोस मुनोज ने 15 अक्टूबर को मुंबई को मीडिया को यह जानकारी दी।
कंपनी भारत को चौथे पायदान से दूसरे पायदान पर लाना चाहती है
मुनोज ने कहा, "हम इंडिया को नंबर चार से नंबर 2 पर लाना चाहते हैं। इसे हम 2030 तक या इससे पहले करना चाहते हैं। नॉर्थ अमेरिका के बाद इंडिया दूसरे पायदान पर होगा। हमारी कुल सेल्स में इसकी 15 फीसदी हिस्सेदारी होगी।" उन्होंने कहा कि इसके लिए कंपनी ने 26 नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करने का प्लान बनाया है। इनमें से 7 नए सेगमेंट में होंगे।
ह्युंडई के लिए बीते 30 सालों से इंडिया चीन से ज्यादा महत्वपूर्ण
उन्होंने यह साफ किया कि ह्यूंडई के लिए भारत न कि चीन बीते 30 सालों में ज्यादा महत्वपूर्ण रहा है। भारत कंपनी की अगले चरण की ग्रोथ में बड़ा रोल निभाएगा। इसके लिए लोकलाइजेशन बढ़ाया जा रहा है। साथ ही भारत में मैन्युफैक्चरिंग, सप्लाई चेन, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और टेक्नोलॉजी पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, "उन्होंने कहा कि आज एक देश से पूरी दुनिया को एक्सपोर्ट कर आप प्रतियोगिता का मुकाबला नहीं कर सकते। आपको यूरोप में, अमेरिका में और भारत में उत्पादन करना होगा।"
ह्यूंडई की इंडिया में बिकने वाली कार 100 फीसदी भारत में बनी होती है
ह्यूंडई इंडिया में अपनी जो व्हीकल्स बेचती है वे 100 फीसदी भारत में बने होते हैं। यह भारत की सबसे बड़ी पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्टर है। कंपनी अपने करीब 30 फीसदी उत्पादन का एक्सपोर्ट करती है। कंपनी ने अपनी क्षमता और टेक्नोलॉजी के मामले में स्थिति मजबूत करने का जो प्लान बनाया है, उसमें इंडिया की बड़ी जगह है। कंपनी ने पुणे प्लांट की उत्पादन क्षमता बढ़ाने, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और इंजीनियरिंग पर 45,000 करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान बनाया है।
ह्यूंडई पहले से अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़े ब्रांड्स का कर रही मुकाबला
इंडिया में चीन की ऑटो कंपनियों की बढ़ती मौजूदगी के बारे में मुनोज ने कहा कि ह्यूंडई पहले से ओपन मार्केट में चाइनीज ब्रांड्स से मुकाबला कर रही है। उन्होंने कहा, "यूरोप में हम पहला नॉन-यूरोपियन ब्रांड हैं। हम चौथे पायदान पर हैं। लैटिन अमेरिका में आप ब्राजील का उदाहरण ले सकते हैं। हम वहां टॉप प्लेयर्स में शामिल हैं। अगर वे इंडिया आते हैं तो प्रतियोगिता बढ़ेगी। आखिर में कंज्यूमर्स को फैसला लेना है।"
बीते छह महीनों में शेयरों में 46 फीसदी उछाल
Hyundai के शेयरों में 15 अक्टूबर को तेजी दिखी। शेयर 0.25 फीसीद चढ़कर 2,418 रुपये पर बंद हुए। बीते 6 महीनों में कंपनी के शेयरों में 46 फीसदी तेजी आई है। भारत में ह्यूंडई का मुकाबला मारुति सुजुकी और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों से है। मारुति सुजुकी इंडिया में पैसेंजर व्हीकल्स बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है।