Aarti Industries के शेयरों में 8% की बड़ी गिरावट, Q4 में अनुमान से कमजोर नतीजों के बाद लुढ़के शेयर

ब्रोकरेज फर्म फिलिप कैपिटल ने आरती इंडस्ट्रीज की रेटिंग घटाकर 'न्यूट्रल' कर दी है। ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी का चौथी तिमाही का प्रदर्शन कॉस्ट प्रेशर दबाव के चलते उनकी उम्मीदों से कम रहा है। ब्रोकरेज फर्म ने 600 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है

अपडेटेड May 10, 2023 पर 1:41 PM
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आरती इंडस्ट्रीज के शेयरों में आज बुधवार को 8.3 फीसदी तक की गिरावट देखी गई।

आरती इंडस्ट्रीज (Aarti Industries) के शेयरों में आज बुधवार को 8.3 फीसदी तक की गिरावट देखी गई। इस समय यह स्टॉक NSE पर 7.52 फीसदी घटकर 515.25 रुपये प्रति शेयर के भाव पर ट्रेड कर रहा है। दरअसल, मार्च तिमाही में कमजोर नतीजों के बाद एनालिस्ट्स ने निवेशकों को इस स्टॉक को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है। इसके चलते आज कंपनी के शेयरों में बिकवाली हो रही है। बता दें कि पिछले 6 महीने में कंपनी के शेयरों में 27 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

ब्रोकरेज फर्म की राय और टारगेट प्राइस

ब्रोकरेज फर्म फिलिप कैपिटल ने आरती इंडस्ट्रीज की रेटिंग घटाकर 'न्यूट्रल' कर दी है। ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी का चौथी तिमाही का प्रदर्शन कॉस्ट प्रेशर दबाव के चलते उनकी उम्मीदों से कम रहा है। ब्रोकरेज फर्म ने 600 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है।


ब्रोकरेज ने अपनी चौथी तिमाही के नतीजों की रिव्यू रिपोर्ट में कहा, "हमारा मानना है कि आरती इंडस्ट्रीज मल्टी-ईयर सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट्स और मल्टीपल एक्सपेंशन के चलते वॉल्यूम ग्रोथ को बनाए रखेगी। लेकिन बढ़ी हुई लागत के चलते निकट भविष्य में मार्जिन प्रेशर बढ़ेगा। इसलिए अनिश्चित मैक्रो फैक्टर्स और चौथी तिमाही में उम्मीद से कम कमाई को ध्यान में रखते हुए हमने अपने FY24/FY25 अनुमानों में 12 फीसदी/15 फीसदी की कटौती की है।"

अनुमान से कम रही Ebitda मार्जिन

आरती इंडस्ट्रीज की कंसोलिडेटेड बिक्री सालाना आधार पर 11 फीसदी बढ़कर 1,826 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। हालांकि, Ebitda मार्जिन ब्रोकरेज के अनुमान से 180 बेसिस प्वाइंट कम होकर 13.7 फीसदी (200bps सालाना डाउन) हो गया। इसकी वजह उम्मीद से अधिक स्टाफ कॉस्ट और अन्य खर्चे थे।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि आरती इंडस्ट्रीज के मार्च तिमाही के Ebitda में 12 फीसदी की कमी आई है। प्रबंधन का कहना है कि मेंटेनेंस के बंद होने और डिस्क्रिएशनरी एंड-यूजेज की कम मांग के चलते नतीजे प्रभावित हुए हैं। हालांकि टैक्स रिफंड ने प्रॉफिट ऑफ्टर टैक्स को 3 फीसदी से अधिक होने में मदद की।

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