ABS Marine Services IPO Listing: 100% प्रीमियम पर एंट्री के बाद मुनाफावसूली, चेक करें एबीएस मरीन की कारोबारी सेहत

ABS Marine Services IPO Listing: एबीएस मरीन सर्विसेज ऑफशोर वेसल्स मैनेज करती है। इसके आईपीओ को निवेशकों का तगड़ा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल 144 गुना से अधिक बोली मिली थी। अब आज शेयरों की NSE SME पर एंट्री हुई। आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। चेक करें कंपनी की कारोबारी सेहत और आईपीओ के पैसों का कैसे इस्तेमाल होगा?

अपडेटेड May 21, 2024 पर 4:06 PM
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ABS Marine Services IPO Listing: एबीएस मरीन सर्विसेज का ₹96.29 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 10-15 मई तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

ABS Marine Services IPO Listing: वेसल्स मैनेज करने वाली एबीएस मरीन सर्विसेज (ABS Marine Services) के शेयरों की आज NSE के SME प्लेटफॉर्म पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 144 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 147 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी 294.00 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 100 फीसदी का लिस्टिंग गेन (ABS Marine Listing Gain) मिला। हालांकि लिस्टिंग के बाद शेयर टूट गए। मुनाफावसूली के चलते यह टूटकर 279.30 रुपये (ABS Marine Share Price) के लोअर सर्किट पर आ गया और इसी पर बंद भी हुआ है यानी कि आईपीओ निवेशक 90 फीसदी मुनाफे में हैं।

ABS Marine Services IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस

एबीएस मरीन सर्विसेज का ₹96.29 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 10-15 मई तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 144.44 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 109.30 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 270.94 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 110.24 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 65.50 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी ऑफशोर वेसल के अधिग्रहण, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।


ABS Marine Services के बारे में

वर्ष 1992 में बनी एबीएस मरीन सर्विसेज ऑफशोर वेसल्स मैनेज करती है। दिसंबर 2023 तक के आंकड़ों के हिसाब से इसके पास 5 खुद के वेसल्स हैं जिसमें से दो ऑयल और गैस सेक्टर के लिए है और भारतीय पोर्ट सेक्टर के लिए तीन हार्बर वेसल्स हैं। इसका कारोबर चार डिविजन में फैला हुआ है- शिप ओनरशिप, शिप मैनेजमेंट, मरीन सर्विसेज और पोर्ट सर्विसेज। 31 दिसंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक यह अभी 12 वेसल्स मैनेज करती है। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें 2022 में इसे 8.09 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 9.53 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 37 फीसदी से अधिक बढ़कर 113.80 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की बात करें तो इसे 23.55 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 138.02 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ।

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First Published: May 21, 2024 10:14 AM

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