Adani Green Energy Q2 Results: सितंबर तिमाही में 39% बढ़ा मुनाफा, 515 करोड़ रुपये पर पहुंचा

Adani Green Energy Q2 Results: अडानी ग्रुप की कंपनी की कुल आय वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में 30.4 फीसदी बढ़कर 3,376 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 2,589 करोड़ रुपये थी। आज AGEL के शेयरों में 1.54 फीसदी की गिरावट देखी गई

अपडेटेड Oct 22, 2024 पर 5:51 PM
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Adani Green Energy (AGEL) ने आज 22 अक्टूबर को FY25 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं।

Adani Green Energy Results: अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने आज 22 अक्टूबर को FY25 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 39 फीसदी बढ़ गया है। कंपनी ने इस अवधि में 515 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 371 करोड़ रुपये था। इस बीच आज AGEL के शेयरों में 1.54 फीसदी की गिरावट देखी गई। यह स्टॉक BSE पर 1684.20 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी ने बाजार बंद होने के बाद नतीजे जारी किए हैं।

कैसे रहे Adani Green Energy के तिमाही नतीजे

अडानी ग्रुप की कंपनी AGEL की कुल आय वित्त वर्ष 25 की सितंबर तिमाही में 30.4 फीसदी बढ़कर 3,376 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 2,589 करोड़ रुपये थी। तिमाही में इसका खर्च 31 प्रतिशत बढ़कर 2,837 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का शुद्ध ऋण मार्च में 46,183 करोड़ रुपये से बढ़कर सितंबर में 51,129 करोड़ रुपये हो गया, जो 9,715 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रोजेक्ट डेट के चलते हुआ।


कंपनी के CEO अमित सिंह ने कहा, "हमारा वित्तीय प्रदर्शन लगातार मजबूत बना हुआ है, जो अहम ग्रीनफील्ड कैपिसिटी वृद्धि और मजबूत ऑपरेशनल एफिशिएंसी से प्रेरित है।" रिन्यूएबल एनर्जी फर्म की ऑपरेशनल कैपिसिटी 34 फीसदी बढ़कर 11,184 मेगा वाट (MW) हो गई, जबकि ग्रीनफील्ड में 2,868 MW की वृद्धि हुई है। सिंह ने कहा, "अडानी ग्रीन 2030 तक 50 GW के अपने रिन्यूएबल एनर्जी कैपिसिटी टारगेट को प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है, जिसमें कम से कम 5 GW एनर्जी स्टोरेज शामिल है।"

इस महीने की शुरुआत में AGEL ने अमेरिकी डॉलर-डिनॉमिनेटेड बॉन्ड के माध्यम से धन जुटाने की अपनी योजना को रद्द कर दिया, क्योंकि निवेशकों ने कंपनी द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि से हायर यील्ड पर बोलियां लगाई थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और घरेलू राजनीतिक जोखिमों से संबंधित ब्रॉडर मार्केट में अनिश्चितता के कारण निवेशक हायर यील्ड की मांग कर रहे थे, जो बांड जारीकर्ताओं की री-पेमेंट क्षमता को प्रभावित कर सकता था।

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