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Adani group stocks: टेक्निकल इंडीकेटर दे रहे ट्रेंड बदलने के संकेत, आगे और गिरावट की आशंका

पिछली बार TD Sequential ने 2015 में अडानी पोर्ट्स के शेयरों में ट्रेंड बदले का सुझाव दिया था, इसके बाद इस स्टॉक में 55 फीसदी की गिरावट आई थी

अपडेटेड Oct 04, 2022 पर 1:11 PM
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पर्ल कैपिटल की कुणाल कंसारा (Kunal Kansara) का भी कहना है कि अडानी ग्रुप के इन तीनों स्टॉक के टेक्निकल इंडीकेटर ऊपर की तरफ बड़ी बाधा के संकेत दे रहे हैं
     
     
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    BLOOMBERG

    पिछले एक दशकों की ज्यादा की अवधि के दौरान अडानी ग्रुप के शेयरों में बीच-बीच में आई गिरावट की भविष्यवाणी करने वाले एक टेक्निकल इंडीकेटर के मुताबिक गौतम अडानी की कंपनियों के स्टॉक में ट्रेंड बदलने ( Trend reversal) के संकेत नजर आ रहे हैं। 2009 से अब तक तीन बार अडानी इंटरप्राइजेज के शेयरों में गिरावट की भविष्यवाणी करने वाले टेक्निकल इंडीकेटर TD Sequential का मानना है कि पिछले हफ्ते कंपनी के शेयरों में आई 6 फीसदी की गिरावट अभी और बढ़ सकती है। इस साल अब तक इस शेयर में 100 फीसदी से ज्यादा की तेजी आ चुकी है। इस तेजी के बाद अब शेयर में गिरावट मुमकिन है।

    इसके अलावा TD Sequential ने आगे अडानी टोटल गैस और अडानी पोर्ट और स्पेशल इकोनॉमिक जोन के शेयरों में भी गिरावट की संभावना व्यक्त की है। TD Sequential ने अपनी एक स्टडी में कहा है कि अडानी ग्रुप के 3 शेयरों अडानी एंटरप्राइज, अडानी टोटल गैस और अडानी पोर्ट और स्पेशल इकनॉमिक जोन के चार्ट पैटर्न से साफ संकेत मिलता है कि अब इन तीनों स्टॉक की रैली थमती नजर आएगी। आगे इनमें गिरावट देखने को मिलेगी।


    इसी तरह मुंबई स्थिति पर्ल कैपिटल की कुणाल कंसारा (Kunal Kansara) का भी कहना है कि अडानी ग्रुप के इन तीनों स्टॉक के टेक्निकल इंडीकेटर ऊपर की तरफ बड़ी बाधा के संकेत दे रहे हैं। इनमें से कुछ स्टॉक काफी ज्यादा ओवरबॉट स्थिति में नजर आ रहे हैं। अब इनमें गिरावट की संभावना दिख रही है।

    बता दें कि पिछली बार TD Sequential ने 2015 में अदानी पोर्ट्स के शेयरों में ट्रेंड बदले का सुझाव दिया था, इसके बाद इस स्टॉक में 55 फीसदी की गिरावट आई थी। हालांकि, जिन्होंने अडानी एंटरप्राइजेज पर इंडीकेटर द्वारा 2007 में बिकवाली के संकेत के बाद ट्रेड किया उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ा था।

    कुछ निवेशक अडानी समूह के पोर्ट-टू-पॉवर कारोबार के कर्ज आधारित विस्तार और बड़े ब्रोकरेज हाउसों ग्रुप के स्टॉक्स की कवरेज की कमी को लेकर चिंतित हैं। अक्षय ऊर्जा (renewable energy)और मीडिया जैसे क्षेत्रों में ग्रुप के तेजी से विस्तार को लेकर भी फिच ग्रुप की यूनिट CreditSights क्रेडिटसाइट्स ने चिंता का विषय बताया है।

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    हालांकि अडानी समूह ने चिंताओं पर सफाई देते हुए कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में कंपनी समूह क्रेडिट मेट्रिक्स में सुधार हुआ है। तमाम ग्लोबल निवेशकों से भी निवेश (इक्विटी इन्फ्यूजन) आया है। अडानी समूह ने उस ईमेल का जवाब नहीं दिया जिसमें शेयर में ट्रेंड रिवर्सल होने का सुझाव देने वाले टेक्निकल इंडीकेटर के बारे में टिप्पणी मांगी गई थी।

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