Adani Ports Stock Price: अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के शेयरों में सोमवार, 2 जून को तेजी दिखाई दे सकती है। इसकी वजह है कि बोर्ड ने कंपनी के लिए विस्तार योजना के साथ फंड जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। कंपनी अगली छह तिमाहियों में एक या अधिक किस्तों में आउटस्टैडिंग सीनियर नोट्स के रूप में 1 अरब डॉलर जुटाएगी। इन नोट्स से मतलब किसी कंपनी द्वारा जुटाए गए ऐसे कर्ज से है, जिसे रीपेमेंट के दौरान सबसे ज्यादा वरीयता प्राप्त होती है।
हाल ही में कंपनी ने घरेलू बॉन्ड के जरिए 5,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा घरेलू बॉन्ड इश्यू है। अदाणी पोर्ट्स ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) से 15 साल के नॉन-कनवर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) के जरिए यह फंड जुटाया है। एनसीडी पर 7.75 प्रतिशत सालाना की कूपन दर (ब्याज) है। डिबेंचर बीएसई पर लिस्ट किए जाएंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी की अदाणी पोर्ट्स में 8% हिस्सेदारी है।
वित्त वर्ष 2029-30 तक एक अरब टन कार्गो रखरखाव का लक्ष्य
Adani Ports ने वित्त वर्ष 2029-30 तक एक अरब टन कार्गो रखरखाव का लक्ष्य रखा है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के आंकड़े से दोगुना है। अपने बंदरगाह ऑपरेशंस से परे, कंपनी ने अपने लॉजिस्टिक और समुद्री कारोबारों का विस्तार करने की महत्वाकांक्षी योजनाएं भी बनाई हैं। कंपनी ने भारत और विदेश दोनों में अपनी क्षमता का विस्तार करने के लिए मार्च 2026 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में पूंजीगत व्यय में ₹12,000 करोड़ खर्च करने की योजना बनाई है। इससे पहले अप्रैल में, कंपनी ने कहा था कि वह सिंगापुर स्थित एबॉट पॉइंट पोर्ट होल्डिंग्स से ऑस्ट्रेलिया में नॉर्थ क्वींसलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल (NQXT) को लगभग 2.5 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर खरीदेगी।
शेयर 3 महीनों में 34 प्रतिशत चढ़ा
अदाणी पोर्ट्स का शेयर BSE पर शुक्रवार, 30 मई को लाल निशान में 1432.35 रुपये पर बंद हुआ था। कंपनी का मार्केट कैप 3 लाख करोड़ रुपये है। शेयर पिछले 3 महीनों में 34 प्रतिशत और 1 महीने में लगभग 18 प्रतिशत मजबूत हुआ है। कंपनी में मार्च 2025 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 65.89 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। मोतीलाल ओसवाल को उम्मीद है कि शेयर अगले 12 महीनों में ₹1,620 तक पहुंच जाएगा।
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