Aequs IPO Listing: ऐरोस्पेस सेगमेंट की दिग्गज कंपनी एक्वस के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को भी निवेशकों को शानदार रिस्पांस मिला था और ओवरऑल इसे 104 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹124 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी ₹140.00 और NSE पर भी ₹140.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 12.90% का लिस्टिंग गेन (Aequs Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह ₹148.00 (Aequs Share Price) पर पहुंच गया यानी कि आईपीओ निवेशक अब 19.35% मुनाफे में हैं। एंप्लॉयीज अधिक फायदे में हैं क्योंकि उन्हें हर शेयर ₹11 के डिस्काउंट पर मिला है।
Aequs IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च
एक्वस का ₹921.81 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 3-5 दिसंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 104.30 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 122.93 गुना (एक्स-एंकर), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 83.61 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 81.03 गुना और एंप्लॉयीज का 37.86 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹670.00 करोड़ के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा ₹10 की फेस वैल्यू वाले 2,03,07,393 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिला है। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹433.17 करोड़ कंपनी और इसकी सब्सिडरी का कर्ज हल्का करने, ₹64.00 करोड़ कंपनी और इसकी सब्सिडरी के लिए मशीनरी और इक्विपमेंट की खरीदारी, और बाकी पैसे अधिग्रहण और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।
वर्ष 2000 में बनी एक्वस ऐरोस्पेस सेगमेंट में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग कैपिबिलिटीज को लेकर भारत में स्पेशल इकनॉमिक जोन बनाने और इसे ऑपरेट करने के काम में है। इसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में इंजन सिस्टम्स के कंपोनेंट्स, लैंडिंग सिस्टम्स, कार्गो और इंटीरियर्स, स्ट्रक्चर्स, एसेंबलीज इत्यादि हैं। कंपनी का कारोबार मुख्य रूप से ऐरोस्पेस सेगमेंट में फैला हुआ है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसने अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेगमेंट में भी किया है। सितंबर 2025 तक की डिटेल्स के मुताबिक ऐरोस्पेस सेगमेंट में 5 हजार से अधिक प्रोडक्ट्स तैयार किए हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹109.50 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में घटकर ₹14.24 करोड़ पर आ गया लेकिन अगले ही वित्त वर्ष 2025 में यह उछलकर ₹102.35 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम सालाना 6% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹959.21 करोड़ पर पहुंच गई। चालू वित्त वर्ष 2026 की बात करें तो पहली छमाही अप्रैल-सितंबर 2025 में कंपनी को ₹16.98 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था और ₹565.55 करोड़ की टोटल इनकम हुई थी। सितंबर 2025 तिमाही के आखिरी में कंपनी पर ₹533.51 करोड़ का टोटल कर्ज था जबकि रिजर्व और सरप्लस में ₹200.43 करोड़ पड़े थे।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।