भारतीय इक्विटी मार्केट 27 जनवरी से पूरी तरह से T+1 सेटलमेंट के नाम के छोटे ट्रेडिंग साइकिल पर शिफ्ट हो जाएगा। ऐसा होने से बायर्स और सेलर्स को ट्रेड खत्म होने के एक दिन बाद ही उनके अकाउंट में शेयर और पैसे मिल जाएंगे। T+1 सेटलमेंट सिस्टम से निवेशकों को फंड और शेयरों की तेजी से रोलिंग करके ज्यादा ट्रेडिंग करने का विकल्प मिलेगा। बतातें चलें कि सेटलमेंट साइकिल को तब पूरा हुआ माना जाता है। जब खरीदार को उसको शेयर मिल जाते हैं और शेयर बेचने वाले को उसको पैसे मिल जाते हैं। अभी भारत में सेटलमेंट की प्रक्रिया T+2 रोलिंग सेटलमेंट के सिद्धांत पर आधारित है।
सेटलमेंट साइकिल को घटाकर T+1 करने से बाजार में लिक्विडिटी और बढ़ेगी
अब सेटलमेंट साइकिल को घटाकर T+1 करने से बाजार में लिक्विडिटी और बढ़ेगी। बताते चलें कि 8 नवंबर 2021 को स्टॉक एक्सचेंजों ने बताया था कि वो अलग-अलग चरणों में T+1 सेटलमेंट साइकिल लागू करेंगे। सबसे पहले यह व्यवस्था 25 फरवरी को 2022 से मार्केट वैल्यू के हिसाब से ऐसे 100 शेयरों में लागू की गई जिनका मार्केट कैप नीचे से सबसे कम था।
इसके बाद मार्च 2022 को 500 और शेयरों पर यह नियम लागू किया गया। फिर उसके बाद हर महीने 500 शेयरों पर यह व्यस्था लागू होती रही। अब इस व्यवस्था के तहत 27 जनवरी को सभी लार्ज कैप और ब्लू चिप स्टॉक T+1 सेटलमेंट सिस्टम में शिफ्ट हो जाएंगे। NSE द्वारा इस बारे में जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि शुक्रवार 27 जनवरी को T+1 सिस्टम में शिफ्ट होने की यह प्रक्रिया पूरी तरह से संपन्न हो जाएगी। इसके बाद से NSE की तरफ से T+1 सिस्टम में सेटल होने वाली सिक्योरिटीज के बारे में कोई सर्कुलर नहीं जारी किया जाएगा। इस नए रूल तहत अगर कोई निवेशक सोमवार को 50 शेयर खरीदता है तो ये शेयर मंगलवार को उसके डीमैट अकाउंट में आ जाएंगे।
Proficient Equities Limited के मनोज डालमिया का कहना है कि इस नियम के लागू होने के बाद भारत ऐसा देश बन जाएगा जहां दुनिया में सबसे तेज गति से इक्विटी सेटलमेंट होगा और भारत इस मामले में अमेरिका से भी आगे हो जाएगा।
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