बजाज फाइनेंस लिमिटेड ने अपने टॉप मैनेजमेंट में बदलाव किया है। कंपनी के बोर्ड ने 20 मार्च की मीटिंग में राजीव जैन को एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर की कैपेसिटी में कंपनी का वाइस चेयरमैन बनाए जाने को मंजूरी दे दी। इस रोल में उनका कार्यकाल 1 अप्रैल, 2025 से शुरू होगा और अगले 3 साल तक रहेगा। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर जैन का कार्यकाल 31 मार्च 2025 को खत्म हो रहा है। इसके अलावा बोर्ड ने बजाज फाइनेंस में वर्तमान में डेप्युटी मैनेजिंग डायरेक्टर अनूप कुमार साहा को 1 अप्रैल 2025 से मैनेजिंग डायरेक्ट बनाने को भी मंजूरी दी है।
साहा का मौजूदा कार्यकाल 31 मार्च 2028 को खत्म हो रहा है। वह अपने बाकी के कार्यकाल में कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर की पोजिशन संभालेंगे। इन दोनों प्रपोजल्स पर अभी शेयरहोल्डर्स की मंजूरी लिया जाना बाकी है।
2007 से बजाज फाइनेंस के साथ हैं राजीव जैन
राजीव जैन साल 2007 से बजाज फाइनेंस के साथ हैं और 2015 में कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर बने थे। उन्होंने कंपनी को सिंगल प्रोडक्ट ऑटो फाइनेंसर से एक डायवर्सिफाइड फाइनेंशियल सर्विसेज पावरहाउस में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में, बजाज फाइनेंस ने लोन, पेमेंट और इनवेस्टमेंट में अपनी पेशकशों का विस्तार किया, बाजार में अग्रणी बनने के लिए टेक्नोलॉजी और डिजिटल इनोवेशंस से फायदा उठाया। जैन को कंज्यूमर लेंडिंग में लगभग 30 साल का अनुभव है।
वहीं अनूप कुमार साहा साल 2017 में बजाज फाइनेंस के साथ जुड़े थे। उन्हें फाइनेंशियल सर्विसेज में 32 वर्षों से अधिक का अनुभव है, जिसमें बैंकिंग में 14 वर्ष और नॉन-बैंक एंटिटीज में बिताए गए 11 वर्ष शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने बिजनेस परफॉरमेंस, स्ट्रैटेजिक एग्जीक्यूशन और ऑर्गेनाइजेशनल ट्रांसफॉरमेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में साहा बजाज फाइनेंस के डिजिटल इकोसिस्टम का विस्तार करने, ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाने और डायवर्स फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स में अपने नेतृत्व को मजबूत करने पर फोकस करेंगे।
Bajaj Finance का शेयर लाल निशान में बंद
20 मार्च को बजाज फाइनेंस का शेयर BSE पर 0.66 प्रतिशत गिरावट के साथ 8679.80 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप 5.38 लाख करोड़ रुपये हो गया है। साल 2025 में अब तक शेयर 25 प्रतिशत मजबूत हुआ है। कंपनी में दिसंबर 2024 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 54.70 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।