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Bank of India ने लॉन्ग टर्म बॉन्ड के जरिए जुटाए 5000 करोड़ रुपये, जानिए डिटेल

Bank of India ने 7.41 फीसदी प्रति वर्ष की कूपन दर पर ₹5000 करोड़ की बोलियां स्वीकार करने का निर्णय लिया। इसमें कुल 5 लाख बॉन्ड जारी किए गए, जिनमें से प्रत्येक की फेस वैल्यू ₹1 लाख है। ये बॉन्ड अनसिक्योर्ड, सबऑर्डिनेट, रिडीमेबल, नॉन-कनवर्टिबल, टैक्सेबल और लिस्टेड है

अपडेटेड Nov 27, 2024 पर 10:21 PM
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बैंक ऑफ इंडिया ने प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर लॉन्ग टर्म इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी करके ₹5000 करोड़ जुटाए हैं।

पब्लिक सेक्टर के बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर लॉन्ग टर्म इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी करके ₹5000 करोड़ जुटाए हैं। इस इश्यू को निवेशकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। इसे कुल 13700 करोड़ रुपये की बोलियां मिलीं है और यह बेस इश्यू साइज 2000 करोड़ रुपये से 6.85 गुना ओवरसब्सक्राइब हो गया। इस बीच बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों में आज 3.48 फीसदी की बढ़त देखी गई और यह स्टॉक BSE पर 111.50 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। बैंक का मार्केट कैप 50,762 करोड़ रुपये है।

बैंक ऑफ इंडिया ने 7.41 फीसदी प्रति वर्ष की कूपन दर पर ₹5000 करोड़ की बोलियां स्वीकार करने का निर्णय लिया। इसमें कुल 5 लाख बॉन्ड जारी किए गए, जिनमें से प्रत्येक की फेस वैल्यू ₹1 लाख है। ये बॉन्ड अनसिक्योर्ड, सबऑर्डिनेट, रिडीमेबल, नॉन-कनवर्टिबल, टैक्सेबल और लिस्टेड है।

यह इश्यू आज 27 नवंबर 2024 को खुला और बंद हुआ। आवंटन की अनुमानित तारीख 29 नवंबर 2024 तय की गई। बोली प्रक्रिया NSE इलेक्ट्रॉनिक बिडिंग प्लेटफॉर्म पर हुई, जिसमें 97 बोलियां प्राप्त हुईं और 43 बोलियां स्वीकार की गईं। स्टॉक एक्सचेंजों को दिए गए एक बयान में बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि यह इश्यू बैंक की अपनी इन्फ्रॉस्ट्रक्चर फाइनेंसिंग एक्टिविटी का समर्थन करने के लिए पूंजी जुटाने के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।


बैंक ऑफ इंडिया ने 30 सितंबर 2024 को समाप्त दूसरी तिमाही में हायर नॉन-इंटरेस्ट इनकम पर नेट प्रॉफिट में 62.8% की सालाना वृद्धि दर्ज की। इस अवधि के दौरान मुनाफा ₹2373.7 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में ₹1458.4 करोड़ था।

पब्लिक सेक्टर बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) में 4.3% की वृद्धि हुई, जो बढ़कर ₹5,985.2 करोड़ हो गई, जबकि Q2 FY2023 में यह ₹5739.5 करोड़ थी। एसेट क्वालिटी की बात करें तो बैंक ने ग्रॉस और नेट NPA दोनों में कमी दर्ज की। यह चैलेंजिंग इकोनॉमिक एनवायरनमेंट के बीच बैंक की लगातार रिकवरी और मजबूत होती बैलेंस शीट को दिखाता है।

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