BitCoin Fall: इस महीने नवंबर में बिटक्वॉइन की चमक 21% से अधिक फीकी हुई है जो जून 2022 के बाद से इसके भाव में सबसे बड़ी गिरावट है। पिछले महीने अक्टूबर की शुरुआत में एक बिटक्वॉइन $1.26 लाख के आस-पास भाव पर था लेकिन अब यह $81 हजार से भी कम में मिल रहा है यानी कि निवेशकों की के निवेश की वैल्यू महज एक महीने से थोड़े ही अधिक समय में 33% कम हो गई। चूंकि दुनिया भर में क्रिप्टो मार्केट में सबसे अधिक लेन-देन बिटक्वॉइन का ही होता है तो इसकी गिरावट ने दूसरे अहम आल्टक्वॉइन्स की भी झटका दिया और इनकी चमक फीकी की।
क्रिप्टो मार्केट में मची है अफरा-तफरी
बिटक्वॉइन की चमक इसके ईटीएफ से ताबड़तोड़ निकासी ने कम की। इससे ब्लैकरॉक के iShares Bitcoin Trust (IBIT) को सबसे बड़ा झटका लगा। केवल नवंबर में ही IBIT से लगभग $300 करोड़ की नेट निकासी हुई। इसमें तो एक ही दिन में रिकॉर्ड $52.3 करोड़ की निकासी भी शामिल है। नवंबर में IBIT से कुल $210 करोड़ की मासिक निकासी हुई, जो सभी बिटक्वॉइन ईटीएफ से निकासी का लगभग 71% हिस्सा रहा। कुल मिलाकर स्पॉट बिटकॉइन ईटीएफ की वैल्यू करीब $300 करोड़ खो गई तो एथेरियम ईटीएफ से भी $179 करोड़ की भी निकासी हुई। हालांकि दूसरी तरफ सोलाना जैसे कुछ निच फंड्स में इस दौरान निकासी से अधिक निवेश आया।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिटक्वॉइन के एक बड़े होल्डर ने अक्टूबर महीने के आखिरी दिनों और नवंबर के शुरुआती दिनों में करीब $130 करोड़ की होल्डिंग बेची तो क्रिप्टो मार्केट में कोहराम मच गया। इसके साथ ही मैक्रोइकनॉमिक डेटा और अमेरिकी फेड की तरफ से ब्याज दरों के कटौती की फीकी उम्मीदों पर यह और फिसल गया। एआई और टेक सेक्टर में बढ़ती अस्थिरता क्रिप्टो बाजार में भी फैल गई। ईटीएफ से निकासी और घटती इंस्टीट्यूशनल हिस्सेदारी से भी क्रिप्टो मार्केट की रौनक फीकी हुई। क्रिप्टो मार्केट से जुड़े बिल के अमेरिकी कांग्रेस में लटकने से अनिश्चितता बढ़ी और क्रिप्टो मार्केट में निराशा फैल गई।
BitCoin की गिरावट पर क्या कहना है मार्केट एक्सपर्ट्स का?
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी हेड अनिल कुमार भंसाली का कहना है कि ईटीएफ से निकासी की शुरुआत बिटकॉइन के प्रमुख टेक्निकल लेवल्स के नीचे गिरने, फेडरल रिजर्व की दर कटौती की उम्मीदों में कमी, और संस्थागत शॉर्ट-सेलिंग के बढ़ने से हुई। पाइनट्री मैक्रो के फाउंडर रितेश जैन का कहना है कि बिटक्वॉइन को लेकर खुदरा मांग सुस्त हुई है जो आमतौर पर ईटीएफ के जरिए आती है। इसके अलावा 10 साल से भी अधिक समय से बिटक्वॉइन होल्ड करने वाले निवेशकों की बिकवाली ने भी दबाव बनाया। रितेश का कहना है कि बिटक्वॉइन को लेकर लॉन्ग टर्म में फिलहाल उनका कोई रुझान नहीं है लेकिन शॉर्ट टर्म में यह ओवरसोल्ड जोन में आ चुका है और इसे मौजूदा भाव के आस-पास स्थिर हो जाना चाहिए, कम से कम अमेरिकी फेड की अगली बैठक तक ही सही।
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