कैपिटल मार्केट से जुड़े शेयर सरपट दौड़े, F&O पर सेबी के नए नियमों ने भरा जोश, बार-बार वायदा बैन में नहीं जाएंगे शेयर

Capital market stocks : कैपिटल मार्केट शेयरों के SEBI के F&O 2.0 नियमों से फायदा मिलने की उम्मीद है। बाजार जानकारों का कहना है कि F&O में पोजिशन लिमिट बढ़ने से ट्रांजैक्शन बढ़ सकते हैं। नए नियमों से शेयर के बार-बार वायदा बैन में आने पर लगाम लगेगी। इससे वायदा कारोबार में ट्रांसपैरेसी बढ़ने की उम्मीद है

अपडेटेड May 30, 2025 पर 3:30 PM
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नए नियमों के तहत इंडेक्स ऑप्शंस पोजिशन लिमिट बढ़ा दी गई है। अब इंडेक्स ऑप्शंस नेट पोजिशन लिमिट 1,500 करोड़ रुपए कर दी गई है

Capital market stocks : कमजोर बाजार में भी कैपिटल मार्केट से जुड़े शेयरों में आज जोरदार तेजी दिख रही है। BSE करीब 7 फीसदी चढ़कर रिकॉर्ड ऊंचाई पर जाता दिखा है। उधर CDSL, एंजेल वन और IIFL में भी अच्छी खरीदारी देखने को मिली है। दरअसल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने F&O से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। इनसे कैपिटल मार्केट शेयरों के फायदा होने की संभावना है। इसके चलते कैपिटल मार्केट शेयरों में जोश देखने को मिल रहा है।

कैपिटल मार्केट शेयरों के SEBI के F&O 2.0 नियमों से फायदा मिलने की उम्मीद है। बाजार जानकारों का कहना है कि F&O में पोजिशन लिमिट बढ़ने से ट्रांजैक्शन बढ़ सकते हैं। नए नियमों से शेयर के बार-बार वायदा बैन में आने पर लगाम लगेगी। इससे वायदा कारोबार में ट्रांसपैरेसी बढ़ने की उम्मीद है।

इंडेक्स ऑप्शंस पोजिशन लिमिट बढ़ी


नए नियमों के तहत इंडेक्स ऑप्शंस पोजिशन लिमिट बढ़ा दी गई है। अब इंडेक्स ऑप्शंस नेट पोजिशन लिमिट 1,500 करोड़ रुपए कर दी गई है। जबकि 25 फरवरी के प्रस्ताव में इसे 500 करोड़ रुपए करने की सिफारिश की गई थी। इसी तरह अब इंडेक्स ऑप्शंस ग्रॉस पोजिशन लिमिट 10,000 करोड़ रुपए कर दी गई है। जबकि 25 फरवरी के प्रस्ताव में इसे 1,500 करोड़ रुपए करने की सिफारिश की गई थी।

ओपन इंटरेस्ट कैलकुलेशन का नया फॉर्मूला

अब ओपन इंटरेस्ट कैलकुलेशन का नया फॉर्मूला लागू होगा। अब डेल्टा बेस्ड FutEq (Future Equivalent) फॉर्मूला लागू किया गया है। MWPL (MARKET WIDE POSITION LIMIT) में फ्री फ्लोट के साथ कैश वॉल्यूम का फैक्टर जुड़ा रहेगा। इससे MWPLबदलने से शेयर बार-बार वायदा बैन में नहीं आएगा। इससे रिटेल और छोटे ट्रेडर्स को सुरक्षित माहौल मिलेगा और मैनिपुलेशन करने की संभावना घटेगी।

SEBI के दूसरे बड़े फैसलों के तहत बैन पीरियड में सिर्फ FutEq OI (Future Equivalent) घटाने वाले सौदों की मंजूरी होगी। वायदा में भी प्री-मार्केट सेशन लागू होगा। प्री-मार्केट सेशन से बेहतर प्राइस डिस्कवरी होगी। किसी एक शेयर में किसी इंटिटी की पोजिशन लिमिट तय होगी।

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एक शेयर में अधिकतम लिमिट

किसी एक शेयर में अधिकतम लिमिट की बात करें तो इंडिविजुअल निवेशकों के लिए यह लिमिट मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट ( MWPL) की 10 फीसदी होगी। वहीं, ट्रेडिंग मेंबर (प्रॉप) के लिए यह लिमिट मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट ( MWPL) की 20 फीसदी होगी। जबकि, FPI/TM (ओवरऑल) के लिए यह लिमिट मार्केट वाइड पोजीशन लिमिट ( MWPL) की 30 फीसदी होगी।

MoneyControl News

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First Published: May 30, 2025 3:28 PM

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