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CEA वीए नागेश्वरन ने इनवेस्टर्स को इंडियन मार्केट पर भरोसा बनाए रखने को कहा, विदेशी घटनाक्रम को गिरावट की वजह बताई

चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने इनवेस्टर्स को इंडियन मार्केट पर भरोसा बनाए रखने को कहा। उन्होंने कहा कि उतारचढ़ाव की वजह ग्लोबल डेवलपमेंट हैं। लंबी अवधि के लिहाज से इंडियन मार्केट का आकर्षण बरकरार है। इसका पता ग्रोथ के स्टॉन्ग डेटा से चलता है

अपडेटेड Mar 01, 2025 पर 12:35 PM
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28 फरवरी को आई गिरावट ने इनवेस्टर्स की जान निकाल दी। एक दिन में BSE का मार्केट कैपिटलाइजेशन इस गिरावट की वजह से 9 लाख करोड़ रुपये घट गया।

इंडियन मार्केट्स में 28 फरवरी को आई गिरावट से निवेशकों का धैर्य टूटने लगा है। इस बीच, चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने मार्केट में गिरावट पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस उतारचढ़ाव की वजह मुनाफावसूली और फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर (एफपीआई) की बिकवाली है। एफपीआई मूवमेंट और मार्केट परफॉर्मेंस के बीच के रिश्ते के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि चूंकि अमेरिकी मार्केट में बड़ी गिरावट आई है, इसलिए इंडियन मार्केट्स पर भी उसका असर दिख रहा है।

अमेरिकी मार्केट के चलते आई गिरावट

V Anantha Nageswaran ने कहा कि इंडियन स्टॉक मार्केट की चाल जुलाई 2024 से अक्टूबर 2024 के बीच करीब परैबलिक रही है। इसका मतलब है कि मार्केट इस दौरान नीचे से ऊपर गया। फिर इसमें गिरावट शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि अमेरिकी बाजार में बड़ी गिरावट (27 फरवरी को) आई है, जिसका असर हम इंडियन मार्केट पर देख रहे हैं। इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ के डेटा आने पर मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं।


स्मॉलकैप इंडेक्स पीक से 25 फीसदी टूटा

28 फरवरी को आई गिरावट ने इनवेस्टर्स की जान निकाल दी। एक दिन में BSE का मार्केट कैपिटलाइजेशन इस गिरावट की वजह से 9 लाख करोड़ रुपये घट गया। Nifty 400 प्वाइंट्स क्रैश कर गया, जबकि Sensex 1400 प्वाइंट्स लुढ़का। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स की मार्च 2020 के बाद पहली बार ऐसी पिटाई हुई। फरवरी में मिडकैप इंडेक्स 11 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 13 फीसदी गिरा है। Nifty Smallcap इंडेक्स दिसंबर 2024 के अपने पीक से 25 फीसदी टूट चुका है।

इंडियन मार्केट पर भरोसा रखना होगा

CEA ने इंडियन मार्केट्स पर भरोसा बनाए रखने की सलाह देते हुए मार्केट एक्सपर्ट क्रिस वुड का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि वुड को लंबी अवधि में इंडिया की ग्रोथ संभावनाओं पर भरोसा है। उन्होंने कहा कि वुड की इंडियन मार्केट पर लंबे समय से करीबी नजरें रही हैं। उन्होंने हमेशा इंडियन स्टॉक्स पर अपना भरोसा जताया है। सीईओ ने जीडीपी ग्रोथ के स्ट्रॉन्ग डेटा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इससे मार्केट की संभावनाओं के बारे में पता चलता है।

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इंडियन इकोनॉमी का बेहतर प्रदर्शन

नागेश्वरन ने कहा कि मार्केट में उतारचढ़ाव की वजह ग्लोबल डेवलपमेंट हैं। लंबी अवधि के लिहाज से इंडियन मार्केट का आकर्षण बरकरार है। इसका पता ग्रोथ के स्टॉन्ग डेटा से चलता है। दरअसल, इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में इंडिया की जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी रही है। NSO ने 28 फरवरी को ये आंकड़े जारी किए। यह पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 8.6 फीसदी की ग्रोथ से कम है, लेकिन इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी की ग्रोथ से ज्यादा है।

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