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Cement Stocks: सीमेंट कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं? पहले इंडस्ट्री की स्थिति जान लीजिए

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने सीमेंट इंडस्ट्री को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें सीमेंट इंडस्ट्री की मौजूदा चुनौतियों के बारे में बताया गया है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि सीमेंट की डिमांड कमजोर है। सीमेंट की कीमतों मे नरमी का रुख है

अपडेटेड Sep 20, 2024 पर 2:13 PM
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कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीमेंट कंपनियों की वैल्यूएशन और बिजनेस फंडामेंटल्स के बीच संबंध नहीं रह गया है।

सीमेंट कंपनियों के लिए मुश्किल वक्त खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस फाइनेंशियल ईयर की पहली छमाही में कच्चे माल पर होने वाला खर्च ज्यादा रहने के आसार हैं। सीमेंट की डिमांड कमजोर है और इसकी कीमतों में नरमी का रुख है। इस वजह से कई सीमेंट कंपनियों की वैल्यूएशन ज्यादा दिख रही है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट में बताया है। उसने कहा है कि सीमेंट कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 100 अरब डॉलर पहुंच गया है।

मार्केट कैपटिलाइजेशन काफी ज्यादा

ब्रोकरेज फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीमेंट कंपनियों (Cement Companies) के इस मार्केट कैपिटलाइजेशन पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह वैल्यूएशन बनी रह सकती है? कोटक के एनालिस्ट्स का कहना है कि इसके लिए सीमेंट कंपनियों की बिक्री अनडिस्काउंटेड आधार पर करीब 20 अरब टन और डिस्काउंटेड बेसिस पर 150 अरब टन से ज्यादा होनी चाहिए। एनालिस्ट्स का कहना है कि इस वॉल्यूम को हासिल करना नामुमकिन है। इंडिया के जीडीपी रेट को देखते हुए इतनी ज्यादा सेल्स की उम्मीद नहीं की जा सकती।


प्रॉफिट कमाने की क्षमता अनुमान से बेहतर रह सकती है

चीन की जीडीपी का कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) 1995-2023 के बीच 12 फीसदी रहा। इस दौरान चीन में सीमेंट की बिक्री 44 अरब टन रही। 2007 से 2023 के बीच जीडीपी की पीक ग्रोथ के दौरान सीमेंट की सेल्स 34 अरब टन रही। कोटक ने कहा है कि सीमेंट कंपनियों की प्रॉफिट कमाने की क्षमता प्रति टन 5 डॉलर के उसके अनुमान से ज्यादा रह सकती है। लेकिन, यह देखा गया है कि यह अक्सर बाजार की उम्मीद से कम रहा है। इसके बावजूद सीमेंट कंपनियों कैश रिटर्न ऑन कैपिटल इनवेस्टेड (CRoCI) अच्छा रहा है।

वैल्यूएशन और बिजनेस फंडामेंटल्स के बीच संबंध नहीं

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमेंट कंपनियों की मौजूदा स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि उनकी वैल्यूएशन और बिजनेस फंडामेंटल्स के बीच संबंध नहीं रह गया है। उसने कहा है कि सीमेंट इंडस्ट्री में पूंजीगत खर्च की जरूरत पड़ती है और इसका फिक्स्ड-एसेट टर्नओवर रेशियो करीब एक गुना होता है। इसलिए इस इंडस्ट्री का पी/ई इतना ज्यादा नहीं होना चाहिए। हर अतिरिक्त वॉल्यूम की यूनिट के लिए कंपनी को काफी निवेश करना पड़ता है। ऐसे में 30-40 गुना का पी/ई मल्टीपल काफी ज्यादा दिखता है।

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शेयरों में मिलाजुला रुख

ACC के शेयर की कीमत में 20 सितंबर को नरमी दिखी। यह 1:53 बजे 0.53 फीसदी गिरकर 2,429 रुपये पर था। बीते छह महीनों में यह स्टॉक सिर्फ 1.31 फीसदी चढ़ा है। Ambuja Cements के शेयर का प्राइस 1.22 फीसदी की मजबूती के साथ 615 रुपये था। बीते छह महीनों में इस स्टॉक ने सिर्फ 6.85 फीसदी रिटर्न दिया है। Ultratech Cement के शेयर का प्राइस 20 सितंबर को 1.54 फीसदी चढ़कर 11,794 रुपये था। बीते छह महीनों में यह 24 फीसदी चढ़ा है।

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