कोलगेट पॉमोलिव इंडिया का प्रदर्शन चौथी तिमाही में कमजोर रहा। इसका असर कंपनी के शेयरों पर पड़ा है। 52 हफ्तों के हाई से कंपनी का स्टॉक 50 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। मार्केट में कंपनी की ग्रोथ को लेकर चिंता है। हालांकि, चौथी तिमाही में कमजोर प्रदर्शन में शहरों में कमजोर डिमांड और मार्केट में बढ़ती कॉम्पटिशन का बड़ा हाथ है। इसके चलते वॉल्यूम ग्रोथ अनुमान से कम रही। कोलगेट ओरल केयर सेगमेंट की मार्केट लीडर है।
प्रीमियम रेंज पर फोकस का मिलेगा फायदा
डिमांड में सुस्ती बने रहने की उम्मीद है। शॉर्ट टर्म में मार्जिन पर भी दबाव बना रह सकता है। Colgate Palmolive India प्रीमियम रेंज पर कंपनी का फोकस बना रहेगा। लेकिन, ओरल केयर में वॉल्यूम ग्रोथ को लेकर चिंता बनी रह सकती है। इसकी वजह बाजार में बढ़ती प्रतियोगिता है। कंपनी ओरल ब्यूटी सहित कुछ प्रीमियम कैटेगरी में इनवेस्ट बढ़ाने का प्लान बनाया है। कंपनी डेंटिस्ट्स के साथ मिलकर थैरेपेटिक्स पर फोकस कर रही है, जिससे ग्रोथ को सपोर्ट मिल सकता है।
टूथब्रश मार्केट में हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद
Colgate Palmolive India के प्रीमियम पोर्टफोलियो में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। इसमें इनोवेशन, रीलॉन्चेज और ब्रांड में भारी निवेश का हाथ है। लेकिन, कोर पोर्टफोलियो की ग्रोथ में सुस्ती दिखी है, जो चिंता की बात है। खासकर टूथपेस्ट कैटेगरी में ज्यादा स्लोडाउन देखने को मिली है। कंपनी का मानना है कि नए और इमर्जिंग चैनल्स की तेज ग्रोथ, इनोवेशन और प्रीमियम पोर्टफोलियो पर फोकस से शहरों में वॉल्यूम ग्रोथ अच्छी रहेगी। इसके अलावा टूथब्रश कैटेगरी में भी बाजार हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है।
कॉस्ट नियंत्रण में रखने से बढ़ा मार्जिन
कंपनी ने चौथी तिमाही में मार्जिन में इजाफा का इस्तेमाल एडवर्टाइजमेंट खर्च बढ़ाने के लिए किया। कंपनी ने प्रोडक्ट्स की कीमतों में ज्यादा इजाफा नहीं किया, इसके बावजूद कॉस्ट पर कंट्रोल की वजह से मार्जिन के लिहाज से प्रदर्शन अच्छा रहा है। आने वाली तिमाहियों में प्रमोशन पर होने वाला खर्च सामान्य लेवल पर आ जाने की उम्मीद है। कोलगेट ने स्ट्रेटेजी के मामले में जो पहल की है, वह सही दिशा में उठाया गया कदम लगता है। कंपनी कोर और प्रीमियम सेगमेंट में कई नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करने वाली है। इससे शॉर्ट टर्म में ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है।
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बीते एक साल में शेयरों ने नहीं दिया रिटर्न
Colgate के शेयर की कीमत में तेज गिरावट के बाद वैल्यूएशन घटी है। FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के मुकाबले शेयरों में 44 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। यह वैल्यूएशन ठीक लगता है। लेकिन, शेयरों की रिरेटिंग तभी होगी, जब ग्रोथ में अच्छी तेजी आएगी। बीते एक साल में कंपनी के शेयरों ने कोई रिटर्न नहीं दिया है। बीते छह महीनों में यह स्टॉक 16 फीसदी से ज्यादा टूटा है।