Credit Cards

कंटेनर कॉर्पोरेशन में हिस्सा बेचने के लिए जल्द जारी हो सकती है EOI-सूत्र

CONCOR में हिस्सा बिक्री के बारे में सीएनबीसी-आवाज़ के लक्ष्मण रॉय ने कहा कि सभी EOI का इंतजार कर रहे हैं। CGD की मंजूरी EOI जारी करने के लिए जरूरी होती है। 14 अप्रैल को इस संबंध में CGD कैबिनेट सचिव की अगुवाई मीटिंग करने वाला है। इस मीटिंग ज्यादा दिक्कतें नहीं आई तो अबकी बार EOI जारी करने के लिए सहमति बन सकती है

अपडेटेड Apr 11, 2023 पर 1:31 PM
Story continues below Advertisement
CONCOR में सरकार अपनी 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है जिसके लिए EOI पर 14 अप्रैल को चर्चा हो सकती है
     
     
    live
    Volume
    Todays L/H
    Details

    सरकार कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Container Corportation of India (CONCOR) में अपनी हिस्सेदारी बेचने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी में हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार बैठक करने जा रही है। कैबिनेट सचिव की अगुवाई में बैठक होगी। सीजीडी (CGD- Core Group of Secreteries on Divestment) की ये बैठक 14 अप्रैल को होगी। इसमें सरकार की तरफ से हिस्सेदारी बेचने के लिए EOI जारी करने पर चर्चा हो सकती है। माना जा रहा है CGD की बैठक में EOI जारी करने पर सहमति बन सकती है। जिससे हिस्सा बिक्री की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। बता दें कि सरकार कॉनकोर में अपनी 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है।

    सीएनबीसी-आवाज़ के लक्ष्मण रॉय ने इस खबर पर सूत्रों के हवाले से ज्यादा जानकारी देते हुए कहा कि CONCOR में हिस्सा बिक्री के लिए सभी EOI का इंतजार कर रहे हैं। EOI जारी करने के लिए CGD की मंजूरी की जरूरत होती है। CGD कैबिनेट सचिव की अगुवाई 14 अप्रैल को इस संबंध में मीटिंग करने वाला है। यदि इस मीटिंग ज्यादा दिक्कतें नहीं आई। अबकी बार EOI जारी करने के लिए मंजूरी मिल सकती है।

    पहले कारोबारी दिन एक एक्सपर्ट ने 5% रिटर्न कमाया, आज सभी ने इन स्टॉक्स पर लगाया दांव


    सूत्र बता रहे हैं कि इसके बाद मंत्रियों के समूह से हरी झंडी मिलते है सरकार इसके लिए EOI जारी कर देगी। लिहाजा मानना चाहिए कि चालू वित्तीय साल में जो कंपनियां विनिवेश के लिए तैयार नजर आ रही हैं। उसमें से एक CONCOR भी है। सरकार इसमें अपनी 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है।

    इस कंपनी के विनिवेश में अब तक आने वाली देरी के बारे में बताते हुए लक्ष्मण ने कहा कि कंपनी की जमीनें कई राज्यों में हैं। उन जमीनों पर वहां की राज्य सरकारों और रेलवे का भी स्टेक होता है। जिसकी वजह से सबकी मंजूरी मिलने में समय लग रहा है। कई स्टेकहोल्डर होने की वजह से आपस में तालमेल की कमी भी देखने को मिलती है।

    डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

     

     

     

    हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।