कमिंस इंडिया का प्रदर्शन चौथी तिमाही में मिलाजुला रहा। लेकिन, वित्त वर्ष 2025-26 में कंपनी का प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है। कंपनी विदेश में बिजनेस का डायवर्सिफिकेशन कर रही है। उसने कस्टमाइज्ड एक्सपोर्ट्स पर फोकस बढ़ाया है। इसके अलावा वह डेटा सेंटर्स और क्विक कॉमर्स जैसे न्यू-एज डोमेस्टिक सेगमेंट में एंट्री कर रही है। अभी कंपनी का कैपेसिटी यूटिलाइजेशन सिर्फ 65 फीसदी है। कंपनी को नया पूंजीगत खर्च नहीं करना है। पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता खत्म होने और कॉस्ट को कंट्रोल में रखने की कंपनी की कोशिश के भी नतीजे दिखेंगे। इससे इस वित्त वर्ष में कंपनी का प्रदर्शन बेहतर रह सकता है।
रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 6.5 फीसदी बढ़ा
Cummins India का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू चौथी तिमाही में साल दर साल आधार पर 6.5 फीसदी बढ़ा। लेकिन, तिमाही दर तिमाही आधार पर इसमें 20 फीसदी गिरावट आई। एक्सपोर्ट सेगमेंट का प्रदर्शन शानदार रहा। साल दर साल आधार पर एक्सपोर्ट की ग्रोथ 39 फीसदी रही। कंपनी को कम हॉर्स पावर और ऑयल एंड गैस सेगमेंट में अच्छी डिमांड का फायदा मिला। हालांकि, घरेलू एक्टिविटी में कमजोरी, पॉलिसी में देर और एग्जिक्यूशन से जुड़ी बाधाओं का ओवरऑल ग्रोथ मोमेंटम पर खराब असर पड़ा।
चौथी तिमाही में प्रॉफिट और मार्जिन में गिरावट
चौथी तिमाही में ऑपरेटिंग कॉस्ट में वृद्धि जारी रही। साल दर साल आधार पर कुल एक्सपेंडिचर 9 फीसदी बढ़ गया। इसके चलते EBITDA एक साल पहले के मुकाबले 2.5 फीसदी कम रहा। मार्जिन 196 बेसिस प्वाइंट्स घटकर 21.26 फीसदी रहा। अन्य आय में साल दर साल आधार पर 27 फीसदी इजाफा के बावजूद नेट प्रॉफिट साल दर साल आधार पर 1.7 फीसदी और तिमाही दर तिमाही आधार पर 5 फीसदी घट गया। इससे कॉस्ट पर प्रेशर का संकेत मिलता है।
पिछले साल जून में 4000 रुपये के पार हो गया था स्टॉक
Cummins India का स्टॉक जून 2024 में 4,157 रुपये पर पहुंच गया था। घरेलू बाजार में कमजोर डिमांड और ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता का असर कंपनी के शेयरों पर पड़ा है। शेयर करेक्शन के बाद 3,172 रुपये पर आ गया है। लेकिन, मार्जिन में अनुशासन, एक्सपोर्ट के मोर्चे पर अच्छे प्रदर्शन और डोमेस्टिक मार्केट में रिकवरी को देखते हुए कंपनी के आगे बेहतर संभवानाएं लगती हैं।
क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?
अभी स्टॉक में FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 31 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। कंपनी की डिविडेंड यील्ड 1.3 से 1.5 फीसदी रही है। अट्रैक्टिव वैल्यूएशंस और बेहतर होते फंडामेंटल्स को देखते हुए मीडियम टर्म में इस स्टॉक की रीरेटिंग हो सकती है।