Daily Voice : रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी ने मिडकैप सेक्टर में वोलैटिलिटी को बढ़ा दिया है। मिडकैप के वैल्यूएशन को लेकर देखने को मिल रही घबराहट के बीच इस समय लार्जकैप ज्यादा आकर्षक लग रहे हैं। ये बातें जेएम फाइनेंशियल म्यूचुअल फंड के सीआईओ-इक्विटी सतीश रामनाथन ने मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में कही हैं। यूएस फेडरल रिजर्व के अगले संभावित कदम के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि सभी संकेत यही बता रहे हैं कि अमेरिका में महंगाई में नरमी आ रही है। अगर यूएस फेड दरों में बढ़त करता है तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था दिक्कत में पड़ सकती है।
एसेट मैनेजमेंट और कैपिटल मार्केट का तीन दशकों का अनुभव रखने वाले सतीश रामनाथन ने इस बातचीत में आगे कहा कि ऊंची ब्याज दर अमेरिका की इकोनॉमी के लिए संकट की संभावना को बढ़ा देगी। ऐसे में दरों पर यूएस फेड के नजरिए और गाइडेंस पर बाजार की नजर रहेगी।
सरकारी बैंकों में दिखेगी तेजी
सरकारी बैंकों से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए सतीश रामनाथन ने कहा कि सामान्य तौर पर देखें तो सरकारी कंपनियों का वैल्यूएशन अच्छा दिख रहा है। पीएसयू बैंकों की एसेट क्वालिटी में काफी सुधार हुआ है। इनकी एनपीए की समस्या लगभग खत्म हो गई है। सरकारी बैंक अब अपनी लोन बुक में रिटेल लोन की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए विविधता ला रहे हैं। इनमें से अधिकांश बैंकों ने अपने टेक्नोलॉजी बैकएंड को अपग्रेड करने का काम पूरा कर लिया है। अगर ब्याज दरें कम होती हैं और क्रेडिट की मांग में बढ़त होती है तो सरकारी बैंकों को भी फायदा हो सकता है। इंफ्रा स्ट्रक्चर पर बढ़ते खर्च से भी पीएसयू बैंकों को फायदा मिल सकता है।
टेक्सटाइल सेक्टर में भारत काफी अच्छी स्थिति में
टेक्सटाइल सेक्टर पर अपनी राय रखते हुए सतीश रामनाथन ने कहा कि टेक्सटाइल सेक्टर में भारत काफी अच्छी स्थिति में है। फाइबर-टू-फैशन सेगमेंट में भी भारत की स्थिति काफी मजबूत है। कपास के मजबूत उत्पादन, कताई मिलों की बड़ी संख्या तथा जनसांख्यिकी बढ़त के चलते भारत के कपड़ा निर्यात में बढ़त जारी रह सकती है।
होम टेक्सटाइल मार्केट में भारत की बड़ी हिस्सेदारी है और वह दूसरे सेगमेंट्स में भी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की क्षमता रखता है। पश्चिम देशों में इन्वेंटरी ख़त्म होने के साथ ही देश से होने वाले निर्यात में सुधार के कुछ संकेत दिख रहे हैं। घरेलू कारोबार में लगातार अच्छी ग्रोथ हो रही है और मौजूदा त्योहारी सीजन इंडस्ट्री के ग्रोथ को बढ़ावा दे सकता है।
ईवी से जुड़े ऑटो शेयरों में दिखेगी अच्छी तेजी
ऑटो और ऑटो एंसिलरी सेक्टर पर बात करते हुए सतीश रामनाथन ने कहा कि ऑटो और ऑटो एंसिलरी सेक्टर में वास्तव में तीन सेगमेंट हैं। इनमें पहला है ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) से प्रभावित नहीं होने वाला कारोबार। दूसरा है ईवी से नकारात्मक रूप से प्रभावित होने वाला कारोबार और तीसरा है ईवी चेन को आपूर्ति करने वाली सहायक कंपनियां जो आज कल लाइम लाइट में हैं। आगे हमें ऑटो कलपुर्जे बनाने वाली और ईवी सप्लाई चेन से जुड़ी कंपनियों के कारोबार में ग्रोथ देखने को मिल सकती है। परंपरागत ICE (Internal Combustion Engine) के लिए सप्लाई करने वाली कंपनियों की तुलना में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए सप्लाई करने वाली कंपनियों में ज्यादा तेजी देखने को मिलेगी।
स्पेशियलिटी केमिकल शेयरों में ग्रोथ की संभावना कायम
स्पेशियलिटी केमिकल शेयरों पर बात करते हुए सतीश रामनाथन ने कहा कि इंडियन स्पेशियलिटी केमिकल कंपनियों में आगे भी ग्रोथ जारी रह सकती है। भारत बहुत सारे केमिकल उत्पादों का अभी भी आयात कर रहा है। देश में ही इनके उत्पादन की जरूरत है। वर्तमान में, स्पेशियलिटी केमिकल कंपनियां इन्वेंट्री और प्राइस के मिड साइकिल करेक्शन के दौर से गुजर रही हैं। इनका मार्जिन भी ऊपरी स्तर से कम हुआ है। कुछ समय तक इन कंपनियों का मार्जिन सपाट बना रह सकता है। निच सेगमेंट में स्पेशियलिटी केमिकल कंपनियां आगे निवेश पूंजी पर हाई रिटर्न के साथ मजबूत ग्रोथ हासिल करती दिख सकती हैं। स्पेशियलिटी केमिकल सेक्टर में ऐसी चुनिंदा कंपनियों पर ही दांव लगाना चाहिए जिनको अपने सेक्टर की जरूरतों की अच्छी जानकारी है और जो इकोनॉमीज ऑफ स्केल का फायदा उठाने में सक्षम हैं।
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