Daily Voice : कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह का मानना है कि खपत से जुड़े शेयरों में काफी दम नजर आ रहा है। संवत 2082 में इस सेक्टर के शेयरों में जोरदार चमक देखने को मिल सकती है। इसके अलावा मिड-कैप आईटी में भी उनको काफी संभावनाएं दिख रही हैं। उनका मानना है इन शेयरों को एआई में होने वाले विकास से फायदा मिलेगा और इससे एच1बी वीज़ा से जुड़ी चिंताओं से निपटने में आसानी होगी। शाह ने आगे कहा कि अमेरिका में अनिश्चितता के बीच सरकार द्वारा हाल में ही किए गए सुधार बॉटम-अप खरीदारी के मौके पेश कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मज़बूत घरेलू फंडामेंटल्स के चलते भारतीय बाज़ारों में निगेटिव के बजाया पॉजिटिव स्थितियां ज्यादा देखने को मिलेंगे। अमेरिकी डॉलर की कमजोरी, अमेरिका में नीतिगत अनिश्चितता और अमेरिकी बाजारों के महंगे होने के कारण विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर फिर से रुख कर सकते हैं।
बाजार पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि पिछला संवत विपरीत परिस्थितियों के बीच मजबूती की कहानी रहा। इस दौरान निफ्टी ने 4-6 प्रतिशत की मामूली बढ़त देखने को मिली। हमारा बाजार दूसरे ग्लोबल प्रतिस्पर्धियों से पीछे रहा। एफपीआई और प्रमोटरों ने लगातार बिकवाली की। महंगे वैल्यूएशन,छह तिमाहियों में सिर्फ सिंगल डिजिट ग्रोथ और प्रतिस्पर्धियों की तुलना में भारत का कमज़ोर प्रदर्शन कुछ ऐसी वजह रहे जिसके कारण विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से किनारा कर लिया। इसके अलावा हमारे निर्यात, रोज़गार और विकास को नुकसान पहुंचाने वाले अनुचित अमेरिकी टैरिफ ने भी निवेशकों का मूड खराब कर दिया।
इसके बावजूद भारत के मजबूत लॉन्ग टर्म आउटलुक के दम पर घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) और खुदरा निवेशकों ने SIP के ज़रिए लगातार खरीदारी की। सरकारी प्रोत्साहनों जैसे आयकर में 1 लाख करोड़ रुपये की कटौती, निचले तबके के लोगों के लिए सालाना आधार पर 1.96 लाख करोड़ रुपये की GST राहत, ब्याज दरों में कमी के कारण EMI में कटौती से 1 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त बचत और 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों ने लोगों की जेब में अतिरिक्त पैसा डाला है। इससे घरेलू बाजार को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है।
पिछले संवत में लगभग 6% की मामूली बढ़त देखने को मिली है। क्या आपको उम्मीद है कि नए संवत में बाज़ार बेहतर प्रदर्शन करेगा और 10-15% या उससे ज़्यादा की बढ़त दर्ज करेगा? इसके जवाब में नीलेश शाह ने कहा कि शॉर्ट टर्म रिटर्न का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। वैल्यूएशन के रि-रेटिंग की संभावना नहीं है। अर्निंग ग्रोथ ही रिटर्न तय करेगी। मध्यम अवधि के नजरिए से देखें तो हाई सिंगल डिजिट से लो डबल डिजिट रिटर्न की संभावना दिख रही है।
आपके मुताबिक कौन से सेक्टर नए संवत के ‘पटाखे’साबित हो सकते हैं? इस पर नीलेश शाह ने कहा कि खपत से जुड़ा सेक्टर अभी भी एक जगमगाता सितारा है। डिस्क्रिशनरी खपत वाले शेयरों जैसे ट्रैवल और/टूरिज्म (ट्रेनों की बजाय हवाई जहाज़ों), होम रिनोवेशन,हेल्थ/एजुकेशन वाले शेयर आगे अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।
सरकार की तरफ से मिली 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक छूट (कर/जीएसटी/ईएमआई/वेतन वृद्धि) को अगर भारत में ही खर्च किया जाएगा तो रोजगार और आय का सृजन होगा। इसका फायदा इकोनॉमी और बाजार को मिलेगा। इसके अलावा मिड-कैप आईटी में भी उनको काफी संभावनाएं दिख रही हैं। उनका मानना है इन शेयरों को एआई में होने वाले विकास से फायदा मिलेगा और इससे एच1बी वीज़ा से जुड़ी चिंताओं से निपटने में आसानी होगी।
इस दिवाली पर बाजार में प्रवेश करने वाले नए निवेशकों को नीलेश शाह की सलाह है कि त्योहार के उन्माद में नहीं, बल्कि अनुशासन के साथ निवेश करें। डेट, इक्विटी, रियल एस्टेट और कीमती धातुओं में एसेट एलोकेशन पर फोकस करें। दिवाली की रोशनी का जश्न मनाए, लेकिन निवेश ऐसे करें जैसे यह एक मैराथन हो न कि 100 मीटर का दौड़।
क्या आपको लगता है कि नए संवत में भी सोना अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखेगा? इसके जबाव में नीलेश शाह ने कहा कि अगर केंद्रीय बैंक खरीदारी जारी रखते हैं तो सोने में तेजी जारी रह सकती है। केंद्रीय बैंकों की खरीदारी पर नज़र रखें, जब तक वे खरीदारी करते रहेंगे,तब तक सोने की तेज़ी रहेगी। अगर वे बेचते हैं, तो गिरावट आएगी।
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