Credit Cards

Daily Voice: गिरावट में खरीदारी की रणनीति पर करें अमल, तमाम अच्छे स्टॉक्स सस्ते में उपलब्ध

रुपये की चाल पर बात करते हुए राजकुमार के ने कहा कि अब हमें डॉलर के मुकाबले दूसरी करेंसीज में सिर्फ हल्की गिरावट की उम्मीद है। क्योंकि अब तक काफी कमजोरी आ चुकी है

अपडेटेड Oct 15, 2022 पर 4:26 PM
Story continues below Advertisement

यह गिरावट में खरीद का बाजार है। इस समय तमाम लॉर्जकैप कंपनियों के शेयर अपने कोविड के पहले के वैल्यूएशन के आसपास मिल रहे हैं जबकि इनके रेवेन्यू और अर्निंग में भारी बढ़ोतरी हुई है। ये बातें रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर रामकुमार के ने मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में कही हैं। रामकुमार के का यह भी कहना है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ अगले कुछ तिमाहियों में पहली तिमाही की तुलना में काफी कम रहने की संभावना है। जिससे कंपनियों के आय अनुमान में गिरावट देखने को मिल सकती है।

रामकुमार के का यह भी मानना है कि इक्विटी मार्केट में किसी बड़े करेक्शन की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। भारत में ब्याज दरों में अब तक की कई बढ़ोतरी के बावजूद महंगाई दर 7.4 फीसदी पर पहुंच गई है। यह बाजार के लिए अच्छा नहीं है। भारत मे रेपो रेट अभी भी सिर्फ 5.9 फीसदी है। जो 12 महीनों से ज्यादा की अवधि से निगेटिव रीयल यील्ड को दर्शाता है।

देश में फंडिंग की लागत में पिछले 6 महीने में काफी बढ़त हुई है और अभी तक इसका असर अर्निंग पर नहीं दिखा है। इसके अलावा अब तक ग्लोबल मार्केट में जितनी गिरावट आई है। उसकी तुलना में भारतीय बाजार कम गिरे हैं। ऐसे में एक बार ग्लोबल इकोनॉमी में स्थिरता आने पर विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार की तुलना में दुनिया के दूसरे बाजार ज्यादा आखर्षक नजर आ सकते हैं जिससे भारतीय बाजार में करेक्शन आ सकता है।


अमेरिका की मंदी भारत के लिए शुभ, स्टॉक मार्केट जल्द भरेगा नई उड़ान: सौरभ मुखर्जी

रुपये की चाल पर बात करते हुए राजकुमार के ने कहा कि अब हमें डॉलर के मुकाबले दूसरी करेंसीज में सिर्फ हल्की गिरावट की उम्मीद है। क्योंकि अब तक काफी कमजोरी आ चुकी है। इसके साथ ही दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंक अपनी करेंसी के बचाव के लिए कमर कस चुके हैं और वे काफी आक्रामक तरीके से अपने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। जिससे डॉलर के मुकाबले दूसरे करेंसी की गिरावट पर अब लागाम लग सकता है।

बैंकिंग सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय नॉन फूड क्रेडिट ग्रोथ 16 फीसदी के आसपास है। बढ़ती कीमतों के जोखिम के बावजूद यह लो डबल डिजिट में बनी रहेगी। क्योंकि प्राइवेट कैपेक्स साइकिल में तेजी के चलते इसको सपोर्ट मिलेगा।

आईटी सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आईटी कंपनियों की कमाई में 80 फीसदी योगदान एक्सपोर्ट का होता है। ऐसे में भारत के आईटी सेक्टर की ग्रोथ में ग्लोबल फैक्टर अहम भूमिका निभाएंगे। अगली कुछ तिमाहियों में आईटी सेक्टर के लिए चुनौतियां बनी रहेंगी । हालांकि अब तक आईटी स्टॉक्स की काफी पिटाई हो चुकी है। जिसके चलते इनके वैल्यूएशन अच्छे नजर आ रहे हैं। ऐसे में आईटी सेक्टर में लंबे नजरिए से निवेश किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।