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Daily Voice : निफ्टी 2025 की दूसरी छमाही में हिट कर सकता है नया हाई, डॉलर इंडेक्स में आ सकती है कमजोरी

राइट रिसर्च पीएमएस की सोनम श्रीवास्तव का मानना ​​है कि इस सप्ताह के अंत में होने वाली आरबीआई की नीति बैठक में ब्याज दरों में कटौती की काफी उम्मीद है। अगर महंगाई नियंत्रण में रहती है तो साल के अंत से पहले और कटौती की भी संभावना है

अपडेटेड Jun 04, 2025 पर 10:49 AM
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कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी से जुड़े शेयर भी आगे अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। शहरी मांग में मजबूती है। ऑटोमोबाइल, ट्रैवल और प्रीमियम खपत जैसी कटेगरी में अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल सकता है

राइट रिसर्च पीएमएस की फउंडर और फंड मैनेजर सोनम श्रीवास्तव को उम्मीद है कि अगली कुछ तिमाहियों में यूएस डॉलर इंडेक्स (DXY) कमजोर होगा। मनीकंट्रोल को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे फेडरल रिजर्व अपने रेट-कटिंग साइकिल के करीब पहुंचेगा, अमेरिका में रियल यील्ड में गिरावट आ सकती है, जिससे डॉलर का कैरी एडवांटेज खत्म हो सकता है।"

यूएस डॉलर इंडेक्स (DXY) हाल के हाई से काफी नीचे आ चुका है। यह अमेरिका और दूसरे विकसित बाजारों के बीच ग्रोथ और ब्याज दरों में घटते अंतर का संकेत है। सोनम का यह भी मानना ​​है कि ब्याज दरों में गिरावट,महंगाई में गिरावट और बेहतर अर्निंग संभावना के कारण निफ्टी 2025 की दूसरी छमाही में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच जाएगा।

सोनम का यह भी मानना ​​है कि इस सप्ताह के अंत में होने वाली आरबीआई की नीति बैठक में ब्याज दरों में कटौती की काफी उम्मीद है। अगर महंगाई नियंत्रण में रहती है तो साल के अंत से पहले और कटौती की भी संभावना है। हालांकि तेल और खाने-पीने की चीजों की महंगाई और ग्लोबल सेंट्रल बैंकों खास कर यूएस फेड के रुख में बदलाव इस दिशा में मुश्किल पैदा कर सकते हैं।


सोनम ने आगे कहा कि वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में बाजार के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने की संभावना है। बाजार को ब्याज दरों में गिरावट, महंगाई में नरमी और अर्निंग्स में सुधार से फायदा होगा। कई ग्लोबल जोखिमों के बावजूद भारतीय बाजार मजबूत बना रहा है। हमारे बाजार ने अमेरिकी यील्ड में उतार-चढ़ाव, तेल की कीमतों में उछाल और भू-राजनीतिक परेशानियों का डटकर सामना किया है। यह भारत की ग्रोथ स्टोरी की आंतरिक ताकत का सबूत है।

बाजार का वैल्यूएशन महंगा है लेकिन यह बहुत ज्यादा महंगा भी नहीं है। मेगा-कैप शेयर महंगे हो सकते है, लेकिन इस स्पेस से बाहर तमाम शेयर अच्छे भाव में मिल रहे हैं। आरबीआई द्वारा दरों में और कमी किए जाने तथा नकदी की स्थिति और बेहतर होने की उम्मीद के साथ, घरेलू संस्थागत निवेश में मजबूती बनी रहने की उम्मीद है। मिड-और स्मॉल-कैप में खऱीदारी बढ़ने से ब्रॉडर मार्केट में तेजी आ सकती है।

क्या आपको फाइनेंशियल,इंडस्ट्रियल और कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी सेक्टर अच्छे लग रहे हैं? इस पर सोनम ने कहा कि हां, ये तीन सेक्टर राइट रिसर्च के पोर्टफोलियो में सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं। इन तीनों सेक्टरों में आगे अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है।

फाइनेंशियल सेक्टर को अच्छी क्रेडिट ग्रोथ, असेट क्वालिटी में सुधार और गिरती ब्याज दरों का फायदा मिलेगा। प्राइवेट बैंकों तथा चुनिंदा एनबीएफसी को नीतियों में नरमी और पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में बढ़त से लाभ मिलने की उम्मीद है।

इंडस्ट्रियल सेक्टर को सरकारी और निजी पूंजीगत व्यय में बढ़त से फायदा मिलेगा। लांग टर्म में रेलवे, डिफेंस, एनर्जी ट्रांजिशन और मैन्यूफैक्चरिंग पीएलआई-लिंक्ड शेयर अच्छा करते नजर आ सकते हैं। कमोडिटी की कीमतें स्थिर रहने से मार्जिन आउटलुक में भी सुधार हो रहा है।

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कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी से जुड़े शेयर भी आगे अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। शहरी मांग में मजबूती है। ऑटोमोबाइल, ट्रैवल और प्रीमियम खपत जैसी कटेगरी में अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल सकता है। ग्रामीण और लो-एंड खपत अभी भी कमजोर है। लेकिन महंगाई में कमी और सरकारी सपोर्ट के साथ इसमें सुधार होने की उम्मीद है । ब्याज दरों में कटौती से दोपहिया,व्हाइट गुड्स और हाउसिंग से जुड़े शेयरों में तेजी आएगी।

 

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