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Daily Voice : 2024 में बाजार के लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं, फाइनेंशियल और खपत वाले शेयरों में दिखेगी तेजी

Daily Voice : भारतीय बाजार में निवेशकों के लिए अभी भी कमाई के काफी ज्यादा मौके नजर आ रहे हैं। हो सकता है कि पिछले 2 सालों में जितनी तेज कमाई (खास कर मिड और स्मॉल कैप में) हुई है उतनी न हो पाये। लेकिन अगर कोई निवेशक बाजार में कम से कम तीन साल के नजरिए से निवेश करना चाहता है तो बाजार में अभी भी निवेश के कई शानदार मौके हैं

अपडेटेड Dec 25, 2023 पर 10:44 AM
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Daily Voice : यूएस फेड ने 2024 में दर में कटौती की संभावनाओं की घोषणा करके बाजारों के लिए क्रिसमस की खुशी को और बढ़ा दिया है। भारत में 6-7 फीसदी की ग्रोथ रेट के साथ दर में कटौती की उम्मीद एक अच्छी खबर है

Daily Voice : 2024 में मिड और स्मॉल कैप सेक्टर के कुछ सेक्टरों के अर्निंग ग्रोथ के आंकड़ों के कुछ ज्यादा ही रहने की उम्मीद की जा रही है। ये उम्मीद सही नहीं दिख रही है। इसके अलावा, हमें इस समय इक्विटी बाजारों के लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं दिख रही है। अगर हम उन सेक्टरों में निवेश से बचे रहें तो इस समय बाजार के लिए रिस्क रिवॉर्ड अनुकूल दिख रहा है। ये बातें सुंदरम अल्टरनेट एसेट्स (Sundaram Alternate Assets) के इक्विटी एंड फंड मैनेजर हेड मदनगोपाल रामू (Madanagopal Ramu)ने मनीकंट्रोल से हुई एक बातचीत के दौरान कही हैं।

रामू का मानना है कि कम होती महंगाई, ब्याज दरों में गिरावट और 6-7 फीसदी आर्थिक विकास दर फाइनेंशियल्स और खपत जैसे सिक्लिकल ग्रोथ वाले शेयरों के लिए फायदेमंद साबित होगी। भारतीय बाजारों का 14 सालों से ज्यादा का अनुभाव रखने वाले रामू का कहना है कि फाइनेंशियल और खपत वाले शेयरों का वैल्यूएशन महंगा नहीं है।

इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि भारत में मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में भारी निवेश हो रहा जिससे आगे देश की ग्रोथ स्टोरी काफी मजबूत रहने की उम्मीद है। ऐसे में भारतीय बाजार में निवेशकों के लिए अभी भी कमाई के काफी ज्यादा मौके नजर आ रहे हैं। हो सकता है कि पिछले 2 सालों में जितनी तेज कमाई (खास कर मिड और स्मॉल कैप में) हुई है उतनी न हो पाये। लेकिन अगर कोई निवेशक बाजार में कम से कम तीन साल के नजरिए से निवेश करना चाहता है तो बाजार में अभी भी निवेश के कई शानदार मौके हैं।


इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि यूएस फेड ने 2024 में दर में कटौती की संभावनाओं की घोषणा करके बाजारों के लिए क्रिसमस की खुशी को और बढ़ा दिया है। भारत में 6-7 फीसदी की ग्रोथ रेट के साथ दर में कटौती की उम्मीद एक अच्छी खबर है। 2023 में, भारत ने उच्च महंगाई और ब्याज दरों के बावजूद जीडीपी ग्रोथ रेट काफी मजबूत रही। इससे मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रा पर होने वाले के खर्च में बढ़त देखने को मिली। 2023 में खपत कमजोर रही। 2024 में महंगाई मध्यम स्तर पर रहने और 2024 की दूसरी छमाही में ब्याज दरों में कटौती होने के अनुमान साथ उम्मीद है कि निजी खपत में फिर से बढ़त होगी। इससे सभी सेक्टरों में हाई कैपेसिटी यूटिलाइजेशन और विस्तार योजनाओं पर होने वाले खर्च में बढ़त की उम्मीद है। ऐसे में लगता है कि भारत में अगले 2-3 सालों तक अच्छी  ग्रोथ बनी रहेगी।

 

 

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