Daily Voice: विकसित देशों में मंदी से भारत को होगा फायदा-प्रभुदास लीलाधर के अमनीष अग्रवाल

डेटा सेंटर को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा मिलने, रिन्यूएबल एनर्जी के लिए पीएलआई स्कीम शुरु करने और डिफेंस के लिए आत्मनिर्भरता पर फोकस कुछ ऐसे थीम है जो आगे अच्छे से काम करते नजर आएंगे

अपडेटेड Sep 10, 2022 पर 12:24 PM
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भारत के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को 2000 अरब रुपये के 14 सेक्टरों के लिए शुरू किए गए पीएलआई सकीम और China +1 पॉलिसी का फायदा मिलेगा

ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर (Prabhudas Lilladher ) का मानना है कि भारत एक बहुत बड़े कैपेक्स साइकिल रिकवरी के कगार पर है। अगले कुछ सालों में हमें इसका असर देखने को मिलेगा। प्रभुदास लीलाधर के हेड ऑफ रिसर्च अमनीष अग्रवाल (Amnish Aggarwal ) ने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में कहा है कि सरकार की तरफ से इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर किए जाने वाले बड़े खर्च के बावजूद पिछले कुछ सालों के दौरान निजी क्षेत्र की तरफ से आने वाले निवेश में कोई बड़ी तेजी देखने को नहीं मिली है। इसके पहले 2003- 2008 की अवधि में हमें पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश आता दिखा था।

फाइनेंशियल मार्केट का लगभग 20 साल का अनुभव रखने वाले अमनीष अग्रवाल का मानना है कि अगले 3 से 5 साल की अवधि में इंडस्ट्रियल कैपेक्स में आने वाली तेजी और डिजिटलीकरण और रिन्यूएबल एनर्जी के कारण होने वाले बदलाव के चलते हमें निवेश के नजरिए से कई सेक्टर उभरते नजर आएंगे।

इस बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि विकसित देशों में आने वाली कोई मंदी वास्तव में भारत के लिए फायदेमंद साबित होगी। विकसित देशों में मंदी के कारण इन देशों की बड़ी कंपनियां अपनी लागत को घटाने के लिए भारत की तरफ फोकस कर सकती हैं। जिससे भारत में नए प्रोजेक्ट्स पर निजी निवेश बढ़ता नजर आ सकता है।


उन्होंने यह भी कहा कि भारत के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को 2000 अरब रुपये के 14 सेक्टरों के लिए शुरू किए गए पीएलआई सकीम और China +1 पॉलिसी का फायदा मिलेगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा हमें स्पेशियालिटी केमिकल और टेक्सटाइल की तरफ जाता दिखेगा। इसके अलावा हमें आगे स्टील, सीमेंट, टेक्सटाइल, ऑयल एंड गैस इलेक्ट्रिक व्हीकल, सोलर, केमिकल, फूड प्रोसेसिंग और रिन्यूएबल एनर्जी में बड़ी मात्रा में निवेश और क्षमता विस्तार देखने को मिलेगा।

बढ़ती पावर डिमांड और कैपेक्स में तेजी के चलते पावर शेयर साबित होंगे लंबी रेस के घोड़े

इसके अलावा ग्लोबल इंफ्रा में तेजी का फायदा इंजीनियरिंग गुड्स और सर्विसेस से जुड़ी कंपनियों को मिलता नजर आएगा। ऐसे में निवेश के नजरिए से हमें इन सेक्टरों पर नजर बनाई रखनी चाहिए। उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि डेटा सेंटर को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा मिलने, रिन्यूएबल एनर्जी के लिए पीएलआई स्कीम शुरु करने और डिफेंस के लिए आत्मनिर्भरता पर फोकस कुछ ऐसे थीम है जो आगे अच्छे से काम करते नजर आएंगे।

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First Published: Sep 09, 2022 2:13 PM

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