क्वांटम लॉन्ग टर्म इक्विटी वैल्यू फंड और क्वांटम टैक्स सेविंग फंड (Quantum Long Term Equity Value Fund and Quantum Tax Saving Fund)के फंड मैनेजर क्रिस्टी मथाई (Christy Mathai) ने मनीकंट्रोल को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि नए जमाने की कुछ टेक कंपनियों में हल्का सुधार हुआ है। लेकिन इनमें से कई कंपनियां अभी भी लाभदायक बिजनेस मॉडल की खोज में लगी हुई हैं। एक वैल्यू मैनेजर के तौर पर क्रिस्टी मथाई का मानना है कि नए जमाने की कुछ टेक कंपनियों के वैल्यूएशन पिछले साल के करेक्शन के बावजूद अभी भी महंगे नजर आ रहे हैं।
इक्विटी रिसर्च में 7 सालों का अनुभव रखने वाले क्रिस्टी मथाई का बैंकिंग सेक्टर पर कहना है कि हाल के दिनों में बैंकिंग शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली है। इसके बावजूद वे अभी भी इस सेक्टर पर ओवरवेट हैं। उन्होंने ये भी बताया कि उनका फंड हाउस आईटी शेयरों पर भी ओवरवेट है। आगे ग्लोबल मार्केट में भारतीय आईटी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी बढ़त होती दिखेगी।
क्या आपको अगले 3-6 महीनों की अवधि में शेयर बाजार में बड़ी तेजी की कोई संभावना नजर आती है?
इस सवाल का जवाब देते हुए क्रिस्टी मथाई ने कहा कि बाजार की निकट अवधि की चाल के बारे में कोई भविष्यवाणी करना काफी कठिन है क्योंकि बाजार के कुछ ट्रिगर काफी ज्यादा अनिश्चित हैं। आगे बाजार की चाल पर ग्लोबल स्तर पर ब्याज दरों की स्थिति, महंगाई की दर और इक्विटी मार्केट में आने वाले पैसे के प्रवाह का सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा। इसके अलावा भारतीय बाजार का वैल्यूशन हाल में हुए करेक्शन के बवाजूद अभी भी महंगा दिख रहा है। मध्यम अवधि के नजरिए से देखें तो भारत हमें एक इकोनॉमिक अपसाइकिल में दिख रहा है। इसके चलते आगे हमें कंपनियों की कमाई में बढ़त होती दिखेगी साथ ही इक्विटी पर मिलने वाला रिटर्न पर भी बढ़ता दिखेगा।
बाजार की मौजूदा स्थिति में निवेशको को क्या रणनीति अपनी चाहिए ?
इस पर क्रिस्टी मथाई ने कहा कि इस समय एक निवेशक को कई एसेट क्लास में अपने निवेश के बांट कर रखना चाहिए। निवेशक को एक आपातकालीन कोष (emergency corpus) अलग रखने की सलाह होगी। इस वोलैटिलिटी भरे माहौल में निवेशकों को सोने और इक्विटी में मिलाजुला निवेश करने की सलाह होगी। निवेशकों को सलाह होगी कि अपने 12 महीनों के खर्च के बराबर का आपातकालीन कोष (emergency corpus) बनाएं और लंबी अवधि के नजरिए से 20:80 के अनुपात में सोने और इक्विटी में निवेश करें। इसका मतलब ये है कि पोर्टफोलियो में 20 फीसदी निवेश सोने में और 80 फीसदी निवेश इक्विटी में रखें। इस अनुपात में निवेशक की जोखिम उठाने की क्षमता के मुताबिक बदलाव किया जा सकता है।
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