Defence Stocks: भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार (22 मई) को भारी गिरावट दिखी। दोनों प्रमुख सूचकांक यानी सेंसेक्स और निफ्टी करीब 1% की गिरावट के साथ बंद हुए। लेकिन, डिफेंस सेक्टर के शेयरों में जोरदार तेजी दिखी। Nifty India Defence इंडेक्स 2% से ज्यादा चढ़ा। ये लगातार दूसरा दिन था जब इस सेक्टर ने पॉजिटिव क्लोजिंग दी।
सबसे ज्यादा उछाल GRSE में
Garden Reach Shipbuilders and Engineers (GRSE) का शेयर में सबसे अधिक उछाल आई। यह 10.94% बढ़त के साथ 2,774.00 रुपये पर बंद हुआ। यह GRSE का पिछले छह महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है। इस उछाल की वजह थी- भारतीय नौसेना के 25,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में कंपनी का सबसे कम बोली लगाने वाला (L1 bidder) बनना।
इन डिफेंस स्टॉक्स में भी दिखी तेजी
ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी के बयान का असर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मई को राजस्थान के बीकानेर में भारतीय सेनाओं की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सफलता के लिए जमकर सराहना की।
उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने तीनों सेनाओं को फ्री हैंड दिया। उन्होंने ऐसा चक्रव्यूह रचा कि पाकिस्तान को घुटनों पर आना पड़ा... 22 अप्रैल के हमले के जवाब में हमने 22 मिनट में आतंकियों के नौ सबसे बड़े ठिकानों को ध्वस्त कर दिया।" इस भाषण और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने डिफेंस सेक्टर को फिर से निवेशकों के रडार पर ला दिया है।
डिफेंस स्टॉक्स पर मार्केट एक्सपर्ट्स की राय
एक्सपर्ट का मानना है कि डिफेंस कंपनियों के फंडामेंटल मजबूत हैं, लेकिन वैल्यूएशन को लेकर सजग रहने की जरूरत है। Religare Broking के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रवि सिंह ने कहा, "डिफेंस और मीडिया ही दो ऐसे सेक्टर थे जो आज गेन में बंद हुए। HAL, BEL और GRSE जैसी कंपनियों ने मार्च तिमाही में उम्मीद से बेहतर नतीजे दिए।"
उन्होंने ये भी जोड़ा कि सरकारी नीतियों और डिफेंस एक्सपर्ट में दिलचस्पी बढ़ने की वजह से डिफेंस सेक्टर स्ट्रक्चरल ग्रोथ मोड में है। शिपबिल्डिंग कंपनियां, खासकर हालिया नेवी प्रोजेक्ट्स की वजह से, लीडर बनकर उभरी हैं।
वैल्यूएशन को लेकर चेतावनी
Kotak Securities के वाइस प्रेसिडेंट पंकज कुमार ने डिफेंस स्टॉक्स के वैल्यूएशन को लेकर आगाह किया। उन्होंने कहा, "डिफेंस कंपनियों के शेयरों में तेजी फिलहाल सेंटिमेंट पर चल रही है, लेकिन वैल्यूएशन बहुत ऊंचे हैं। किसी भी तिमाही में उम्मीद से कम नतीजे आए तो ये रैली टूट सकती है।"
SAMCO Securities में रिसर्च एनालिस्ट दिव्यम मौर की भी कमोबेश यही राय है। उन्होंने कहा, "भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव ने डिफेंस सेक्टर की रणनीतिक अहमियत को फिर से रेखांकित किया है... लेकिन कई प्राइवेट कंपनियों के P/E मल्टीपल्स काफी खिंच गए हैं।" उनका सुझाव है कि लॉन्ग टर्म आउटलुक मजबूत है, लेकिन निवेश सिलेक्टिव और करेक्शन के बाद किया जाना बेहतर होगा।
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