Defense and Fertilizer Stocks : 5-6 दिसंबर के बीच भारत आ सकते हैं रूसी राष्ट्रपति, डिफेंस और फर्टिलाइजर कंपनियों के लिए हो सकते हैं बड़े ऐलान

Defense and Fertilizer Stocks : रूसी राष्ट्रपति के इस भारत दौरे के दौरान HAL के साथ मिलकर S-57 फाइटर जेट बनाने पर चर्चा संभव है। भारत की फर्टिलाइजर कंपनियां रूस में प्लांट लगाने की तैयारी में हैं। इसके लिए रूसी फर्टिलाइजर कंपनियों के साथ करार पर बातचीत हो सकती है। रूस में अमोनिया और नेचुरल गैस जैसे कच्चे माल का पर्याप्त भंडार हैं

अपडेटेड Nov 03, 2025 पर 3:47 PM
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Defense Stocks : सूत्रों के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति के इस भारत दौरे के दौरान HAL के साथ मिलकर S-57 फाइटर जेट बनाने पर चर्चा संभव है

Defense and Fertilizer Stocks : रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे पर डिफेंस और फर्टिलाइजर सेक्टर के लिए कई बड़े ऐलान हो सकते हैं। CNBC-आवाज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक डिफेंस और फर्टिलाइजर सेक्टर की सरकारी कंपनियों का रूस के साथ MoU होने की संभावना है। पूरी खबर बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के मैनेजिंग एडिटर लक्ष्मण रॉय ने कहा कि भारत-रूस सालाना बैठक 2025 होने वाली है।

दिसंबर के पहले हफ्ते में रूसी राष्ट्रपति भारत आ सकते हैं। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक 5-6 दिसंबर को पुतिन के भारत आने की संभावना है। उनकी इस यात्रा के दौरान डिफेंस और फर्टिलाइजर सेक्टर के लिए बड़े एलान संभव हैं। इस दौरान रूस से डिफेंस इक्विपमेंट खरीदने पर चर्चा संभव है। सूत्रों के मुताबिक S-57 फाइटर जेट, S-400 और S-500 के लिए करार एजेंडे में है।

सूत्रों के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति के इस भारत दौरे के दौरान HAL के साथ मिलकर S-57 फाइटर जेट बनाने पर चर्चा संभव है। भारत की फर्टिलाइजर कंपनियां रूस में प्लांट लगाने की तैयारी में हैं। इसके लिए रूसी फर्टिलाइजर कंपनियों के साथ करार पर बातचीत हो सकती है। रूस में अमोनिया और नेचुरल गैस जैसे कच्चे माल का पर्याप्त भंडार हैं। इसका फायदा भारतीय कंपनियों को मिल सकता है।


फर्टिलाइजर कंपनियों की बड़ी तैयारी

इसके पहले इकनॉमिक टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में भी सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि भारत देश में फर्टिलाइजर्स सप्‍लाई को बेहतर बनाने के लिए है रूस में फर्टिलाइजर प्लांट लगाने की तैयारी में है। इस प्रोजेक्‍ट में राष्‍ट्रीय रसायन एवं फर्टिलाइजर्स, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड और इंडियन पोटाश लिमिटेड की बड़ी भूमिका होगी। अभी तक भारत की तीनों सरकारी फर्टिलाइजर्स कंपनियों ने रूस की कंपनियों के साथ कुछ समझौते भी कर लिए हैं। पुतिन के भारत दौरे के बाद इसको औपचारिक रूप दिया जा सकता है। इसका मकसद रूस में मौजूद प्राकृतिक गैस और अमोनिया के विशाल भंडार और कच्‍चे माल की उपलब्‍धता का फायदा उठाना है। भारत को देश में उर्वरक की कमी को पूरा करने के लिए इन कच्‍चे माल की काफी जरूरत है।

 

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