डिफेंस कंपनियों के शेयरों पर 11 जून को दबाव दिखा। ज्यादातर डिफेंस स्टॉक्स लाल निशान में थे। इस साल डिफेंस शेयरों ने निवेशकों को मालामाल किया है। फरवरी के अंत में निफ्टी डिफेंड इंडेक्स 5,132 पर था, जो अब 8,919 पर है। इस दौरान डिफेंस स्टॉक्स में 70 फीसदी से ज्यादा उछाल आया है। डिफेंस स्टॉक्स में तेजी की दो वजहें रही हैं। पहला, सरकार के देश में ही डिफेंस इक्विपमेंट्स बनाने पर जोर से डिफेंस कंपनियों को बड़े ऑर्डर्स मिल रहे हैं। दूसरा, कई निवेशक इसलिए डिफेंस शेयरों में इनवेस्ट कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि ऐसा नहीं करने पर वे डिफेंस स्टॉक में तेजी का फायदा उठाने का मौका चूक जाएंगे।
तेजी के बाद शेयरों में स्थिरता या गिरावट दिख सकती है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि तीन महीने में 70 फीसदी चढ़ने के बाद डिफेंस शेयरों (Defense Stocks) में कुछ समय के लिए स्थिरता या थोड़ी गिरावट दिख सकती है। उन कंपनियों के शेयरों में ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है, जिनकी अर्निंग्स ग्रोथ कमजोर होने के बावजूद शेयर की कीमतें काफी चढ़ी हैं। Cochin Shipyard इसका उदाहरण है। FY25 की चौथी तिमाही में कंपनी की अर्निंग्स ग्रोथ 11 फीसदी रही। पूरे वित्त वर्ष की बात की जाए तो यह सिर्फ 6 फीसदी रही। लेकिन, कंपनी की ऑर्डरबुक स्ट्रॉन्ग है। यह इसके सालाना रेवेन्यू की पांच गुनी है। कंपनी ने मार्च तिमाही में शिप रिपेयर के लिए एक नई फैसिलिटी शुरू की है। कोचिन शिपायर्ड के स्टॉक्स में बड़ी तेजी दिखी है। इसके शेयरों में FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 51 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है।
कुछ डिफेंस स्टॉक्स की वैल्यूएशन सातवें आसमान में
Bharat Dynamics की ऑर्डरबुक उसके सालाना रेवेन्यू की 7 गुनी है। लेकिन, एग्जिक्यूशन सुस्त रहा है। इस स्टॉक में FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के करीब 70 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। वैल्यूएशन इतना ज्यादा हो जाने के बाद शेयरों में आगे तेजी की संभवाना कम दिखती है। आगे प्रदर्शन उम्मीद से कमजोर रहने पर शेयरों में गिरावट आ सकती है। Data Patterns के शेयरों में FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 48 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। चौथी तिमाही में कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ 117 फीसदी और प्रॉफिट ग्रोथ 60 फीसदी रही है। आगे कंपनी का प्रदर्शन शानदार रहने की उम्मीद है। सरकार ब्रह्मोस मिसाइल की इमर्जेंसी पर्चेज करने वाली है।
ज्यादा तेजी दिखाने वाले शेयरों में आ सकता है करेक्शन
प्राइवेट सेक्टर की MTAR की वैल्यूएशन भी काफी बढ़ी है। चौथी तिमाही में कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ 28 फीसदी रही। प्रॉफिट 182 फीसदी बढ़ा। एयरोस्पेस और डिफेंस सेगमेंट में सबसे ज्यादा ऑर्डर ग्रोथ इसी कंपनी की है। इन कंपनियों के रेवेन्यू की तस्वीर साफ है। इसकी वजह स्ट्रॉन्ग ऑर्डरबुक है। कुल 8 डिफेंस कंपनियों की औसत वैल्यूएशन FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के आधार पर करीब 45 गुना आती है। Garden Reach Shipbuilders के शेयरों में FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 60 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। इसके शेयरों में भी काफी तेजी देखने को मिली है। इसलिए इसमें करेक्शन के आसार हैं।
HAL की वैल्यूएशन दूसरे स्टॉक्स से काफी कम
HAL का प्रदर्शन चौथी तिमाही में अच्छा नहीं रहा। लेकिन, आगे ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है। इसकी बड़ी वजह कंपनी की स्ट्रॉन्ग ऑर्डरबुक है। कंपनी की ऑर्डरबुक 1.89 लाख करोड़ रुपये की है। यह सालाना रेवेन्यू की 6 गुनी है। एचएएल के शेयरों में अनुमानित अर्निंग्स के सिर्फ 32 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। यह स्टॉक दूसरे डिफेंस स्टॉक्स के मुकाबले काफी सस्ता है। Mazagon Dock के शेयरों में भी FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 38 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। कंपनी को उम्मीद है कि P75 की अतिरिक्त सबमरीन और P75I सबमरीन के ऑर्डर पर इस फाइनेंशियल ईयर में हस्ताक्षर हो जाएंगे। इससे कंपनी को बड़ा बूस्ट मिलेगा।
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सिर्फ मध्यम या लंबी अवधि के लिहाज से करें इनवेस्ट
डिफेंस सेक्टर में वैल्यूएशन के लिहाज से काफी फर्क दिख रहा है। इसलिए इनवेस्टर्स को इस सेक्टर में निवेश करने में सावधानी बरतने की जरूरत है। इन कंपनियों के फंडामेंटल्स स्ट्रॉन्ग हैं, लेकिन उसके हिसाब से शेयरों की कीमतें काफी चढ़ चुकी हैं। इसलिए सिर्फ FOMO की वजह से इन शेयरों में खरीदारी से शेयरों की कीमतें तो चढ़ सकती हैं, लेकिन फंडामेंटल्स नहीं बदल सकते। इसलिए डिफेंस स्टॉक्स में निवेश करने वाले निवेशक लॉन्ग टर्म में ही अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।