IT शेयरों में गिरावट के बावजूद टेक सेक्टर का 2023-25 का आउटलुक नजर आ रहा अच्छा, जानिए क्यों

भारतीय आईटी कंपनियों का रिटर्न आउटलुक काफी आर्कषक और बाजार की तुलना में काफी अच्छा नजर आ रहा है। कुछ आईटी कंपनियों में इस समय सीधे तौर पर भी निवेश किया जा सकता है। लेकिन भारत की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के एकाधिकार और कॉम्पिटीटिव एडवांटेज को देखते हुए इन स्टॉक के बॉस्केट में निवेश करना ज्यादा बेहतर होगा

अपडेटेड Oct 12, 2022 पर 12:56 PM
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इस समय भारतीय आईटी कंपनियां 3.5 से 5.5 फीसदी के अर्निंग यील्ड पर उपलब्ध है। लंबी अवधि में इनमें डबल डिजिट ग्रोथ की संभावना है

Dr. Vikas V. Gupta , CEO & Chief Investment Strategist at OmniScience Capital

IT index और Omni DX (ओमनीसाइंस का आईटी शेयरों का एक पोर्टफोलियो) इस साल अब तक 25 फीसदी और 22 फीसदी टूट चुके हैं। इस बात का डर है कि अमेरिका और दूसरे विकसित देशों की मंदी से भारतीय आईटी और डिजिटल ट्रांसफार्मेशन कंपनियों के कारोबार में कमजोरी देखने को मिल सकती है। इस डर को कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है।

भारतीय आईटी कंपनियों को समझने को लिए ये जानना जरूरी है कि इनकी आय का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा डिजिटल ट्रांसफार्मेशन और उससे जुड़ी सेवाओं से आता है। ये सेवाएं काफी हद तक क्लाउड कम्प्यूटिंग पर आधारित होती हैं। भारत की आईटी कंपनियां तीन टॉप की क्लाउड प्लेटफार्म प्रोवाइडर कंपनियों Amazon (AWS), Microsoft (Azure) और Alphabet (Google Cloud)के साथ जुड़ी हुई हैं। इन तीनों के पास 65 फीसदी से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है।


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इन तीनों क्लाउड प्लेटफार्म प्रोवाइडर कंपनियों ने हाल की तिमाही में सबसे ज्यादा बड़ी ग्रोथ हासिल की है। Amazon (AWS) की रेवेन्यू तिमाही आधार पर 33 फीसदी की बढ़त के साथ 20 अरब डॉलर रही है। वहीं, Microsoft (Azure)की रेवेन्यू तिमाही आधार पर 33 फीसदी की बढ़त के साथ 25 अरब डॉलर रही है। जबकि,Alphabet (Google Cloud) की रेवेन्यू तिमाही आधार पर 36 फीसदी की बढ़त के साथ 6 अरब डॉलर रही है।

Amazon के सीएफओ ब्रायन ओल्साव्स्की का कहना है "AWS तेजी से ग्रोथ कर रहा है। हमारा मानना ​​है कि हम अभी भी एंटरप्राइज और पब्लिक के क्लाउड टेक्नोलॉजी को अपनाने के शुरुआती चरण में हैं। हमें उम्मीद है कि AWS के ग्राहक आगे भी क्लाउड टेक्नोलॉजी पर निवेश करते रहेंगे। AWS आगे भी नई टेक्नोलॉजी और क्षेत्रों में विकास करने के लिए निवेश करता रहेगा”। इसी तरह Microsoft (Azure) और Alphabet (Google Cloud) ने भी क्लाउड टेक्नोलॉजी में निवेश बढ़ाने और इसमें विस्तार की बात कही है।

इन बातों से स्पष्ट होता है कि 2022 से 2026 के बीच और उसके बाद भी क्लाउंट बिजनेस में जोरदार मजबूती देखने को मिलेगी। यह आईटी कंपनियों के लिए एक शुभ संकेत है।

इसके अलावा भारतीय आईटी कंपनियों को डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से भी फायदा होने की उम्मीद है। डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले 1 साल में करीब 11 फीसदी टूटा है। लॉन्ग टर्म नजरिए से देखें तो भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले सालाना आधार पर 2.5 से 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इससे आईटी कंपनियों के रेवेन्यू और मुनाफे में बढ़त की संभावना दिख रही है। इस समय भारतीय आईटी कंपनियां 3.5 से 5.5 फीसदी के अर्निंग यील्ड पर उपलब्ध है। लंबी अवधि में इनमें डबल डिजिट ग्रोथ की संभावना है।

भारतीय आईटी कंपनियों का रिटर्न आउटलुक काफी आर्कषक और बाजार की तुलना में काफी अच्छा नजर आ रहा है। कुछ आईटी कंपनियों में इस समय सीधे तौर पर भी निवेश किया जा सकता है। लेकिन भारत की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के एकाधिकार और कॉम्पिटीटिव एडवांटेज को देखते हुए इन स्टॉक के बॉस्केट में निवेश करना ज्यादा बेहतर होगा।

निफ्टी आईटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंडो और म्यूचुअल फंडों में भी निवेश किया जा सकता है। लेकिन समस्या यह है कि इसमें से कुछ फंड काफी ज्यादा कंस्ट्रेडेड हो सकते हैं। उदाहरण के लिए निफ्टी आईटी इंडेक्स फंड सिर्फ 2 स्टॉक में करीब 50 फीसदी निवेश करता है। ऐसे में आईटी कंपनियों के एक छोटे बॉस्केट में निवेश करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इनमें से आईटी कंपनियो में निवेश का जो आप जो भी तरीका अपनाना चाहें अपनाएं लेकिन एक बात का ख्याल जरूर रखें कि आपके आईटी कंपनियों के इस बॉस्केट में सिर्फ 1-2 या 3 शेयर ही नहीं होने चाहिए बल्कि इसका आधार ज्यादा बढ़ा होना चाहिए।

बेशक ये याद रखें कि आईटी सेक्टर में इक्विटी और स्टॉक विशेष से जुड़े जोखिम हैं। इसके अलावा भारतीय आईटी सेक्टर विदेशी मुद्रा और किसी खास देश से जुड़े जोखिमों के अधीन है। ऐसे में डिजिटल ट्रांसफार्मेशन वाली कंपनियों में लंबी अवधि के लिए निवेश करके इस जोखिम से निपटा जा सकता है।

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Dr. Vikas V. Gupta is the CEO & Chief Investment Strategist at OmniScience Capital. 

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