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Gold vs Stock Market: दिवाली से दिवाली, लगातार चौथे साल पिछड़ गया स्टॉक मार्केट, अभी कब तक आगे रहेगा गोल्ड?

Gold vs Stock Market: दिवाली से दिवाली तक पिछले चार वर्षों से लगातार गोल्ड की चमक बढ़ रही है और शेयर मार्केट की तुलना में इसकी स्पीड अधिक तेज रही। जानिए कि आखिर गोल्ड की चाल शेयर मार्केट की तुलना में अधिक तेज क्यों है और आगे क्या रुझान है? गोल्ड किस भाव तक ऊपर चढ़ सकता है?

अपडेटेड Sep 24, 2025 पर 12:18 PM
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Gold vs Stock Market: पिछले कुछ समय से गोल्ड की चमक तेजी से बढ़ रही है। पिछले चार वर्षों से लगातार दिवाली से दिवाली तक इसने शेयर मार्केट से अधिक स्पीड से रिटर्न दिया है। वहीं और लंबे टाइम फ्रेम में बात करें तो पिछले आठ वर्षों में सिर्फ एक बार ऐसा रहा, जब शेयर मार्केट के मुकाबले गोल्ड पिछड़ गया। (File Photo- Pexels)

Gold vs Stock Market: पिछले कुछ समय से गोल्ड की चमक तेजी से बढ़ रही है। पिछले चार वर्षों से लगातार दिवाली से दिवाली तक इसने शेयर मार्केट से अधिक स्पीड से रिटर्न दिया है। वहीं और लंबे टाइम फ्रेम में बात करें तो पिछले आठ वर्षों में सिर्फ एक बार ऐसा रहा, जब शेयर मार्केट के मुकाबले गोल्ड पिछड़ गया। अब आगे की बात करें तो एनालिस्ट्स का मानना है कि अगर आगे भी ऐसा रुझान बना रहा यानी कि इस दिवाली से अगली दिवाली तक भी गोल्ड की चमक शेयर मार्केट की तेजी को फीका कर दे, तो आश्चर्य नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि हाई वैल्यूएशन, सुस्त अर्निंग ग्रोथ, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और टैरिफ वार के चलते स्टॉक मार्केट पर दबाव है। सिर्फ सोना ही क्यों, चांदी भी ताबड़तोड़ स्पीड से ऊपर चढ़ रही है और लगातार तीसरे साल शेयर मार्केट की तुलना में इसकी चमक अधिक स्पीड से बढ़ी।

Gold vs Stock Market: क्या कहते हैं आंकड़े

आंकड़ों की बात करें तो पिछली दिवाली से अब तक एमसीएक्स गोल्ड 40% मजबूत हो चुका है। वहीं दूसरी तरफ घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स करबी 5% ही मजबूत हुआ है। वर्ष 2024 में बात करें तो दिवाली से दिवाली गोल्ड 32% मजबूत हुआ जबकि इस दौरान बेंचमार्क निफ्टी 24% मजबूत हुआ। वर्ष 2023 में गोल्ड की चमक 21% मजबूत हुई जबकि निफ्टी 10% ही ऊपर चढ़ा।


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आखिर इतना क्यों चमक रहा सोना और आगे क्या है रुझान?

अमेरिकी फेड की मौद्रिक नीतियों में ढील, केंद्रीय बैंकों की गोल्ड रिजर्व बढ़ाने और जियोपॉलिटिकल टेंशन के बीच निवेशकों के सेफ हैवेन की तलाश ने गोल्ड की चमक बढ़ाई है। क्लाइंट एसोसिएट्स के सीनियर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (वेल्थ) अभिषेक खुदानिया (Abhishek Khudania) का कहना है कि चार सालों से दिवाली से दिवाली शेयर मार्केट पर गोल्ड की चमक प्रभावशाली है। अब आगे की बात करें तो मौजूदा परिस्थितियों में उनका मानना है कि इसकी यह तेज चाल अभी एक साल और जारी रह सकती है लेकिन स्टॉक मार्केट के साथ इसका गैप कम हो सकता है।

च्वाइस ब्रोकिंग के कमोडिटी और करेंसी एनालिस्ट आमिर मकड़ा (Aamir Makda) का कहना है कि जियोपॉलिटिक्स अभी भी तेजी से बदल रही है। टैरिफ वार के चलते वैश्विक कारोबार में उथल-पुथल मची है। नाटो ने एस्टोनिया के ऊपर रूस के जहाजों को रोक दिया जिससे व्यापक तौर पर विवाद बढ़ने की आशंका है। इन सबके बीच गोल्ड अभी भी निवेश आकर्षक विकल्प और सेफ हैवन बना हुआ है।

किस भाव तक पहुंचा सकता है गोल्ड?

गोल्डमैन सैक्स गोल्ड को लेकर तगड़ा बुलिश है। इसका अनुमान है कि अगर निवेशक अपनी ट्रेजरी होल्डिंग का एक छोटा सा हिस्सा भी सोने में लगाएं, तो सोना प्रति औंस $5,000 तक पहुंच सकता है। जेफरीज के वैश्विक हेड (इक्विटी स्ट्रैटेजी) क्रिस वुड ने भी इसका टारगेट प्राइस बढ़ाकर $6600 कर दिया है। क्रिस वुड ने इसका टारगेट ऐसे समय में बढ़ाया है, जब इस हफ्ते गोल्ड ने प्रति औंस $3700 का रिकॉर्ड हाई लेवल छू दिया।

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