ऑप्शन के नियमों में बदलाव से रेवेन्यू में 30-35 फीसदी तक की गिरावट आई है। ब्रोकिंग कारोबार की कमाई पीक पर पहुंच गई है। अब इसमें नई बढ़त के लिए इंडस्ट्री को डाइवर्सिफिकेशन करना होगा। ये बातें जेरोधा के को-फाउंडर नितिन कामत ने CNBC-आवाज़ के मैनेजिंग एडिटर अनुज सिंघल के साथ हुई एक्सक्लूसिव बातचीत में कही हैं। इस इंटरव्यू में नितिन कामत ने साफ किया है कि जेरोधा की फिलहाल IPO लाने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने देश में और एक्सचेंजेज खोलने की भी वकालत की है। यहां हम आपके लिए इस इंटरव्यू का संपादित अंश दे रहे हैं।
फिलहाल IPO लाने की कोई योजना नहीं
जेरोधा के लिस्टिंग का प्लान पर बात करते हुए नितिन कामत ने कहा कि उनकी फर्म को पैसे की जरूरत नहीं है तो लिस्टिंग के बारे में क्यों सोचें। कंपनी की फिलॉसफी के साथ लिस्ट होना कठिन होगा। अभी कंपनी 5-6 साल की प्लानिंग के साथ चलती है। रेगुलेटर कहेगा तब लिस्टिंग करवानी होगी।
ब्रोकरेजेज के लिए कमाई का सबसे अच्छा समय निकल गया
नितिन कामत का मानना है कि ब्रोकरेजेज के लिए कमाई का सबसे अच्छा समय निकल गया है। उनके लिए कमाई के लिहाज से पिछला साल पीक पर रहा। उन्होंने ये भी कहा कि जेरोधा अपने कारोबार में अनिश्चितता को देखते हुए डायवर्सिफिकेशन पर ध्यान दे रही है। रेगुलेटेड बिजनेस में रेगुलेशन का रिस्क रहता है। ऑप्शंस रेगुलेशन में बदलाव से कंपनी की कमाई 30-35 फीसदी घटी है।
2020 के बाद मार्केट में ग्रोथ फैक्टर क्या?
इस सवाल का जवाब देते हुए नितिन कामत ने कहा कि 10-15 साल का ग्रोथ फास्ट फॉरवर्ड हुआ है। कोविड में लोग निवेश का मौका खोज रहे थे। कुल मिलाकर 4-5 साल ने बड़ा बुल रन देखा है। पिछले अक्टूबर से F&O में गतिविधि कम हुई है। इससे ऑप्शन ट्रेडिंग वॉल्यूम और नुकसान घटा है। पिछले 6 महीने से कैश मार्केट में भी डिलिवरी गतिविधि कम हुई है। 4-5 साल में बुल रन के दौरान रिटेल हिस्सेदारी बढ़ी है। अब बाजार में इनकी भागादारी अगले 6 महीने में मार्केट के रूख पर निर्भर करेगी।
मार्केट में हुए बड़े बदलाव
नितिन ने कहा कि मार्केट में छोटे शहरों की हिस्सेदारी बढ़ी है। अब पूरे देश के लोगों की हिस्सेदारी देखने को मिल रही है। हालांकि ट्रेडिंग एक्टिविटी कुछ शहरों में ज्यादा रही है। बाजार में बढ़ते कंपिटिशन के साथ कंपनी की तैयारी क्या है इस पर बात करते हुए नितिन ने कहा कि बड़े होने के बाद खुद को बदलना मुश्किल होता है। जेरोधा के बिजनेस की खासियत उसकी फिलॉसफी है। बिजनेस के बारे में लॉन्ग टर्म के लिए सोचते हैं। ESOPs से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए नितिन कामत ने कहा कि कंपनी हर साल ESOPs बायबैक करती है। इन्वेस्टर एजुकेशन के बारे में बात करते हुए नितिन ने कहा कि Varsity के जरिए इन्वेस्टर एजुकेशन पर काम कर रहे हैं। NBFC, इंश्योरेंट, AMC जैसे क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
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