Daily Voice : श्रीराम वेल्थ के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ विकास सतीजा ने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में कहा कि बाजार फिलहाल कंसोलीडेशन के दौर में है। उन्होंने आगे कहा कि जैसे-जैसे कॉर्पोरेट आय में हाई सिंगल डिजिट से सुधार आएगा और टैरिफ संबंधी चिंताएं कम होंगी, विदेशी संस्थागत निवेशकों के सपोर्ट से शेयर बाजार में तेजी आएगी। उन्होंने आगे कहा कि अच्छे मानसून और महंगाई में नरमी से RBI को ब्याज दरों में कटौती का मौका मिल सकता है। इससे बाजार की तेजी और बढ़ सकती है।
डिफेंस और पावर सेक्टर में तेजी की उम्मीद
विकास सतीजा डिफेंस और पावर सेक्टर के प्रति पॉजिटिव नजरिया बनाए हुए हैं। उनका मानना है कि आने वाले सालों में भारत की बिजली की मांग पहले की अपेक्षा कहीं अधिक तेज़ी से बढ़ेगी। उनकी राय है कि भारत-अमेरिका ट्रेड डील इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि-तकनीक और इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। लेकिन इससे बाजार में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा। भारत की ग्रोथ घरेलू खपत, बुनियादी ढांचे में निवेश और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में आत्मनिर्भरता पर निर्भर करेगी।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते कोई बड़ा बदलाव नहीं आने वाला
उनका मानना कि भारत और अमेरिका के बीच होने वाली किसी ट्रेड डील से एक्सपोर्ट में तेजी आएगी। लेकिन इससे देश के मूलभूत ढांचे में कोई खास बदलाव आने की संभावना नहीं है। निवेशकों को सेक्टोरल स्तर पर टैरिफ में होने वाले बदलावों पर नज़र रखनी चाहिए। लेकिन मुख्य रूप से भारत के स्वाभाविक विकास पर फोकस बनाए चाहिए। ऐसे में भारत-अमेरिका व्यापार समझौते कोई बड़ा बदलाव नहीं आने वाला है, लेकिन इससे मार्केट सेंटीमेंट बेहतर होगा।
कंसोलीडेशन के दौर में बाजार
बाजार की चाल पर बात करते हुए विकास सतीजा ने कहा कि मार्केट कंसोलीडेशन के दौर में है। सरकार और आरबीआई ने पिछली कुछ तिमाहियों में कई अच्छे फैसले लिए हैं। कॉर्पोरेट आय पर इसका प्रभाव होता है, इस पर नजर बनी हुई है। जैसे-जैसे कॉर्पोरेट आय में हाई सिंगल डिजिट से सुधार आएगा और टैरिफ संबंधी चिंताएं कम होंगी, विदेशी संस्थागत निवेशकों के सपोर्ट से शेयर बाजार में तेजी आएगी। उन्होंने आगे कहा कि अच्छे मानसून और महंगाई में नरमी से RBI को ब्याज दरों में कटौती का मौका मिल सकता है। इससे बाजार की तेजी और बढ़ सकती है। ग्रोथ को घरेलू खपत, सरकारी कैपेक्स और सर्विस एक्सपोर्ट से सपोर्ट मिल सकता है।
बढेगा खपत, कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी सेक्टर में आएगी तेजी
क्या आप सरकार द्वारा हाल ही में किए गए नीतिगत सुधारों के बाद पूरे कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी सेक्टर को लेकर बुलिश हैं? इसके जवाब में विकास सतीजा ने कहा कि डायरेक्ट टैक्स की दर में कटौती, जीएसटी 2.0 के फायदे और ब्याज दरों में ढील से निश्चित रूप से कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी खर्च में सुधार होगा, जिससे कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी सेक्टर में तेजी आएगी।
डिफेंस और पावर सेक्टर में होगी कमाई
क्या आप कैपेक्स से जुड़े सेक्टरों, डिफेंस और पावर सेक्टर के प्रति पॉजिटिव नजरिया रखते हैं? इस पर विकास सतीजा ने कहा कि हां उनका इन सेक्टरों पर पॉजिटिव नजरिया है। उनका कहना है कि डिफेंस सेक्टर में सरकार स्वदेशीकरण पर फोकस कर रही है। रक्षा उपकरणों को नवीनतम, आधुनिक मानकों के अनुसार सुधारने और अपडेट करने के सरकारी प्रयासों से डिफेंस सेक्टर की मांग बढ़ेगी। इसके चलते आगे भी डिफेंस सेक्टर में तेजी कायम रहेगी।
भारत में बिजली की मांग पहले की अपेक्षा कहीं ज़्यादा तेज़ी से बढ़ने वाली है। इस वजह सिर्फ़ औद्योगिक विकास ही नहीं है। बल्कि, इसका असली कारण भारतीय परिवारों की बढ़ती आय और बढ़ती आकांक्षाएं हैं। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था विकास करेगी, देश की प्रति व्यक्ति आय में सुधार होगा और इससे डिस्क्रिशनरी खर्च बढ़ेगा जिससे ग्रोथ को गति मिलेगी।
इलेक्ट्रिफिकेशन में तेजी आने के कारण अगले 5 सालों में बिजली की मांग में सालाना 10 फीसदी की बढ़त का अनुमान है। रिन्यूएबल एनर्जी भी अहम भूमिका निभाएगी। जीडीपी और बिजली की मांग के बीच पारंपरिक संबंध में बदलाव आ रहा है। पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो बिजली की अधिकतम मांग रियल जीडीपी ग्रोथ रेट से 0.85 गुना बढ़ी है। हालांकि, इंडस्टी और घरों की मांग बढ़ने के साथ अब इसमें लगभग 0.92 गुना बढ़त की उम्मीद है।
चांदी में निवेश बढ़ने की उम्मीद
सोना लगातार महंगा होता जा रहा है और आम आदमी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। क्या आपको लगता है कि चांदी नए सोने के रूप में उभर रही है? इसके जवाब में विकास सतीजा ने कहा कि चांदी कीमती धातु होने के साथ ही इंडस्ट्रियल मेटल भी है। क्लीन एनर्जी और अन्य सेक्टरों में बढ़ती मांग और सोने के 3,800 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस से ऊपर चले जाने के कारण चांदी अपेक्षाकृत सस्ती हो गई है। ऐसे में चांदी में निवेश बढ़ता दिख सकता है।
टैरिफ पर भारत कुछ एडजस्टमेंट करेगा और आगे भी फलता-फूलता रहेगा
H-1B वीज़ा मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर इस समय कुछ भी कहना मुश्किल है। हालांकि, भारत एक लचीली और मज़बूत अर्थव्यवस्था है जो फलने-फूलने के लिए तैयार है। हमारे पास एक मज़बूत और हाई स्किल्ड वर्कफोर्स है। हमारी अथर्व्यवस्था मजबूत है। जीडीपी विकास दर मज़बूत है। ऐसे में उम्मीद है कि भारत कुछ एडजस्टमेंट करेगा और आगे भी फलता-फूलता रहेगा।
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