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RBI MPC meet: FMCG कंपनियों को El Nino से लगा डर, एचयूएल, डाबर और मैरिको में भारी गिरावट

एचयूएल के सीईओ और प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद कहा था कि जब बटुए का आकार छोटा होता है तो महंगाई का प्रभाव बड़ा होता है। एक तरफ एचयूएल ने ओवर ऑल वॉल्यू में 4 फीसदी की बढ़त के साथ ग्रोथ के नजरिए से इंडस्ट्री को पीछे छोड़ दिया। वहीं इसकी ग्रामीण मांग में दबाव देखने को मिला है

अपडेटेड Jun 08, 2023 पर 7:11 PM
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FMCG कंपनियों की कमाई का 30-40 फीसदी हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से आता है। पिछले कुछ समय से देश के ग्रामीण इलाकों की FMCG कंपनियों से जुड़ी मांग पहले से ही कमजोर रही है

RBI MPC meet: निफ्टी FMCG इंडेक्स पर आज दबाव देखने को मिला है। RBI गर्वनर शक्तिकांत दास ने MPC के फैसले की जानकारी देते हुए अल नीनो प्रभाव के अनिश्चितता की ओर संकेत किया। उन्होंने कहा कि भारत के मॉनसून पर अलनीनो के प्रभाव को लेकर अनिश्चतता बनी हुई है। उनके इस बयान के बाद FMCG के शेयरों में दबाव देखने को मिला। उन्होंने FMCG प्रोडक्ट में बड़ी मात्रा में इस्तेमाल होने वाले शुगर, राइस और क्रूड ऑयल की कीमत को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आरबीआई को इस बात का अंदाजा नहीं है कि इनकी कीमतों का महंगाई पर क्या असर पड़ेगा।

बतातें चलें कि स्पेनिश भाषा में अल-नीनो का अर्थ छोटा बच्चा होता हैइसके चलते प्रशांत क्षेत्र में समुद्र के सतह का तापमान बढ़ जाता है। इसके जिससे दुनिया के मौसम के पैटर्न पर असर पड़ता हैआमतौर पर यह माना जाता है कि अल-नीनो के प्रभाव की स्थिति में भारत में मानसून कमजोर रहता है। इसके चलते कृषि उत्पादन में गिरावट आती है। खाने पीने की चीजों की महंगाई बढ़ती है। ग्रामीण उपभोक्ताओं पर इसका ज्यादा असर देखने को मिलता है।

FMCG कंपनियों की कमाई का 30-40% हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से


गौरतलब है कि FMCG कंपनियों की कमाई का 30-40 फीसदी हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से आता है। पिछले कुछ समय से देश के ग्रामीण इलाकों की FMCG कंपनियों से जुड़ी मांग पहले से ही कमजोर रही है। जेफरीज ने चौथी तिमाही के अपने हालिया रिव्यू नोट में कहा है कि देश में ग्रामीण क्षेत्र की मांग में दबाव देखने को मिल रहा है। इसको गति पकड़ने में कुछ समय लग सकता है। शॉर्ट टर्म के लिए अलनीनो भी ग्रामीण मांग के लिए एक बड़ा खतरा है।

चौथी तिमाही में एचयूएल, डाबर, मैरिको की ग्रामीण मांग रही कमजोर

जेफरीज के मुताबिक चौथी तिमाही में हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), डाबर, मैरिको, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड और कोलगेट के प्रोडक्ट्स के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली मांग कमजोर रही है। देश में ऊंची महंगाई दर के कारण एफएमसीजी कंपनियों की ग्रामीण मांग में कमी आई है।

RBI MPC meet: आरबीआई के फैसले के बाद रियल्टी शेयरों पर दबाव, लेकिन एनालिस्ट बेफिक्र !

एचयूएल के सीईओ और प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद कहा था कि जब बटुए का आकार छोटा होता है तो महंगाई का प्रभाव बड़ा होता है। एक तरफ एचयूएल ने ओवर ऑल वॉल्यूम में 4 फीसदी की बढ़त के साथ ग्रोथ के नजरिए से इंडस्ट्री को पीछे छोड़ दिया। वहीं इसकी ग्रामीण मांग में दबाव देखने को मिला है। चौथी तिमाही में कंपनी के ग्रामीण मांग में लगभग 3 फीसदी की गिरावट आई है।

एनएसई पर एचयूएल आज 1.17 फीसदी गिरकर 2,684 रुपये पर बंद हुआ है। वहीं, नेस्ले इंडिया और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड 0.8 फीसदी और 0.9 फीसदी नीचे बंद हुए हैं।

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