₹43 करोड़ का फ्लैट, ₹26 लाख का गोल्फ सेट: कंपनी के पैसे से ऐश कर रहे थे Gensol के प्रमोटर, SEBI का खुलासा
Gensol Engineering Shares: जेनसोल इंजीनियरिंग और इसके मालिकों पर कंपनी के पैसों में हेरफेर करने का बड़ा आरोप लगा है। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी के मालिकों ने लोन के पैसों का इस्तेमाल अपने लिए फ्लैट खरीदने, महंगे सामान खरीदने और यहां तक कि अपनी पत्नी और मां के खातों में पैसे ट्रांसफर करने में किए हैं। इस खबर के बाद से जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में भगदड़ मची हुई है
Gensol Engineering Shares: SEBI ने पाया कि जग्गी भाइयों ने कंपनी के पैसों का इस्तेमाल अपने निजी खर्चों के लिए भी किया
Gensol Engineering Shares: जेनसोल इंजीनियरिंग और इसके मालिकों पर कंपनी के पैसों में हेरफेर करने का बड़ा आरोप लगा है। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी के मालिकों ने लोन के पैसों का इस्तेमाल अपने लिए फ्लैट खरीदने, महंगे सामान खरीदने और यहां तक कि अपनी पत्नी और मां के खातों में पैसे ट्रांसफर करने में किए हैं। इस खबर के बाद से जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में भगदड़ मची हुई है। कंपनी का शेयर अपने शिखर से करीब 90 फीसदी गिर चुका है। अभी भी करीब एक लाख छोटे निवेशक इस शेयर में फंसे हुए हैं। यह पूरा मामला क्या है, आइए जानते हैं।
SEBI ने जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटरों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को कंपनी के डायरेक्टर पद से हटा दिया है और दोनों भाइयों को शेयर बाजार से भी बैन कर दिया गया है। SEBI ने कहा कि ये दोनों भाई जेनसोल इंजीनियरिंग के मैनेजमेंट टीम में कोई भी अहम पद नहीं ले सकते हैं।
SEBI की अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक, Gensol ने साल 2021 से 2024 के बीच IREDA और PFC से 978 करोड़ रुपये के टर्म लोन लिए थे। इनमें से 664 करोड़ रुपये का इस्तेमाल 6,400 इलेक्ट्रिक गाड़ियों को खरीदने में किया जाना था, जिसे कंपनी बाद में ब्लूस्मार्ट को लीज पर देती। इसके अलावा जेनसोल 20 प्रतिशत का अतिरिक्त इक्विटी (मार्जिन) भी देने के लिए तैयार थी, जिससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद पर आने वाला कुल खर्च बढ़कर 830 करोड़ रुपये हो गया।
लेकिन कंपनी ने फरवरी में शेयर बाजारों को भेजी एक जानकारी में बताया कि उसने अब तक सिर्फ 4,704 EVs ही खरीदे हैं। इस पर भी उसका खर्च 568 करोड़ रुपये आया है। अगर 830 करोड़ में से इसे घटाएं तो करीब 262 करोड़ रुपये का हिसाब अभी तक नहीं मिला है, जबकि कंपनी को लोन का पैसा मिले एक साल से भी अधिक समय बीत चुका है। जेनसोन को इलेक्ट्रिक गाड़ियां सप्लाई करने वाली कंपनी गो-ऑटो ने भी पुष्टि की है कि जेनसोल ने 568 करोड़ रुपये के कुल खर्च में 4,704 ईवी खरीदे हैं।
SEBI की जांच में सामने आया कि जेनसोल ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों को खरीदने के लिए Go-Auto को जो पैसे ट्रांसफर किए थे, उसका एक बड़ा हिस्सा या तो वापस कंपनी में लौट आया या या फिर उन संस्थाओं में भेज दिया गया जो डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तरीके से जेनसोल के प्रमोटरों- अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी से जुड़े थे।
SEBI ने पाया कि जग्गी भाइयों ने इन पैसों का इस्तेमाल अपने निजी खर्चों के लिए भी किया। साल 2022 में IREDA से लोन की एक किश्त मिलने के बाद जेनसोल ने पहले अधिकतर पैसों को गो-ऑटो को ट्रांसफर किया। फिर Go-Auto ने उसी पैसे को Capbridge नाम की कंपनी को ट्रांसफर कर दिया है, जिसे SEBI ने जेनसोल से ही जुड़ी एक संस्था पाया है। कैपब्रिज ने बाद में इसमें 42.94 करोड़ रुपये यानी करीब 43 करोड़ रुपये को यल एस्टेट की दिग्गज कंपनी डीएलएफ को ट्रांसफर कर दिए।
SEBI ने जब डीएलएफ से संपर्क किया, तब पता चला कि यह रकम गुरुग्राम में द कैमेलियास नाम से बने DLF के एक बेहद आलीशान प्रोजेक्ट में अपार्टमेंट खरीदने के लिए चुकाई गई है। SEBI के मुताबिक़, ये अपार्टमेंट उस फर्म के नाम पर खरीदा गया, जिसमें Gensol के एमडी अनमोल सिंह जग्गी और उनके भाई पार्टनर थे। यानी EVs के नाम पर मिले लोन का पैसा रियल एस्टेट में डाइवर्ट किया गया।
इतना ही नहीं, SEBI के आदेश में एक और रिलेटेड पार्टी कंपनी 'वेलफ्रे सोलर इंडस्ट्रीज' का जिक्र है, जिसे Gensol ने 424 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इसमें से 382 करोड़ रुपये आगे दूसरी कंपनियों को भेजे गए। SEBI के अनुसार, इसमें से 246 करोड़ रुपये रिलेटेड पार्टियों को दिए गए, जिनमें अनमोल सिंह जग्गी को 25.76 करोड़ और पुनीत सिंह जग्गी को 13.55 करोड़ रुपये मिले।
SEBI ने अनमोल सिंह जग्गी के बैंक स्टेटमेंट की भी तहकीकात की और पाया कि अधिकतर पैसे दूसरे रिलेटेड पार्टी या परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर की गई या इनका इस्तेमाल पर्सनल यानी निजी खर्चों के लिए किया गया।
SEBI ने अपने आदेश में बताया कि अनमोल सिंह जग्गी TaylorMade से गोल्फसेट खरीदने के लिए 26 लाख रुपये और फॉरेन करेंसी खरीदने के लिए 1.86 करोड़ रुपये खर्च किए। साथ ही 6.2 करोड़ रुपये उनकी मां जसमिंदर कौर को और 2.99 करोड़ रुपये उनकी पत्नी मुधा कौर जग्गी को ट्रांसफर किए गए। इसके अलावा, Titan से 17.28 लाख रुपये की शॉपिंग, DLF Homes को 11.75 लाख रुपये और MakeMyTrip पर 3 लाख रुपये का पर्सनल खर्च किया गया। पुनीत सिंह जग्गी के बैंक स्टेटमेंट से भी SEBI को कुछ ऐसे ही फंड डायवर्जन के मामले मिले हैं।
SEBI ने इस पूरे मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि Gensol जैसी लिस्टेड कंपनी में कॉरपोरेट गवर्नेंस की पूरी तरह से धज्जियां उड़ाई गईं। प्रमोटर्स ने कंपनी को अपनी निजी संपत्ति की तरह चलाया और कंपनी के पैसों को ‘पिग्गी बैंक’ की तरह इस्तेमाल किया गया। इस खुलासे के बाद Gensol Engineering के शेयरों में आज 16 अप्रैल को गिरावट देखी गई। स्टॉक का भाव 5% टूटकर लोअर सर्किट में 122.68 रुपये पर बंद हुआ।