अगर सब कुछ सामान्य रहा तो शुक्रवार 11 अप्रैल को घरेलू स्टॉक मार्केट की धमाकेदार शुरू हो सकती है। गिफ्ट निफ्टी (Gift Nifty) ऐसा ही संकेत दे रहा है जो फिलहाल 3 फीसदी से अधिक मजबूत हुआ है। इसमें यह तेजी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन को छोड़ बाकी देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों की राहत के फैसले पर आई है। इस ऐलान पर अमेरिकी मार्केट में भी जबरदस्त रौनक लौटी। अमेरिकी मार्केट की बात करें तो तो डाऊ जोन्स (Dow Jones) में 5 साल की सबसे बड़ी रैली आई और यह 7 फीसदी यानी 2300 प्वाइंट्स उछल गया तो नास्डाक (Nasdaq) भी 10 फीसदी उछल गया। एसएंडपी 500 भी 8 फीसदी उछल गया जोकिर 5 वर्षों में एक दिन की सबसे बड़ी तेजी है।
घरेलू स्टॉक मार्केट की बात करें तो बुधवार 9 अप्रैल को बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 379.93 प्वाइंट्स यानी 0.51% फिसलकर 73847.15 तो निफ्टी 50 (Nifty 50) 0.61% यानी 136.70 प्वाइंट्स गिरकर 22399.15 पर बंद हुआ था। सेक्टरवाइज एफएमसीजी और ऑटो का ही निफ्टी इंडेक्स ग्रीन रहा लेकिन निफ्टी ऑटो लगभग फ्लैट रहा और निफ्टी एफएमसीजी 1.78 फीसदी मजबूत हुआ।
घरेलू मार्केट को तीन बातों से मिलेगा सपोर्ट
आज महावीर जयंती के चलते घरेलू इक्विटी मार्केट में कारोबार बंद है। अब यह शुक्रवार 11 अप्रैल को ही खुलेगा। शुक्रवार को जब मार्केट खुलेगा तो अभी तक की स्थिति के मुताबिक यह तीन वजहों से बड़ी रैली दिखा सकता है। एक तो ये कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने 90 दिनों के लिए चीन को छोड़ बाकी देशों पर रेसिप्रोकल टैक्स पर 90 दिनों के लिए बड़ी राहत दी है और चीन पर तत्काल प्रभाव से टैरिफ बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया है। एक और फैसले से मार्केट को सपोर्ट मिलेगा कि आरबीआई ने लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती का फैसला किया है और अब रेपो रेट 0.25 फीसदी घटकर 6 फीसदी हो गया है। इसके अलावा तीसरा अहम फैक्टर रहेगा महंगाई को लेकर आरबीआई का पॉजिटिव रुझान जिसका मानना है कि वित्त वक्ष 2026 में महंगाई दर कंट्रोल में रहेगी और मानसून के सामान्य रहने पर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 4 फीसदी पर रहेगा।
क्या कहना है एक्सपर्ट्स का?
इनवेसेट पीएमएस के पार्टनर और फंड मैनेजर अनिरुद्ध गर्ग का कहना है कि विकास की दिशा में आरबीआई ने निर्णायक मोड़ का संकेत दिया है। अनिरुद्ध का कहना है कि मैक्रो स्टैबिलिटी को बिना किसी रिस्क में डाले मांग को सपोर्ट करने के लिए आरबीआई को जगह मिल गई है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेद के वीके विजयकुमार का कहना है कि भारत फिलहाल उन बड़े देशों में है जिन्हें ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से कम झटका लगेगा और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी भारत के लिए बेहतर है।
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