देश के चार सबसे बड़े ब्रोकरेज फर्म- ग्रो (Groww), जीरोधा (Zerodha), एंजेल वन (Angel One) और अपस्टॉक्स (Upstox) को तगड़ा शॉक लगा है। चालू वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर 2026 में ब्रोकरेज फर्मों को करीब 26 लाख क्लाइंट्स गंवाने पड़े जिसमें से करीब 75% ने तो इन्हीं चार ब्रोकरेज फर्मों को अलविदा कहा है। सितंबर तिमाही डिस्काउंट ब्रोकरेजज फर्मों के लिए कितना बड़ा झटका रहा, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि इस साल 2025 के शुरुआती 9 महीने में डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्मों ने करीब 50 लाख एक्टिव क्लाइंट्स गंवाए जिसमें से आधे तो महज एक तिमाही जुलाई-सितंबर 2025 में ही खोए हैं।
सबसे अधिक झटका Groww और Zerodha को
सितंबर तिमाही में सबसे अधिक देश के सबसे बड़े ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म ग्रो के क्लाइंट्स ने झटका दिया। इसके 6.73 लाख एक्टिव क्लाइंट्स घटे हैं। इसके बाद सबसे करारा झटका नितिन कामत (Nithin Kamath) और निखिल कामत (Nikhil Kamath) की जीरोधा को लगा जिसके करीब 5 लाख क्लाइंट्स ने अलविदा कह दिया। इस दौरान एंजेल वन ने करीब 4.34 लाख और अपस्टॉक्स ने करीब 3 लाख एक्टिव क्लाइंट्स गंवाए। इनके अलावा और भी ब्रोकरेज फर्मों को शॉक लगा है।
मिरे एसेट के डिस्काउंट प्लेटफॉर्म एमडॉटस्टॉक (m.Stock) ने सितंबर तिमाही में 1.3 लाख से अधिक, एचडीएफसी सिक्योरिटीज (HDFC Securities) ने 61 हजार से अधिक, मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) ने करीब 59 हजार और शेयरखान (Sharekhan) ने भी करीब 59 हजार एक्टिव क्लाइंट्स गंवा दिए। फोनपे (PhonePe) को करीब 58 हजार, कोटक सिक्योरिटीज को (Kotak Securities) को करीब 49 हजार और 5पैसा (5paisa) को करीब 26.4 हजार क्लाइंट्स का झटका लगा।
क्यों भाग रहे एक्टिव क्लाइंट्स?
निवेशकों के रुझान की मुख्य वजह घरेलू स्टॉक मार्केट में इस साल की शुरुआत से ही बिकवाली का दबाव है। इसके अलावा कुछ आईपीओ की सुस्त लिस्टिंग्स और कुछ मौकों पर डिस्काउंट पर लिस्टिंग्स ने खुदरा निवेशकों के सेंटिमेंट को प्रभावित किया। एनालिस्ट्स के मुताबिक कंपनियों के कमजोर कारोबारी नतीजे और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के चलते ब्रोकरेज फर्मों के एक्टिव क्लाइंट्स कम हुए हैं। मार्केट पर भरोसे को वैश्विक स्तर पर जियोपॉलिटिकल टेंशन और ट्रेड वार ने भी झटका दिया है। सितंबर तिमाही में बात करें तो घरेलू स्टॉक मार्केट में इक्विटी बेंचमार्क सेंसेक्स (Sensex) 4% और निफ्टी 50 (Nifty 50) 3.6% कमजोर हुआ। ब्रोडर मार्केट में बात करें तो बीएसई मिडकैप (BSE MidCap) 4.2% और बीएसई स्मॉलकैप (BSE SmallCap) 4.6% कमजोर हुआ।
कुछ ब्रोकरेज फर्मों के बढ़े क्लाइंट्स
मार्केट की उठा-पटक के बीच सितंबर तिमाही में कई ब्रोकरेज फर्मों के एक्टिव क्लाइंट्स कम हुए तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी रहे जो इस आंधी में भी टिके रहे। पेटीएम मनी ने सितंबर तिमाही में 51 हजार से अधिक क्लाइंट्स जोड़े। एसबीआईकैप सिक्योरिटीज ने भी 44 हजार और आरित्य ब्रोकिंग ने 28.6 हजार से अधिक क्लाइंट्स जोड़े। ICICI सिक्योरिटीज ने भी सितंबर तिमाही में करीब 27 हजार और चॉइस इक्विटी 21.4 हजार क्लाइंट्स जोड़े।