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HAL Stock price: एचएएल का स्टॉक बीते 6 महीनों में 26% फिसला, अभी इनवेस्ट नहीं किया तो शायद ही यह मौका दोबारा मिलेगा

HAL अकेली ऐसी कंपनी है जो भारतीय वायुसेना और दूसरे फोर्सेज की जरूरतों के लिए कई तरह के एयरक्रॉफ्ट और हेलीकॉप्टर्स बनाती है। सरकार ने डिफेंस इक्विपमेंट का उत्पादन देश में ही करने पर पर फोकस बढ़ाया है। इसका फायदा एचएएल को मिला है। इसका संकेत कंपनी की स्ट्रॉग ऑर्डरबुक से मिलता है

अपडेटेड Mar 15, 2025 पर 6:08 PM
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पिछले साल जुलाई में HAL का शेयर 5,675 रुपये के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया था। बाजार में जारी गिरावट का असर इस स्टॉक पर भी पड़ा है।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) का प्रदर्शन तीसरी तिमाही में अच्छा रहा। कंपनी का रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 14.8 फीसदी बढ़कर 6,957 करोड़ रुपये रहा। इसमें बेहतर ऑर्डर एग्जिक्यूशन का बड़ा हाथ था। कंपनी की ऑर्डरबुक अच्छी है। कंपनी ने एबिड्टा मार्जिन 26-27 फीसदी के बीच रहने का अनुमान जताया है। कंपनी को एलसीए मार्क 1ए, लाइट कंबैट हेलीकॉप्टर्स, एडवान्स्ड लाइट हेलीकॉप्टर्स, डोर्नियर एयरक्रॉफ्ट, मरीन यूटिलिटी हेलीकॉप्टर्स के ऑर्डर्स से कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है।

तीसरी तिमाही में प्रॉफिट 14 फीसदी बढ़ा

दिसंबर तिमाही में Hindustan Aeronautics  का EBITDA 1,683 करोड़ रुपये रहा। यह साल दर साल आधार पर 17.2 फीसदी ज्यादा है। FY25 की मार्च तिमाही में HAL का EBITDA मार्जिन 50 बेसिस प्वाइंट्स बढ़कर 24.2 फीसदी रहने का अनुमान है। दिसंबर 2024 तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 14 फीसदी बढ़कर 1,440 करोड़ रुपये रहा। इसमें बिजनेस में विस्तार और बेहतर मार्जिन का हाथ है। कंपनी की ऑर्डरबुक शानदार है। FY23 में यह 81,784 करोड़ रुपये थी, जो बढ़कर अब 1.3 लाख करोड़ रुपये हो गई है। यह कंपनी के सालाना रेवेन्यू का चार गुना है।


टाटा और एलएंडटी जैसी कंपनियों से पार्टनरशिप

HAL को दिसंबर 2024 में भारत सरकार, से 12 सुखोई फाइटर जेट्स का ऑर्डर मिला है, जो 13,500 करोड़ रुपये का है। कंपनी को धीरे-धीरे एक्सपोर्ट्स ऑर्डर्स से भी फायदा होगा। दुनिया के कई हिस्सों में डिफेंस पर खर्च बढ़ रहा है। उदाहरण के लिए यूरोपीय संघ ने हाल में 800 अरब यूरो के rearmament plan का ऐलान किया है। इससे एचएएल जैसी कंपनियों को फायदा होने की उम्मीद है। एचएएल कुछ प्राइवेट कंपनियों से भी पार्टनरशिप कर रही हैं। इनमें Tata और L&T जैसी कंपनियां शामिल हैं।

एक्सपोर्ट के लिए कई देशों पर नजर

एचएएल फिलीपींस सहित दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों, नाइजीरिया, मोरक्को, मिस्र और उत्तरी अमेरिका जैसे देशों में एक्सपोर्ट के मौके की तलाश कर रही है। कंपनी की मौजूदा ऑर्डरबुक से इसके रेवेन्यू को लेकर तस्वीर साफ हो जाती है। कंपनी को अगले 18 महीनों से लकर 3 साल के दौरान कुल ऑर्डरबुक 1,60,000-1,70,000 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। कंपनी 2032 तक अपनी मैन्युफैक्चरिंग लाइन को व्यस्त रखना चाहती है। कंपनी ने अपनी प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने का भी प्लान बनाया है। कंपनी हर साल करीब 3,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च कर सकती है।

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क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?

पिछले साल जुलाई में HAL का शेयर 5,675 रुपये के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया था। बाजार में जारी गिरावट का असर इस स्टॉक पर भी पड़ा है। अब यह 3,398 रुपये पर आ गया है। इस स्टॉक में FY26 की अनुमानित अर्निंग्स के 26 गुना और FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 23 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। कंपनी की मौजूदा और भविष्य की ऑर्डरबुक को देखते हुए वैल्यूएशन ठीक लगती है। बीते 6 महीनों में यह स्टॉक 26 फीसदी गिरा है, जिससे इसकी कीमत अट्रैक्टिव हो गई है।

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