हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के निशाने पर इस बार सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच आ गए हैं। जिस जटिल स्ट्रक्चर का इस्तेमाल अदाणी ग्रुप ने अपने फंड ठिकाने लगाने के लिए किया था उसी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है। हिंडनबर्ग ने अपनी साइट पर जो ब्लॉग पोस्ट किया है उसके मुताबिक, सेबी चीफ और उनके पति पर 4 आरोप लगाए गए हैं।
पहला आरोप: अदाणी के विदेशी फंड से कनेक्शन
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट का दावा है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बरमुडा और मॉरिशस के फंड में स्टेक लिया है। ये दोनों टैक्स हैवन देश हैं। दिलचस्प है कि इन्हीं दोनों फंड का इस्तेमाल गौतम अदाणी के बड़े भाई विनोद अदाणी ने भी किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, सेबी के होल टाइम मेंबर रहते हुए बुच ने अपने प्राइवेट अकाउंट से यूनिट रिडीम करने (यूनिट बेचने) के लिए मेल लिखा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, "हमें संदेह है कि सेबी ने अदाणी ग्रुप से जुड़े ऑफशोर शेयरहोल्डर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई इसलिए नहीं की क्योंकि उनमें मिलीभगत हो सकती है।"
दूसरा आरोप: वित्तीय कंफ्यूजन
अप्रैल 2017 से लेकर मार्च 2022 के बीच सेबी चेयरपर्सन रहते हुए माधबी बुच सिंगापुर की ऑफशोर कंसल्टिंग फर्म Agora Partners की 100 फीसदी मालकिन थीं। लेकिन नियुक्ति के तुरंत बाद उन्होंने इस फर्म का मालिकाना हक पति को सौंप दिया। इस कंपनी को फाइनेंशियल स्टेटमेंट डिस्क्लोज करने से पूरी छूट थी। इसलिए इस बात का पता नहीं चल पाया है कि इस कंपनी ने उनकी क्या कमाई होती थी। हिंडनबर्ग का कहना है कि चेयरपर्सन माधबी बुच की ईमानदारी को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि इस कंपनी ने उनकी कितनी कमाई होती थी।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मुताबिक, "सबसे ज्यादा जरूरी ये है कि माधबी बुच प्राइवेट ईमेल के जरिए अपने पति के नाम पर ऑफशोर फंड को मैनेज करती थीं।"
तीसरा आरोप: ब्लैकस्टोन के साथ हितों का टकराव
सेबी में बुच के कार्यकाल के दौरान उनके पति धवल बुच को ब्लैकस्टोन में सीनियर एडवाइजर नियुक्त किया गया था। और ब्लैकस्टोन रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) की एक बड़ी इनवेसटर है।
हिंडनबर्ग का आरोप है कि बुच की लीडरशिप में सेबी ने कई ऐसे रेगुलेटरी बदलावों को पास किए जिससे REITs को फायदा हुआ। इन बदलावों की टाइमिंग और नेचर को ब्लैकस्टोन को होने वाले फायदों से जोड़ कर देखें तो हितों का टकराव साफ नजर आता है।
इंडस्ट्री के कॉन्फ्रेंस के दौरान सेबी की चेयरपर्सन ने REITs को 'भविष्य का फेवरेट प्रोडक्ट' भी बताया है। साथ ही निवेशकों को इस प्रोडक्ट को पॉजिटिव तरीके से देखने का निवेदन भी किया था। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि बुच ने ये बातें बताते हुए कभी भी ब्लैकस्टोन का जिक्र नहीं किया जिसे इसका फायदा हो रहा था। और जिसके एडवाइजर उनके पति थे।
चौथा आरोप: कंसल्टिंग बिजनेस में उलझन
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि माधबी पुरी बुच एक कंसल्टिंग फर्म Agora Advisory में 99 फीसदी हिस्सेदारी रखती हैं। इस कंपनी में उनके पति डायरेक्टर हैं। कंपनी की एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, फिस्कल ईयर 2022 में इस कंपनी को कंसल्टिंग से 1.98 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी। यह माधबी पुरी बुच की सेबी की होल टाइम मेंबर की सैलरी का 4.4 गुना था। आज तक इस कंपनी में 99 फीसदी हिस्सेदारी माधबी बुच की है। और उनके पति डायरेक्टर हैं।
हालांकि माधबी पुरी बुच और उनके पति ने हिंडनबर्ग की तरफ से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। बुच ने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है कि इस मामले में ज्यादा पारदर्शिता के लिए वह आगे और जानकारी देंगे। माधबी बुच ने कहा कि एक कंपनी जिस पर हमें कार्रवाई की और नोटिस भेजा था उसने हमारे चरित्र हनन का फैसला किया है।