Hindustan Copper Shares: कॉपर निकालने वाली हिंदुस्तान कॉपर के शेयरों में खरीदारी का जोरदार रुझान दिखा और इंट्रा-डे में यह 7% से अधिक उछल गया। लगातार पांचवे कारोबारी दिन आज इसके शेयर ऊपर चढ़े हैं और इन पांच दिनों में आज के इंट्रा-डे हाई के साथ यह करीब 18% मजबूत हो चुका है। कंपनी के शेयरों के लिए यह महीना सितंबर काफी शानदार रहा। इस महीने सिर्फ चार ही दिन रहा, जब इसके शेयर कमजोर हुए। अभी की बात करें तो हल्की-फुल्की मुनाफावसूली के साथ आज बीएसई पर यह 6.41% के उछाल के साथ ₹328.10 पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 7.28% उछलकर ₹330.80 पर पहुंच गया था।
पिछले एक साल में हिंदुस्तान कॉपर के शेयरों के चाल की बात करें तो पिछले साल 30 सितंबर 2024 को यह एक साल के हाई ₹352.60 पर था। इस हाई से छह महीने से थोड़े अधिक समय में यह 47.84% टूटकर 7 अप्रैल 2025 को ₹183.90 पर आ गया था जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है।
Hindustan Copper के शेयरों की ताबड़तोड़ तेजी का क्या है वजह?
हिंदुस्तान कॉपर मिनिस्ट्री ऑफ माइन के तहत काम करती है और यह कॉपर निकालती है और कॉपर के भाव वैश्विक स्तर पर एक साल से अधिक समय से रिकॉर्ड हाई के करीब बने हुए हैं। इसके भाव तब से मजबूत बने हुए हैं जब से फ्रीपोर्ट-मैकमोरैन इंक ( Freeport-McMoRan Inc) ने इंडोनेशिया में अपने बड़े माइन से सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट पर फोर्स मेजर (Force Majeure) घोषित किया। यह ऐलान जिस ग्रेसबर्ग (Grasberg) माइन के लिए हुआ है, वह दुनिया की सबसे बड़ी कॉपर सोर्स है।
कंपनी ने फोर्स मेजर का ऐलान 8 सितम्बर को हुई एक दुर्घटना के बाद की। इस दुर्घटना में दो वर्कर्स की मौत हो गई और पांच गायब हो गए और करीब 8 लाख टन सामग्री भारी मात्रा में बह गई थी। फोर्स मेज्योर कॉन्ट्रैक्ट में एक प्रावधान होता है, जिसमें नियंत्रण के बाहर की स्थिति जैसे कि बाढ़, युद्ध या महामारी के समय देनदारियों से कंपनी मुक्त रहती है। फ्रीपोर्ट-मैकमोरैन के ऐलान के बाद लंदन मेटल एक्सचेंज पर तीन महीने के बेंचमार्क कॉपर के भाव 3.9% उछलकर 15 महीने के हाई $10,400 प्रति टन पर पहुंच गए। इस तेजी के साथ कॉपर के भाव $11,104.50 के रिकॉर्ड हाई के करीब पहुंच गए जो इसने मई 2024 में छुआ था।
हिंदुस्तान जिंक के शेयरों को सिर्फ कॉपर के भाव में तेजी से ही नहीं, बल्कि े भी सपोर्ट मिला है। यह माइन जमशेदपुर में है और इसकी लीज 20 वर्षों के लिए आगे बढ़ाई गई है इससे इसके फिर से खुलने और विस्तार का मौका बढ़ गया है। इसके अलावा कंपनी ने कॉपर जैसे क्रिटिकल मिनरल्स को लेकर ऑयल इंडिया के साथ एक ज्वाइंट एमओयू किया है।
हिंदुस्तान कॉपर में सरकार की कितनी हिस्सेदारी?
पीएसयू कंपनी हिंदुस्तान कॉपर में जून तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के हिसाब से सरकार की हिस्सेदारी 66% है। म्यूचुअल फंड्स ने भी इस पर दांव लगाया हुआ है और इसमें उनकी 2.74% हिस्सेदारी है। देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी की हिंदुस्तान कॉपर में 4.67% हिस्सेदारी है। वहीं 6.4 लाख छोटे खुदरा निवेशकों यानी ₹2 लाख तक के निवेश वाले निवेशकों की कंपनी में 15.1% हिस्सेदारी है।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।