फंड जुटाने में एशिया में हांगकांग बना नंबर वन मार्केट, दूसरे पायदान पर भारत

हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज के अनुसार, IPO पाइपलाइन स्वस्थ दिख रही है। लगभग 300 कंपनियां लिस्ट होने का इंतजार कर रही हैं। भारत ने IPO के मामले में 2025 में लगातार दूसरे साल रिकॉर्ड बनाया। लॉन्च हुए IPO से 20 अरब डॉलर से ज्यादा की कमाई हुई

अपडेटेड Dec 14, 2025 पर 9:03 AM
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फंडरेजिंग में हांगकांग पूरी दुनिया में अब केवल अमेरिका से पीछे है।

कुछ वक्त पहले तक हांगकांग के शेयर-बिक्री बाजार की हालत खस्ता थी। चीन की मंदी इस बाजार में भी दिख रही थी। लेकिन साल 2025 में कहानी पूरी तरह से बदल गई। हांगकांग में इस साल IPO, प्लेसमेंट और ब्लॉक ट्रेड के जरिए शेयरों की बिक्री लगभग चार गुना बढ़कर 73 अरब डॉलर से ज्यादा की रही है। इससे 2013 के बाद पहली बार हांगकांग फंड जुटाने के मामले में एशिया में नंबर 1 पोजिशन पर है। पूरी दुनिया में यह केवल अमेरिका से पीछे है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, हांगकांग में चीनी कंपनियों ने अपनी ग्लोबल विस्तार योजनाओं को पावर देने के लिए बड़ी-बड़ी डील करके इस तेजी को और बढ़ाया। बैटरी बनाने वाली कंपनी कंटेंपरेरी एम्पेरेक्स टेक्नोलॉजी कंपनी ने मई में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी लिस्टिंग में 5.3 अरब डॉलर जुटाए। BYD कंपनी और Xiaomi कॉर्प ने शेयर प्लेसमेंट में 5 अरब डॉलर से ज्यादा जुटाए। जब ​​अमेरिका ने टैरिफ लगाए, तब भी डील आगे बढ़ती रहीं।

इस साल दुनिया की 5 सबसे बड़ी शेयर सेल लोकेशंस में से 4 एशिया में


फंड जुटाने के मामले में यह तेजी केवल हांगकांग ही नहीं बल्कि पूरे एशिया में फैली हुई है। दुनिया की 5 सबसे बड़ी शेयर सेल लोकेशंस में से 4 इसी महाद्वीप में हैं। नंबर वन पोजिशन पर तो हांगकांग है और उसके बाद भारत, चीन और जापान हैं। हांगकांग में शेयर बिक्री की यह बाढ़ 2022 में शुरू हुए सूखे के बिल्कुल उलट है। इस साल हांगकांग का बाजार, चीन की AI महत्वाकांक्षाओं, बायोटेक्नोलॉजी में प्रगति, घरेलू मांग को बढ़ावा देने के लिए चीन की कोशिशों, सोने और एल्यूमीनियम की वैश्विक कीमतों में बढ़ोतरी से फायदे में रहा। इस बीच चीन में शेयर बिक्री अपेक्षाकृत धीमी रही।

अगले साल लिस्ट हो सकती हैं 300 कंपनियां

हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज के अनुसार, IPO पाइपलाइन भी स्वस्थ दिख रही है। लगभग 300 कंपनियां अपने शेयर लिस्ट करने का इंतजार कर रही हैं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, मामले की जानकारी रखने वालों का कहना है कि सबसे बड़े संभावित IPO में सिंजेंटा ग्रुप और ए.एस. वॉटसन ग्रुप शामिल हैं। चीन की AI कंपनियों के शेयर भी लिस्ट होने की उम्मीद है। हांगकांग में लिस्ट हुई कंपनियों ने इस साल अपनी शुरुआती कीमतों से लगभग 50% का वेटेड एवरेज रिटर्न दिया है। अब अगले साल लिस्ट होने की तैयारी कर रहीं 300 कंपनियों में से कितनी लिस्टिंग सफल होती हैं, परफॉरमेंस कितनी अच्छी रहती है, यह शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। हैंग सेंग इंडेक्स ने इस साल 29.5% की बढ़त हासिल की है। यह 2017 के बाद से अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की राह पर है।

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भारत का कितना दबदबा, चीन कहां

घरेलू म्यूचुअल फंड्स और रिटेल निवेशकों की ओर से बढ़ते निवेश से भारत ने IPO के मामले में 2025 में लगातार दूसरे साल रिकॉर्ड बनाया। लॉन्च हुए IPO से 20 अरब डॉलर से ज्यादा की कमाई हुई। मौजूदा शेयरहोल्डर्स ने भी ब्लॉक ट्रेड के जरिए अपनी होल्डिंग्स बेचने की होड़ लगा दी है। अगले साल भारत में लिस्ट होने वाली बड़ी कंपनियों में जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड का नाम भी शामिल है। इसका IPO देश में अब तक का सबसे बड़ा IPO हो सकता है। चीन की बात करें तो रिटेल निवेशक चीनी चिप बनाने वाली कंपनियों के IPOs के लिए होड़ लगा रहे हैं। इंडस्ट्री की लीडर मूर थ्रेड्स टेक्नोलॉजी कंपनी के शेयर शंघाई में अपने हालिया डेब्यू में 400% से ज्यादा बढ़े।

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