भारत के बाजार तमाम पैमानों पर अच्छे नजर आ रहे हैं। बाजार में हाल में आए करेक्शन और उतार-चढ़ाव के बावजूद लंबी अवधि के नजरिए से कमाई के बड़े मौके हैं। ये बातें क्वांटम एडवाइजर्स (Quantum Advisors) के क्वांटम एडवाइजर्स के आई वी सुब्रमण्यम (IV Subramaniam) ने मनीकंट्रोल से कहीं है। हालांकि इस बातचीत में उन्होंने बाजार के बॉटम और टॉप पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
इक्विटी बाजार का 25 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले आई वी सुब्रमण्यम का मानना है कि बाजार में इतनी ज्यादा संभावनाएं हैं कि सभी निवेशकों को इंडियन इक्विटीज पर ओवर वेट होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि Bloomberg के सर्वे से यह निकलकर आया है कि अमेरिका की इकोनॉमी के मंदी में फिसलने की काफी संभावनाएं नजर आ रही हैं लेकिन अमेरिका की मंदी से भारत पर कोई बड़ा असर नहीं होगा। इससे हमारी ग्रोथ रेट में हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है लेकिन इसमें बाद में फिर से तेजी आएगी। 2008 के वित्तीय सकंट के दौरान भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था। इसकी अहम वजह यह है कि भारत एक बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब नहीं है। देश की जीडीपी में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के एक्सपोर्ट का योगदान करीब 10 फीसदी के आसपास है। ऐसे में विकसित देशों में आने वाले किसी मंदी से भारत पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
FMCG सेक्टर की चाल पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस साल अब तक बाजार की तेजी में पावर, ऑटो और फिर उसके बाद FMCG स्टॉक का सबसे ज्यादा योगदान रहा है। 2021 में कमजोर प्रदर्शन के बाद FMCG सेक्टर फिर से ग्रोथ दिखा रहा है। इस सेक्टर की लॉन्ग टर्म ग्रोथ संभावनाओं को देखते हुए FMCG स्टॉक में निवेश की संभावनाएं बनती हैं। हालांकि आपका निवेश करने या ना करने का निर्णय इस बात पर निर्भऱ करेगा कि आप किस तरह के निवेशक हैं।
कोई वैल्यू निवेशक संभवत: FMCG सेक्टर से बचना चाहेगा क्योंकि इस समय यह सेक्टर महंगा नजर आ रहा है। वहीं ग्रोथ इनवेस्टर के लिए इस समय FMCG सेक्टर अच्छा नजर आ रहा है।
क्या एफआईआई एक बार फिर भारत की तरफ रुख कर रहे हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए आईवी सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत से जुड़ी संभावनाएं इतनी ज्यादा हैं कि सभी तरह के निवेशकों को भारतीय इक्विटी बाजार को लेकर ओवरवेट होना चाहिए। हालांकि बढ़ती ब्याज दरों की वजह से नियर टर्म में एफआईआई के फ्लो पर निगेटिव असर देखने को मिल सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि कुछ हफ्तों के रुझान को देखकर अभी हम यह नहीं कह सकते कि एफआईआई एक बार फिर भारत की ओर रुख कर रहे हैं। हालांकि यह कहा जा सकता है कि अब तक आई गिरावट के बाद भारत का वैल्यूएशन काफी आर्कषक हो गया है। तुलनात्मक रूप से भारत का ग्रोथ आउटलुक भी अच्छा नजर आ रहा है। ऐसे में कुछ ऐसे विदेशी निवेशक जो इस साल काफी बिकवाली कर चुके हैं वो एक बार फिर भारत में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
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