भारत के टॉप तेल और गैस उत्पादक ओएनजीसी (ONGC) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 23 की जून तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा तीन गुना होने की सूचना दी। सरकार द्वारा एनर्जी रेट्स में ग्लोबल रैली से उत्पन्न होने वाले विंडफॉल मुनाफे पर कर लगाने से पहले कंपनी ने अपने प्रोडक्ट्स पर रिकॉर्ड कीमतें अर्जित की हैं। इसकी वजह से कंपनी का मुनाफा तीन गुना बढ़ गया है।
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (Oil and Natural Gas Corporation's (ONGC) का स्टैंडअलोन शुद्ध मुनाफा अप्रैल-जून में 15,205.85 करोड़ रुपये या प्रति शेयर 12.09 रुपये रहा। जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 4,334.75 करोड़ रुपये या 3.45 रुपये प्रति शेयर रहा था। कंपनी द्वारा की गई स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग से ये जानकारी मिली है।
वहीं तिमाही आधार पर देखें तो कंपनी का मुनाफा जनवरी-मार्च के 8,859.54 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे से अधिक रहा। कंपनी की आय में वृद्धि हुई क्योंकि कंपनी को कच्चे तेल के लिए 108.54 डॉलर प्रति बैरल की कीमत मिली। जो पिछले साल की समान अवधि में 65.59 डॉलर प्रति बैरल की दर से बेची गई थी। गैस की कीमत 1.79 अमेरिकी डॉलर से दोगुनी से अधिक बढ़कर 6.1 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट हो गई।
इस साल फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से अंतर्राष्ट्रीय एनर्जी की कीमतों में वृद्धि हुई है। विशेष रूप से यूरोप के लिए एक प्रमुख कमोडिटी सप्लायर के रूप में देश की भूमिका को देखते हुए वैश्विक किल्लत के बारे में चिंताएं बढ़ गईं हैं।
अप्रैल-जून तिमाही में भारत द्वारा आयात किए जाने वाले कच्चे तेल की कीमत 110 अमेरिकी डालर प्रति बैरल थी। रैली ने सरकार को 1 जुलाई से घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) विंडफॉल प्रॉफिट कर लगाने के लिए प्रेरित किया था।
2021-22 के वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) के लिए ओएनजीसी ने 1.1 लाख करोड़ रुपये के कारोबार पर 40,306 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया था। उस साल इसके तेल की औसत कीमत 76.62 डॉलर प्रति बैरल और गैस की दर 2.35 डॉलर प्रति mmBtu थी।