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TCS का 18,000 करोड़ रुपये का बायबैक आज होगा बंद, मिला जोरदार रिस्पॉन्स,रिटेल निवेशकों की क्या हो रणनीति

शेयर बायबैक, जिसे शेयरों की पुर्नखरीद के रूप में भी जाना जाता है। इसमें कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों से अपने शेयरों को प्रचलित बाजार भाव से प्रीमियम पर वापस खरीदती है.

अपडेटेड Mar 23, 2022 पर 1:25 PM
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सितंबर 2021 में Infosys ने भी बायबैक ऑफर रखा था। इस ऑफर की साइज 9,200 करोड़ रुपये थी। इसी तरह जनवरी 2020 में Wipro भी 9,500 करोड़ रुपये का बायबैक ऑफर लेकर आया था.

भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी Tata Consultancy Services (TCS) 9 मार्च को बाजार में अपना चौथा बायबैक ऑफर लेकर आई थी। यह बायबैक ऑफर आज यानी 23 मार्च को बंद होगा। बीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध 22 मार्च शाम 4 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक शेयर धारकों ने इस बायबैक मे कुल 22 करोड़ शेयर टेंडर किए हैं।

इस ऑफर के तहत 4 करोड़ शेयर या करीब 1.1 फीसदी इक्विटी की खरीदारी 4,500 रुपये प्रति शेयर के भाव पर करेगी जो कि 22 मार्च के 3701 रुपये के क्लोजिंग प्राइस से करीब 21 फीसदी ज्यादा है। टीसीएस का 18,000 करोड़ रुपये का यह बायबैक देश में किसी आईटी कंपनी द्वारा लाया गया अब तक का सबसे बड़ा बायबैक ऑफर है।

इस ऑफर को शेयर धारकों की तरफ से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है। यह ऑफर अपने इश्यू साइज से 5.5 गुना ज्यादा भरा है जबकि आज का दिन अभी बाकी भी है क्योंकि यह ऑफर आज शाम 5 बजे बंद होने वाला है।


इससे पहले TCS ने जानकारी दी कि छोटे शेयरधारकों के लिए रिजर्व्ड कैटेगरी में बायबैक का रेश्यो रिकॉर्ड तिथि पर निवेशक के पास मौजूद प्रत्येक 7 इक्विटी शेयरों के लिए 1 इक्विटी शेयर होगा। जबकि जनरल कैटेगरी में अन्य सभी पात्र शेयरधारकों के लिए रिकॉर्ड तिथि को मौजूद प्रत्येक 108 इक्विटी शेयरों के लिए बायबैक का रेश्यो 1 होगा।

आईटी की दिग्गज कंपनी पात्रता और टीसीएस के शेयर बायबैक (TCS Buyback) के लिए पात्रता पात्र इक्विटी शेयरधारकों के नाम निर्धारित करने के उद्देश्य से रिकॉर्ड तिथि के रूप में ने 23 फरवरी, 2022 की तारीख तय की है।

पिछले 5 साल में टीसीएस का यह चौथा और सबसे बड़ा बायबैक ऑफर । TCS का पिछला बायबैक 18 दिसंबर, 2020 को खुला था और 1 जनवरी, 2021 को बंद हुआ था। इस बायबैक की साइज लगभग 16,000 करोड़ रुपये थी।

शेयर बायबैक, जिसे शेयरों की पुर्नखरीद के रूप में भी जाना जाता है। इसमें कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों से अपने शेयरों को प्रचलित बाजार भाव से प्रीमियम पर वापस खरीदती है। यह शेयरधारकों को पैसा लौटाने का एक वैकल्पिक टैक्स-एफिशिएंट तरीका हो सकता है। शेयर बायबैक से सर्कुलेशन वाले शेयरों की संख्या कम हो जाती है। जिसके बाद शेयर भाव और प्रति शेयर कमाई (EPS) बढ़ सकती है।

रिटेल निवेशकों की क्या हो रणनीति

Swastika Investmart के संतोष मीणा का कहना है कि इस बायबैक को रिटेल निवेशकों से मिले दमदार रिस्पॉन्स को देखते हुए लगता है कि इसका एक्सेप्टेंस रेश्यो 14 फीसदी से 15 फीसदी के बीच रहेगा। शॉर्ट टर्म निवेशकों को इस मौके का फायदा उठाते हुए बायबैक में अपने शेयर टेंडर करने चाहिए। यहां तक की लॉन्ग टर्म शेयर धारकों को भी इस बायबैक में शेयर टेंडर करने की सलाह होगी। क्योंकि यह बायबैक टैक्स फ्री है। लॉन्ग टर्म शेयर होल्डरों को टेंडर किए गए शेयरों को ओपन मार्केट से फिर से खरीदने की सलाह होगी। नॉन टेंडर शेयरों के लिए निवेशकों को सलाह होगी कि वह इसमें बने रहें क्योंकि कंपनी के फंडामेटल्स काफी मजबूत है और आईटी सेक्टर के लिए भी मजबूती के संकेत नजर आ रहे हैं।

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बता दें कि सितंबर 2021 में Infosys ने भी बायबैक ऑफर रखा था। इस ऑफर की साइज 9,200 करोड़ रुपये थी। इसी तरह जनवरी 2020 में Wipro भी 9,500 करोड़ रुपये का बायबैक ऑफर लेकर आया था जबकि 2018 में HCL Tech 4000 करोड़ रुपये का बायबैक लेकर आया था।

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